डीएनए हिंदीः शुक्रवार यानी आज राज्यसभा (Rajya Sabha Elections) की 16 सीटों पर मतदान हो रहा है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि राज्यसभा के लिए वोटिंग कैसे होती है. राज्यसभा के लिए चुनाव आम चुनाव से थोड़ा अलग अलग होता है. इसमें उम्मीदवार (Preferential Voting) को वरीयता के आधार पर वोट दिए जाते हैं. विधायक बैलेट पेपर उम्मीदवार के लिए वरीयता तय करते हैं.
कैसे होती है वोटिंग
राज्यसभा के लिए वोटिंग का पैटर्न थोड़ा अलग होता है. इसमें वरीयता के आधार पर वोट दिए जाते हैं. मान लीजिए किसी राज्य में 3 सीटों पर 4 उम्मीदवार खड़े हैं तो उस पर वरीयता के आधार पर वोट दिए जाते हैं. विधायक चाहे तो चारों उम्मीदवारों को वरीयता के आधार पर वोट दे सकता है लेकिन ये विधायक पर निर्भर करेगा की वो अनिवार्य पहली वरीयता के बाद किसी और को वरीयता दे या नहीं.
क्या कहता है नियम
राज्यसभा चुनाव में नियम के मुताबिक चुनाव में मतदाताओं यानी विधायकों को पहली वरीयता देना अनिवार्य है बाकी वरीयता वैकल्पिक है. अगर पहली वरीयता विधायक की तरफ से नहीं दी जाती तो बैलट पेपर अवैध माना जाएगा. इसके अलावा पहली वरीयता सिर्फ एक उम्मीदवार के पक्ष में दी जा सकती है, अगर एक से अधिक उम्मीदवार के पक्ष में दिया गया तो बैलट पेपर अवैध माना जाएगा.
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कौन बन सकता है सांसद?
राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए किसी भी शख्स को भारतीय नागरिक होने के साथ ही 30 साल का होना आवश्यक है. संविधान के अनुच्छेद 102 के अनुसार उम्मीदवार को दिवालिया और कुछ अन्य वर्ग के लोगों को राज्यसभा सदस्य बनने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है.
कौन देता है वोट?
राज्यसभा सदस्य के चुनाव में लोकसभा चुनाव की तरह आम आदमी वोट नहीं करता है, बल्कि जनता द्वारा चुने गए जन-प्रतिनिधि (विधायक) इन चुनावों में हिस्सा लेते हैं और वहीं वोट भी डालते हैं.
कितनी सीटों पर हो रहे चुनाव?
10 जून को 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस 9 से 10 सीट जीत सकती है. वहीं, बीजेपी को 22 सीट मिलने के आसार हैं. जबकि, बाकी अन्य पार्टियों के पास जा सकती है. जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां राज्यसभा में उत्तर प्रदेश की 11, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की 6-6, बिहार की 5, कर्नाटक, आंध्र और राजस्थान की 4-4, ओडिशा और मध्य प्रदेश की 3-3, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा की 2-2, जबकि उत्तराखंड की एक सीट है.
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कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?
राज्यसभा चुनाव की वोटिंग का एक फॉर्मूला होता है. किसी राज्य में कितनी राज्यसभा सीटें खाली हैं, उसमें 1 जोड़ा जाता है, फिर उसे कुल विधानसभा सीटों की संख्या से भाग दिया जाता है. इससे जो संख्या आती है, उसमें फिर 1 जोड़ दिया जाता है. मान लीजिए कि उत्तर प्रदेश में 11 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है. इसमें 1 जोड़ा तो हो गया 12. यूपी में विधानसभा सीटों की संख्या 403 है. अब 12 को 403 से भाग दिया तो संख्या आई 33.583333. जिसको 33 माना जाएगा. अब 33 में 1 को जोड़ा तो आया 34. यानी किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत होगी. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि एक विधायक एक से अधिक वोट डाल सकता है. ऐसे में वह उम्मीदवार को उसके वरीयताक्रम के अनुसार वोट कर सकता है.
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कैसे होती है राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग, ऐसे की जाती है Preferential Vote की काउंटिंग