डीएनए हिंदी: इंटरपोल (Interpol) ने भारत सरकार के उस अनुरोध को खारिज कर दिया है, जिसमें खालिस्तानी अलगाववादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड नोटिस दिलाने की मांग की गई थी. इंटरपोल का कहना है कि भारत सरकार ने उन्हें अलगाववादी के खिलाफ पर्याप्त जानकारी नहीं दी है. ऐसे में अब लोग जानना चाहते हैं कि गुरुपतवंत सिंह पन्नू कौन हैं और क्यों भारत उसके खिलाफ एक्शन चाहता है.

गुरुपतवंत सिंह पन्नू की जड़ें पंजाब से जुड़ी हुई हैं लेकिन वह रहता उत्तरी अमेरिका में है. गुरुपतवंत सिंह पन्नू का जन्म अमृतसर के खानकोट गांव में हुआ था. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ किया है. उसके पिता महिंदर सिंह, पंजाब कृषि मार्केटिंग बोर्ड के कर्मचारी थे. गुरुपतवंत सिहं पन्नू के तीन भाई-बहन हैं. एक भाई अमेरिका में वकील है. वह कनाडा में भी अच्छी पकड़ रखता है.

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कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरुपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका स्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापकों में से एक है. यह संगठन दावा करता है कि इसका उद्देश्य मानवाधिकारों की रक्षा करना और इंटरनेशल एडवोकेसी करना है. इसकी स्थापना साल 2007 में हुई थी. इस संगठन की एक मांग यह भी है कि पंजाब सिखों की जन्मभूमि है इसलिए उसे स्वायत्तता मिले. यह संगठन चाहता है कि पंजाब एक संप्रभु राष्ट्र बने, जिसका नाम खालिस्तान हो.

पंजाब की आजादी चाहता है सिख फॉर जस्टिस

केंद्र सरकार ने 2019 में अलगाववादी गतिविधियों की वजह से SFJ पर प्रतिबंध लगा दिया. यह संगठन प्रतिबंध के बाद भी दुनियाभर में फलफूल रहा है, भले ही इसकी ताकतें सीमित हो गई हैं. इस संगठन का सबसे नया अभियान रेफरेंडम 2020 है, जिसके जरिए यह चाहता है कि पंजाब को आजादी मिल जाए.

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कहां-कहां फेल हुआ रेफरेंडम 2020?

2020 में ही इस कथित रेफरेंडम को आयोजित कराने की कोशिश की गई थी लेकिन यह फेल हो गया. इस संगठन की जमीनी पकड़ न के बराबर है लेकिन इसका होना देश की नजरों में चुभ रहा है. जनमत संग्रह पंजाब और उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, केन्या और मध्य पूर्व के प्रमुख शहरों में आयोजित किया गया था, लेकिन अंततः विफल हो गया.

क्यों भारत में लगा है कि इस संगठन पर प्रतिबंध?

UAPA के तहत सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगाते वक्त कहा गया था कि सिखों के लिए तथाकथित जनमत संग्रह की आड़ में, SFJ वास्तव में पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा की वकालत कर रहा है. यह संगठन विदेशी जमीन पर भारत के खिलाप साजिश रच रहा है. इसे भारत विरोधी ताकतें, समर्थन दे रही हैं.

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खालिस्तान समर्थक गुटों का है बोलबाला.

भारतीय नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालतों में मुकदमे ठोक चुका है पन्नू

गुरुपतवंत सिंह पन्नू के निशाने पर भारतीय नेता हैं. यह संगठन साल 1984 में भड़के दंगों का जिक्र करते हुए कुछ नेताओं को कठघरे में खड़ा करना चाहता है. सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में यह संगठन चाहता है कि कमलनाथ, सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ भी एक्शन हो. इन नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए अमेरिकी अदालतों का रुख भी गुरुपतवंत सिंह ने किया है.

मनमोहन सिंह और कैप्टन अमरिंद को घेर चुका है पन्नू

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2013 में, मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान, वाशिंगटन में एक संघीय अदालत ने उन्हें एसएफजे की एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए सम्मन जारी किया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि भारत में सिख समुदाय पर किए गए अपराधों की उन्होंने फंडिंग की थी.

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साल 2016 में सिख फॉर जस्टिस ने कनाडा में एक याचिका कैप्टन अमरिंदर सिंह के दौरे को लेकर डाली थी. याचिका की वजह से उनका कनाडा दौरा रद्द हुआ था. गुरपतवंत सिंह पन्नू ने गुजरात दंगों के सिलसिले में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी केस दर्ज कराने की कोशिश की थी.  

गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ क्या हैं आरोप?

सिख फॉर जस्टिस और गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं, जिनमें पंजाब में देशद्रोह के तीन मामले भी शामिल हैं. पंजाब पुलिस ने इनके अपराधों पर एक डोजियर तैयार किया था. यह संगठन सोशल मीडिया पर अलग-अलग अलगाववादी गतिविधियों को संचालित करता है. यह संगठन कह चुका है कि पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को आतंकी हमला नहीं कहा जाना चाहिए. इस संगठन ने कश्मीरी अलगाववादियों की भी वकालत की थी.

सिख फॉर जस्टिस ने पुर्तगाल के परमजीत सिंह पम्मा और रमनजीत सिंह रोमी सहित कई लोगों को न्यायिक सहायता दिला चुका है. ये भारत से भागे हुए भगोड़े हैं, जिनका प्रत्यर्पण देश चाहता है. इन्हें वह कानूनी सहायता भी दे चुका है. सिख फॉर जस्टिस और गुरुपतवंत सिंह पन्नू, बेअंत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे जगतार सिंह हवारा की रिहाई के लिए अभियान चला रहे हैं.

2021 में NIA ने दर्ज किया है पन्नू के खिलाफ FIR

जनवरी 2021 में किसान आंदोलन के दौरान NIA ने गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ FIR दर्ज किया था. कई किसान नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसी ने फंडिंग के संबंध में समन जारी किया था. पन्नू सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव है. इसके ऑडियो और वीडियो मैसेज पंजाबी कम्युनिटी में खूब वायरल होते हैं. यह अक्सर सरकारी इमारतों पर खालिस्तानी झंडे फहराने वालों के लिए ईनाम की घोषणा करता है. 

पंजाब के युवाओं को साजिश का शिकार बना रहा है गुरुपतवंत सिंह पन्नू

कुछ और खालिस्तान समर्थक ग्रुप, जैसे दल खालासा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) आरोप लगाते रहे हैं कि वह पंजाब को अशांत करने की कोशिश करता है. उस पर यह भी आरोप है कि युवाओं को लुभाने के लिए यह तरह-तरह के लुभावने ऑफर देता है. इसे खुद डिप्लोमेटिक इम्युनिटी मिली हुई है क्योंकि यह अमेरिकी नागरिक है लेकिन इसके झांसे में आकर दूसरे युवा परेशान हो रहे हैं.

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Gurpatwant Singh Pannun SFJ India wants nterpol’s Red Notice Khalistan Sikh For Justice
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कौन है खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू और SFJ?
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गुरुपतवंत सिंह पन्नू. (फाइल फोटो)
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गुरुपतवंत सिंह पन्नू. (फाइल फोटो)

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कौन है खालिस्तान आंदोलन चलाने वाला गुरपतवंत सिंह पन्नू, क्यों इसके खिलाफ इंटरपोल से रेड नोटिस चाहता है भारत?