डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की सियासत में रविवार को उस वक्त भूचाल आ गया जब एनसीपी नेता अजित पवार अचानक करीब एक दर्जन विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए. उन्होंने महाराष्ट्र की शिंदे-फणडवीस सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी के 9 विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए. अजित पवार के साथ आने को बीजेपी का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों की माने तो बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. एक तो विपक्षी एकता को करारा झटका दिया है और दूसरा 2024 पहले शिंदे पर नकेल कसने के लिए उसने महाराष्ट्र में नया पार्टनर भी ढूंढ लिया है.
अजित पवार के साथ आ जाने से बीजेपी के पास अगले लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के अलावा अजित पवार का बड़ा विकल्प मौजूद होगा. पार्टी इसका फायदा उठा सकती है. क्योंकि बीजेपी को मालूम है कि पिछले साल जब उसने शिवसेना के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा था कि तब उसकी 18 सीटें आई थीं. लेकिन शिवसेना में दो फाड़ हो जाने के बाद एकनाथ शिंदे से उसे इतनी सीटें मिलने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में उसने अजित पवार को साथ लाकर 2024 के लिए अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. अब अजित की एनसीपी और शिंदे की शिवसेना मिलकर केंद्र में बीजेपी को फिर से सत्ता पर काबिज करने के लिए मजूबती दे सकती हैं.
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अजित पवार के आने से शिंदे पर कसेगी नकेल!
अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से बीजेपी मजबूत हो गई है. अगर अब शिंदे गुट बगावत भी करता है तो बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा होगा. वर्तमान सरकार में कुल 166 विधायकों को समर्थन है. इनमें शिंदे गुट की शिवसेना के 40 विधायक हैं. अगर ये 40 विधायक चले भी जाते हैं तो बीजेपी के पास 126 का आंकड़ा बच जाएगा. वहीं, अजित पवार जिस तरह से 40 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं अगर वो 30 विधायक भी अपने साथ जोड़ने में कामयाब रहते हैं, तो भी सरकार के पास 156 विधायकों को समर्थन होगा, जो बहुमत से 11 ज्यादा होगा.
अजित पवार के आने से बीजेपी को एक और सबसे फायदा होगा. सीएम भले एकनाथ शिंदे ही रहें लेकिन सरकार में पलड़ा अब बीजेपी का भारी होगा. देवेंद्र फणडवीस और अजित पवार की डिप्टी सीएम की जोड़ी सरकार पर हावी रहेगी. इनके बगैल अब शिंदे कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकेंगे.
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शरद पवार के साथ विपक्षी एकता को बड़ा झटका
बीजेपी का यह मास्टरस्ट्रोक विपक्षी एकता के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है. इसका घाटा सिर्फ शरद पवार को ही नहीं बल्कि समूचे विपक्ष को भी होगा. विपक्षी खेमे में शरद पवार बड़े चेहरा माने जाते हैं. ऐसे एनसीपी में टूट से उनकी सियासी ताकत तो कम होगी ही साथ ही उसके वोटबैंक को भी झटका लगेगा. अजित पवार के बूते बीजेपी लोकसभा चुनाव में NCP के बड़े वोटबैंक को एनडीए के पाले में खींचने की कोशिश करेगी.
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महाराष्ट्र में BJP ने चला ऐसा सियासी दांव, शिंदे पर नकेल, शरद पवार समेत पूरा विपक्ष फेल