डीएनए हिंदी: केदारनाथ यात्रा को लेकर हमेशा से ही लोगों में काफी उत्साह रहता है. साल में कुछ महीने के लिए केदारनाथ यात्रा का मौका मिलता है. इसे लेकर पहले से ही बाबा बर्फानी के भक्त तैयारी शुरू कर देते हैं. इन दिनों भी रोजाना औसतन दस से 13 हजार यात्री केदारनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं, हालांकि बारिश के अलर्ट के बीच यात्रा रोकनी भी पड़ रही है. मगर इसी के साथ इन दिनों बाबा बर्फानी के इस मंदिर को लेकर विवाद भी बढ़ता जा रहा है. हालत ये है कि रात-रात भर केदारनाथ मंदिर के बाहर बैठकर पुरोहितों को पहरा देना पड़ रहा है. जानते हैं क्या है पूरा विवाद-
क्या है केदारनाथ मंदिर से जुड़े विवाद की वजह
केदारनाथ मंदिर से जुड़ा विवाद यहां सोने की परत चढ़ाने को लेकर है. महाराष्ट्र के एक दानकर्ता ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने की इच्छा जाहिर की. इस पर मंदिर समिति ने मंजूरी भी दे दी. इसे ही लेकर विरोध हो रहा है. मंदिर के पुरोहितों का कहना है कि इससे मंदिर के असली महत्व को नुकसान होगा.
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रात-रात भर पहरा दे रहे हैं पुरोहित
यह जानना भी जरूरी है कि मंदिर के गर्भ गृह में 230 किलो चांदी की परत पहले से लगी हुई है. अब चांदी की इस परत को हटाकर तांबे की परत चढ़ाने का ट्रायल शुरू हो गया. ऐसे में पुरोहित ना सिर्फ विरोध कर रहे हैं बल्कि इस काम को रोकने के लिए रात-रात भर पहरा भी दे रहे हैं. पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ एक मोक्षधाम है इसे सोने से ढकना गलत है.
इसे लेकर बद्री-केदार समिति के सीईओ को पत्र भी भेजा गया है. इस पत्र में भी सोने की परत चढ़ाने का काम रुकवाने की अपील की गई है. अन्यथा भूख हड़ताल पर जाने की बात भी कही गई है. पुजारी और पुरोहितों ने तर्क दिया है कि सोने की परत चढ़ाने के काम में बड़ी-बड़ी ड्रिल मशीन इस्तेमाल हो रही हैं, सालों साल पुरानी मंदिर की प्रतिष्ठा और प्राकृतिक अवस्था से छेड़छाड़ गलत है.
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केदारनाथ मंदिर के बाहर रात भर पहरा दे रहे हैं पुरोहित, जानें किस बात का है डर