डीएनए हिंदी: क्या 2024 लोकसभा चुनाव से पहले INDIA गठबंधन का सपना बिखरने की कगार पर है? पिछले कुछ दिनों के राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का विवाद चरम पर पहुंच गया है. दोनों पार्टियों के बीच पोस्टर वॉर हो रहा है. दरअसल, यूपी में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को देश का ‘भावी प्रधानमंत्री’ बताने वाला बैनर लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने भी पीएम पद को लेकर दावेदारी ठोक दी.
लखनऊ में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने पार्टी दफ्तर के बाहर एक होर्डिंग लगा दिया. जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को '2024 में प्रधानमंत्री’ और 2027 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को ‘राज्य का मुख्यमंत्री’ बनाने का आह्वान किया गया है. पिछले सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को देश का ‘भावी प्रधानमंत्री’ बताने वाला एक बड़ा बैनर पार्टी दफ्तर के बाहर दिखाई दिया था जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी. बीजेपी ने इस पर चुटकी लेते हुए इस ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’ गठबंधन) के अन्य सदस्यों पर दबाव बनाने का प्रयास बताया है.
‘2024 में राहुल, 2027 में राय,
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ता नितांत सिंह नितिन द्वारा लगाए गए इस होर्डिंग में एक तरफ राहुल गांधी और दूसरी तरफ अजय राय की तस्वीर लगाई गई है. तस्वीरों के साथ लिखा, ‘2024 में राहुल, 2027 में राय, देश-प्रदेश बोल रहा है, हाथ के साथ आएं.’ नितिन ने कहा कि यह कार्यकर्ताओं की भावना है. साथ ही आम लोग भी कांग्रेस के साथ आना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा और राहुल प्रधानमंत्री बनेंगे. उसके बाद अजय राय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे. लोगों में कांग्रेस पार्टी के प्रति विश्वास बढ़ रहा है.’
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कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि होर्डिंग एक पार्टी कार्यकर्ता द्वारा लगाया गया है और यह उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति है. राजनीति में ऐसा अक्सर देखा जाता है. सपा कार्यालय के सामने पोस्टर लगाने वाले पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा लगाई गई होर्डिंग पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही हैं और समाजवादी लंबे समय से यह बात कह रहे हैं. कोई भी पार्टी पोस्टर लगा सकती है. यह उसकी भावनाएं हो सकती हैं.’
गठबंधन के भविष्य पर क्या होगा असर
2024 से पहले इंडिया गठबंधन के घटक दलों की रार बीजेपी की राह आसान कर सकती है. जानकारों की मानें तो इस गठबंधन में शुरुआत से ही विरोधाभास नजर आ रहा था. लेकिन पांच राज्यों के चुनाव ने इसे बाहर ला दिया. उनका कहना है कि इंडिया गठबंधन का घटकदल जो जहां मजबूत है वह वहां किसी और को जगह नहीं देना चाहता. इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश में देखने को मिला, जहां कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस से पांच सीट मांग रहे थे. लेकिन कांग्रेस ने अखिलेश यादव से बात किए बगैर ही सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. जिससे नाराज अखिलेश ने कांग्रेस पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया. राजनीतिक विश्लेशकों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2024 तक गठबंधन का टिकना मुश्किल है. (PTI इनपुट के साथ)
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प्रधानमंत्री पद को लेकर पोस्टर वॉर, क्या 2024 से पहले बिखर जाएगा INDIA परिवार?