डीएनए हिंदीः आज तय हो जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति (President) कौन होगा. राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) में गुरुवार को मतगणना होनी है. एनडीए (NDA) की ओर से द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) चुनाव मैदान में थे. हालांकि द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. एनडीए के अलावा बीजेपी, जेएमएम आदि पार्टियों ने भी द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया था. 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे. राष्ट्रपति कब शपथ लेगा इस बात को लेकर संविधान में किसी भी तरह का कोई उल्लेख नहीं है लेकिन 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे. उन्होंने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. उसके बाद से ही यह परंपरा बन गई. अब राष्ट्रपति पद की शपथ 25 जुलाई को ही ली जाती है.
राष्ट्रपति को कौन दिलाता है शपथ?
राष्ट्रपति को देश के चीफ जस्टिस शपथ दिखाते हैं. अगर चीफ जस्टिस किसी वजह से मौजूद नहीं होते हैं तो सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज राष्ट्रपति को शपथ दिलाते हैं. संविधान के अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति को शपथ दिलाने को लेकर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है.
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रपति की क्या होती हैं शक्तियां, कितनी मिलती है सैलरी और अन्य सुविधाएं, जानें सबकुछ
राष्ट्रपति की मृत्यु होने पर कौन संभालता है पद?
अगर राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाए या किसी अन्य वजह से यह पद खाली हो जाए को ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति उनका कार्यभार संभालते हैं. हालांकि उपराष्ट्रपति को भी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने से पहले पद की शपथ लेनी होती है.
क्या राष्ट्रपति इस्तीफा दे सकते हैं?
प्रधानमंत्री या किसी भी संवैधानिक पद की तरह राष्ट्रपति भी अपना इस्तीफा दे सकते हैं. राष्ट्रपति अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति को देते हैं. इसके बाद उपराष्ट्रपति की भूमिका बढ़ जाती है. अगर राष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा देते हैं तो नए राष्ट्रपति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाती है. राष्ट्रपति का पद 6 महीने से अधिक खाली नहीं रह सकता है.
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रपति होते हैं देश के पहले नागरिक, जानिए आपका लिस्ट में कौन सा है नंबर
क्या राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है?
राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है. हालांकि राष्ट्रपति को भी पद से हटाने का संविधान में प्रावधान है. राष्ट्रपति को पद से हटाने की एक प्रक्रिया होती है. इसे महाभियोग कहा जाता है. इस प्रक्रिया में संसद के दोनो सदनों में इस महाभियोग प्रस्ताव को प्रस्तुत किया जाता ही और कुल सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत प्राप्त होने पर ही महाभियोग से राष्ट्रपति को पद से मुक्त किया जा सकता है. राष्ट्रपति पर महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन ( लोक सभा और राज्य सभा ) प्रस्तुत किया जा सकता है. महाभियोग प्रस्तुत करने की सूचना राष्ट्रपति को 14 दिन पहले ही होनी चाहिए. इसके अलावा इस प्रस्ताव पर उस सदन के कम से कम एक चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए जहां पर इसे प्रस्तुत किया जा रहा है. सदनों में अगर महाभियोग के प्रस्ताव को समस्त सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत स्वीकार कर लेता है तो ही राष्ट्रपति को पद मुक्त समझा जाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं
- Log in to post comments
राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है? इस्तीफे या मृत्यु के बाद कौन संभालता है कार्यभार, जानें सबकुछ