डीएनए हिंदी: देश में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राज्यसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है. कुल 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों के लिए अप्रैल से पहले-पहले चुनाव होने हैं. इसमें सबसे ज्यादा 10 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं. कुछ राज्यों में ये चुनाव एकतरफा होने की उम्मीद है. वहीं, कुछ राज्यों में लड़ाई काफी रोमांचक होने वाली है और एक-दो सीटों पर जमकर संघर्ष देखने को मिल सकता है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इन सीटों के लिए सोमवार को चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है. इन सभी सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होने हैं. ये चुनाव उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में होने हैं.
चुनाव की अधिसूचना 8 फरवरी को जारी की जाएगी. नामांकन भरने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. नामांकनों की जांच 16 फरवरी तक होगी और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 20 फरवरी को है. चुनाव की तारीख 27 फरवरी को है और इसी दिन सुबह 9 बजे से शाम के 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे. इसी दिन 5 बजे से काउंटिंग शुरू हो जाएगी. 29 तारीख से पहले-पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
कहां-कहां होने हैं चुनाव?
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं. इसके अलावा, बिहार और महाराष्ट्र की 6-6, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, गुजरात और कर्नाटक में चार-चार और तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में तीन-तीन सीटों पर राज्यसभा सांसद चुने जाने हैं. साथ ही, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की एक-एक सीट पर भी चुनाव होने हैं.
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कैसे होते हैं राज्यसभा के चुनाव?
सबसे पहले लोकसभा और राज्यसभा में यह अंतर समझना जरूरी है कि लोकसभा भंग की जा सकती है लेकिन राज्यसभा एक स्थायी सदन है. यानी चुनाव के बावजूद कभी भी राज्यसभा खाली नहीं होती है. राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है. इंतजाम कुछ यूं किए गए हैं कि हर दो साल पर एक तिहाई सीटें खाली होती हैं और इन पर चुनाव होते रहते हैं. वहीं, लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 साल का होता है.
लोकसभा के चुनाव में आम जनता वोट डालती है. वहीं, राज्यसभा में एक प्रतिनिधिमंडल होता है और इसी में शामिल लोग ही राज्यसभा के उम्मीदवारों के लिए वोट डालते हैं. लोकसभा चुनाव के लिए जहां न्यूनतम उम्र 25 साल है वहीं राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र 30 साल है. बता दें कि राज्यसभा के सदस्यों की कुल संख्या 250 (2019 के बाद 245) है. इसमें से 12 सदस्य नामित किए जाते हैं. बाकी की 238 सीटों पर चुनाव होते हैं.
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राज्यसभा चुनाव में कौन डालता है वोट?
राज्यसभा के चुनावों के लिए आम जनता के बजाय राज्य के चुने हुए विधायक वोट डालते हैं. विधान परिषद के सदस्य राज्यसभा के चुनाव में वोट नहीं डालते हैं. इस चुनाव में खास फॉर्मूला होता है. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं. मौजूदा समय में खाली सीटें 10 हैं. ऐसे में 10 में 1 जोड़ा जाएगा और फिर 11 से 430 में भाग दिया जाएगा. नतीजा आएगा 36.63. ऐसे में इसे 37 गिना जाएगा और एक उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल 37 वोट चाहिए होंगे यानी कुल 37 विधायकों का वोट चाहिए.
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के गठबंधन के पास कुल बीजेपी की 255, अपना दल (S) की 12, निषाद पार्टी के 6, SBSP 6 के वोट हैं. यानी कुल 279 मत हैं. ऐसे में सात सीटें बीजेपी आसानी से जीत सकती है. वहीं सपा के 111, आरएलडी के 8 और कांग्रेस के 2 विधायकों की बदौलत 3 सीटें जीत सकती है. दोनों ही प्रमुख पार्टियों के पास पर्याप्त वोट हैं ऐसे में किसी भी सीट पर संघर्ष के बहुत कम ही आसार हैं. हालांकि, अगर बीजेपी 7 के बजाय 8 और सपा 3 के बजाय 4 उम्मीदवार उतारती है तो लड़ाई रोमांचक हो सकती है.
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राज्यसभा चुनाव कैसे होते हैं? आम जनता नहीं तो कौन डालता है वोट?