पश्चिम बंगाल के उत्तरी 23 परगना जिले का संदेशखाली इलाका इन दिनों खूब चर्चा में है. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां के ठिकानों पर छापेमारी करने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर यहीं हमला हुआ था. शेख शाहजहां अभी भी फरार है. इसी मामले में टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आमने-सामने हैं. सैकड़ों महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. अब टीएमसी के एक नेता ने कहा है कि आरएसएस और बीजेपी के लोग इन महिलाओं को बाहर से ला रहे हैं. खुद ममता बनर्जी ने कहा है कि इस प्रदर्शन का आरएसएस से संबंध है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस से जिन पांच महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी, उन्हें पुलिस उठा ले गई है.
हाल ही में कई महिलाओं ने शिकायत की थी कि शेख शाहजहां और उसके लोग स्थानीय महिलाओं को उठा ले जाते हैं और यौन उत्पीड़न करते हैं. इसी को लेकर महिलाओं ने उग्र प्रदर्शन किया था. इन्हीं प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शेख शाहजहां के लोगों के घरों में आग लगा दी थी. मामला संभालने के लिए पुलिस फोर्स भेजी गई और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई. इस मामले पर बीजेपी भी आक्रामक प्रदर्शन कर रही है और टीएमसी पर आरोप लगा रही है. आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं.
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ED पर हमला
5 जनवरी को ईडी की एक टीम शेख शाहजहां के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची थी. राशन घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम पर हुए इस हमले में तीन अधिकारी घायल हुए थे. इसी के बाद से शेख शाहजहां फरार हो गया और अभी तक उसका पता नहीं चला है. ईडी ने आरोप लगाए थे कि हजारों लोग शेख शाहजहां के घर के सामने इकट्ठा हो गए थे. कहा गया कि ये लोग टीएमसी के कार्यकर्ता थे. इसको लेकर भी बीजेपी और टीएमसी में जमकर आरोप प्रत्यारोप हुआ.
अब स्थानीय महिलाओं ने शेख शाहजहां और उसके समर्थकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सैकड़ों महिलाएं हाल ही में सड़क पर उतरीं. इन महिलाओं का आरोप है कि टीएमसी के नेता और कार्यकर्ता गांव की महिलाओं और बेटियों पर नजर रखते हैं और जो पसंद आ जाए उसे पार्टी कार्यालय उठा ले जाते हैं. उन्हें रात भर रखा जाता था और यौन उत्पीड़न किया जाता था. महिलाओं का आरोप है कि इसका विरोध करने पर सरकारी सुविधाएं बंद कर दी जाती थीं और पुलिस शिकायत भी नहीं ली जाती थी.
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शेख शाहजहां का माफिया राज?
महिलाओं ने शेख शाहजहां के अलावा उसके दो खास गुर्गों- उत्तम सरदार और शिबू हाजरा का नाम भी लिया. बाद में पुलिस ने उत्तम सरदार को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन शिबू हाजरा फरार हो गया. अब टीएमसी ने इन नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया है. कहा जाता है कि संदेशखाली में शेख शाहजहां की तूती बोलती है और वह किसी माफिया की तरह यहां अपना एक छत्र राज चलाता है.
इन्हीं नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन करने उतरी महिलाएं अपने साथ लाठी-डंडे लेकर आईं. महिलाओं ने शेख शाहजहां और टीएमसी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों में आग भी लगा दी. स्थिति बिगड़ने के बाद यहां पुलिस फोर्स तैनात करके धारा 144 लगा दी गई है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस इन महिलाओं से मिलने पहुंचे और उनका हालचाल जाना. अब बीजेपी आरोप लगा रही है कि जिन महिलाओं ने राज्यपाल से शिकायत की उन्हें पुलिस उठा ले गई.
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महिला आयोग की टीमें पहुंचीं संदेशखाली
बीजेपी के नेता लगातार संदेशखाली जाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए ममता बनर्जी की सरकार ने यहां सुरक्षा बढ़ा दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य महिला आयोग और केंद्रीय महिला आयोग की टीमें भी संदेशखाली पहुंची हैं. राज्य महिला आयोग ने रेप की बातों से इनकार किया है. वहीं, केंद्रीय महिला आयोग का कहना है कि शिकायत करने वाली महिलाओं के रिश्तेदारों के खिलाफ ही केस दर्ज किया जा रहा है.
RSS पर बरसीं ममता बनर्जी
आज इस बारे में ममता बनर्जी ने कहा, 'यहां आरएसएस का बेस है. यहां 7-8 साल पहले दंगे हुए थे. यह उन्हीं संवेदनशील जगहों में से एक है. सरस्वती पूजा के दौरान हमने सख्ती से स्थिति संभाली वरना यहां तो अलग ही योजना थी.' उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगाए हैं कि वह उत्तर 24 परगना जिले में हिंसा भड़का रहा है.
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पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने कभी भी अन्याय का समर्थन नहीं किया. मैं वहां राज्य आयोग और प्रशासन को भेजा. अभी तक 17 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. हमारी महिलाओं की टीम वहां है. महिला पुलिस की टीम लोगों के घरों पर जा रही है और उनकी समस्याएं सुन रही है. जो भी समस्याएं बताई जाएंगी हम उनका समाधान जरूर करेंगे. कार्रवाई करने के लिए मुझे समस्या के बारे में जानना होगा."
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संदेशखाली: ED पर हमला और महिलाओं पर अत्याचार! पढे़ं पूरी कहानी