डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले बीजेपी और विपक्षी दल दोनों पूरी तैयारी में हैं. एक ओर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है तो दूसरी ओर बीजेपी ने भी नई कोर टीम के साथ विपक्ष की काट तैयार कर ली है. नई टीम के साथ ही बीजेपी ने एक साथ कई मोर्चे पर काम करने की कोशिश की है. इसमें समर्थकों की भावनाओं का ख्याल रखने से लेकर विपक्ष की काट तैयार करने की योजना है. इसके अलावा अपने कोर वोट बैंक से नए वोटरों को जोड़ने और संगठन के अंदर की नाराजगी और भितरघात को खत्म करने की भी कोशिश है. जेपी नड्डा की नई टीम में हर चेहरे पर बहुत सोच-विचारकर और पूरी तैयारी के साथ दांव लगाया गया है.
वसुंधरा राजे और पंकजा मुंडे को बड़ा पद
राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव हैं और बीजेपी ने वसुंधरा राजे को उपाध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई शिकार किए हैं. एक ओर अशोक गहलोत और कांग्रेस को बड़ा संदेश मिल गया है तो दूसरी ओर विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के बड़े चेहरे को पद देकर समर्थकों को संतुष्ट और एकजुट रहने का संदेश दिया. देवेंद्र फडणवीस की विरोधी मानी जाने वाली पंकजा मुंडे को भी पद मिला है और इस तरह से उनके एनसीपी में जाने की सारी अटकलों पर भी विराम लगाने की कोशिश है. मध्यप्रदेश की चुनावी जंग को देखते हुए नड्डा की टीम में कैलाश और सौदान सिंह को अपने पद पर बरकरार रखा गया है.
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पसमांदा वोटों को जोड़ने की बीजेपी ने की है कोशिश
इस लिस्ट में बीजेपी ने सबसे बड़ा दांव मुस्लिम चेहरे को लेकर खेला है. इस टीम में यूपी से विधान परिषद सदस्य और पार्टी के मुस्लिम चेहरे तारिक मंसूर को उपाध्यक्ष बनाया गया है. मंसूर पसमांदा मुसलमान हैं और उनकी छवि देश के शिक्षित प्रोफेशनल मुस्लिम के तौर पर रही है. वह खुद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चांसलर भी रहे हैं. इसके साथ ही बीजेपी ने अल्पसंख्यकों में से एक समूह को अपनी ओर जोड़ने की कोशिश की है और खुद की समावेशी छवि के तौर पर पेश किया है. पिछले कुछ वक्त में मुस्लिम समुदाय और खास तौर पर पढ़े-लिखे युवा मुस्लिमों के बीच बीजेपी अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही केरल से आने वाले अब्दुल्ला कुट्टी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि अब्दुल्ला कुट्टी पहले से ही इस पद पर थे लेकिन 2024 के चुनाव को देखते हुए दक्षिण भारतीय राज्य जहां पार्टी का फिलहाल जनाधार नहीं है, वहां से आने वाले चेहरे पर दांव खेला है.
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एके एंटनी के बेटे को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी
कुछ दिन पहले ही एके एंटनी के बेटे बीजेपी में शामिल हुए थे और उन्हें पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. राष्ट्रीय सचिव में बीजेपी ने असम से सांसद कामख्या प्रसाद तासा, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर और केरल से अनिल अंटोनी को शामिल किया है. बीजेपी की कोशिश नई कोर टीम में हर राज्य और वर्ग के लोगों को शामिल करने की है ताकि हिंदी पट्टी और गुजरात के दबदबे जैसे नैरेटिव की काट तैयार करने में मदद मिल सके. इसके अलावा पार्टी ने कुछ फायरब्रांड नेताओं को बरकरार रखा है जिनके बयान भले ही मुश्किल का सबब हों लेकिन वह पार्टी के कोर वोटरों को एकजुट रखते हैं.
समर्थकों को दिया बड़ा संदेश
अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, दुष्यंत गौतम, तरुण चुग, विनोद तावड़े और सुनील बंसल राष्ट्रीय महामंत्री रहेंगे. विजयवर्गीय मध्य प्रदेश से आते हैं और इसके अलावा वह काफी तीखे बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. उनको पद पर बरकरार रखा गया है. इसके अलावा जिन राज्यों में पार्टी को भितरघात और अंतर्कलह का सामना करना पड़ा था वहां पर सबको संतुष्ट करने की कोशिश की गई है. बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है कि वह लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के अंदरुनी मसलों और विरोधाभासों को खत्म करना चाहती है.
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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने नई टीम से साधे कई समीकरण, समझें पूरा खेल