डीएनए हिंदी: सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का चेहरा लगाने पर हंगामा मच गया है. हर कोई इससे हैरान और चिंतित है. इस मामले में कानूनी कार्यवाही की भी मांग की जा रही है. खुद रश्मिका मंदाना ने इसे बेहद खतरनाक बताया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करके कहा है कि सरकार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की सुरक्षा और उनके विश्वास को सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है.
डीप फेक या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके नए-नए कैरेक्टर बनाना, किसी का भी चेहरा बदल देना या वीडियो कॉल में किसी अंजान शख्स का आपके परिचित जैसा दिखना इन दिनों आम हो गया है. इस सबके जरिए कई बार लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है, लोगों के प्राइवेट वीडियो बनाकर उनको ब्लैकमेल करने के मामले भी सामने आए हैं. आइए इसे विस्तार से समझते हैं कि आखिर इनसे क्या खतरा है और कानूनी तौर पर इसका क्या इलाज संभव है...
क्या कहता है कानून?
भारत में इस तरह के डिजिटल अपराधों, सोशल मीडिया से जुड़ी गतिविधियों या फेक न्यूज से निपटने के लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 का इस्तेमाल किया जाता है. लोगों की निजता की सुरक्षा करने के लिए इसमें कई प्रावधानों का इंतजाम भी किया गया है. सरकार चाहे तो ऐसे मामलों में आईटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई कर सकती है. खुद पीड़ित की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज करके भी इस तरह से किसी को बदनाम करने, उसकी छवि खराब करने या उसके फर्जी वीडियो बनाने के आरोप में एक्शन लिया जा सकता है.
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IT ऐक्ट की धारा 66C के तहत ऐसे मामलों में पहचान चोरी का मुकदमा बनता है. अगर इस तरह से किसी की पहचान का गलत इस्तेमाल किया जाता है और उसके इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर, फेस पासवर्ड या अन्य किसी पहचान का गलत इस्तेमाल किया जाता है तो 1 लाख रुपये का जुर्माना और 3 महीने की सजा हो सकती है. यही नहीं इस मामले में सजा को 3 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है. वहीं, बिना किसी की अनुमति के उसके प्राइवेट एरिया की फोटो लेने, उसे पब्लिश करने या शेयर करने पर 3 साल की जेल और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
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साथ ही, IT ऐक्ट की धारा 67 के तहत अश्लील कॉन्टेंट पब्लिश करने या उसे शेयर करने पर पहली बार में 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार में यह सजा पांच साल और जुर्माना 10 लाख का हो सकता है. इसके अलावा, IPC की धारा 153A और 295A के तहत भी कार्यवाही की जा सकती है.
डीपफेक आखिर है क्या?
किसी भी रियल वीडियो में दिख रहे इंसान या इंसानों की शक्ल पर अगर किसी दूसरे इंसान का चेहरा लगा दिया जाए तो इसी डीप फेक कहा जाता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए जाने वाले फोटो और वीडियो इतनी बेहतर क्वालिटी के होते हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है. सोशल मीडिया पर कई कॉन्टेंट क्रिएटर्स भी इसका इस्तेमाल करते हैं और अलग-अलग कैरेटर्स का रोल खुद ही चेहरा बदलकर कर लेते हैं.
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Deep Fake वीडियो बनाने पर कितनी होगी सजा? शेयर करने से पहले जान लें