Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के ऐलान से ठीक पहले चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) अरुण गोयल (Arun Goel) ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे पर सवाल उठ रहे हैं.
उनका कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 को खत्म होने वाला था लेकिन 3 साल पहले हुए इस्तीफे ने अचानकर पूरे देश को डरा दिया है. अगले साल फरवरी में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद वे ही मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनने वाले थे.
कानून मंत्रालय (Law Ministry) की एक अधिसूचना में कहा गया है कि अरुण गोयल (Arun Goel) का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार, 9 मार्च को मंजूर कर लिया गया है.
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अभी तक यह पता नहीं चला है कि अरुण गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया. कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई मुद्दों पर मतभेद थे और यह उनके इस्तीफे की एक वजह हो सकता है. अरुण गोयल ने इस्तीफा देते समय निजी कारणों का हवाला दिया है.
क्यों उनके फैसले पर उठ रहे हैं सवाल?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने X पर पोस्ट किया, 'EC अरुण गोयल ने कोलकाता में ECI की चुनाव समीक्षा बैठक के ठीक बाद इस्तीफा क्यों दिया, जहां से वह अचानक चले गए थे? वे चुनाव में कई चरणों की संख्या और ज्यादा सुरक्षाबलों की तैनाती पर दिल्ली के आदेश से असहमत थे. अब उनकी जगह मनचाहा अधिकारी जगह लेगा.'
एक अन्य तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद साकेत गोखले (Saket Gokhle) ने कहा कि यह चिंताजनक है कि आम चुनाव से पहले चुनाव पैनल में दो नियुक्तियां की जानी हैं.
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साकेत गोखले ने लिखा, 'चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. अन्य ईसी का पद खाली है. इससे चुनाव आयोग में अब सिर्फ एक मुख्य चुनाव आयुक्त रह गया है.'
कांग्रेस ने भी अरुण गोयल के इस्तीफे पर गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोका गया तो तानाशाही लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'चुनाव आयोग या चुनाव में चूक? भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है. क्यों? जैसा कि मैंने पहले कहा है, अगर हम अपने स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोकते हैं तो हमारा लोकतंत्र तानाशाही द्वारा हड़प लिया जाएगा.'
Election Commission or Election OMISSION?
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 9, 2024
India now has only ONE Election Commissioner, even as Lok Sabha elections are to be announced in few days. Why?
As I have said earlier, if we do NOT stop the systematic decimation of our independent institutions, our DEMOCRACY shall…
कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है.'
अरुण गोयल कौन हैं?
- अरुण गोयल, पंजाब कैडर के 1985-बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं. वे नवंबर 2022 में भारत निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे.
- उनका जन्म 7 दिसंबर, 1962 को पटियाला में हुआ था.
- अरुण गोयल गणित से MSC हैं. वे पंजाब विश्वविद्यालय से पढ़े हैं. उन्हें चांसलर मेडल ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड भी यूनिवर्सिटी ने दिया था.
- उन्होंने चर्चिल कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड से विकास अर्थशास्त्र में पढ़ाई की है.
- अरुण गोयल ने जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड विश्वविद्यालय, यूएसए से ट्रेनिंग ली है.
अब खाली हो गया है चुनाव आयोग?
फरवरी में अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने के बाद 3 सदस्यीय चुनाव पैनल में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बचे हैं. 18 नवंबर, 2022 को अरुण गोयल ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था.
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उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिका में सरकार से पूछा था कि आखिरकार जल्दबाजी क्या थी.
याचिका को बाद में 2023 में दो-न्यायाधीशों की पीठ ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक संविधान पीठ ने इस मुद्दे की जांच की थी लेकिन अरुण गोयल की नियुक्ति को रद्द करने से इनकार कर दिया था.
Why does EC Arun Goel resign right after ECI’s poll review mtng in Kolkata where he left abruptly? Apparently disagreed with Delhi’s diktat on num of phases & excessive force deployment .
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 9, 2024
Will now be replaced by hand picked yes man.
अब चुनाव आयोग में होगी कौन सी हलचल?
नए मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023 के तहत, केंद्र सरकार अब दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर सकती है.
लोकसभा चुनाव से पहले, चयन प्रक्रिया में दो समितियां शामिल थीं. कानून मंत्री के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय खोज समिति और दो सरकारी सचिवों का गठन, प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय चयन समिति, प्रधान मंत्री और विपक्ष के नेता द्वारा अनुशंसित एक केंद्रीय मंत्री शामिल थे.
इस प्रक्रिया में शामिल छह व्यक्तियों में से तीन सरकार के सदस्य हैं और दो सरकार द्वारा नियोजित हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
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कौन हैं Arun Goel, क्यों उनके इस्तीफे पर उठे सवाल, क्या है हंगामे की वजह?