डीएनए हिंदी: एयरलाइन कंपनी Go First ने कहा है कि उसकी आर्थिक हालात ठीक नहीं है. कम पैसे में हवाई यात्रा करवाने वाली इस कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अपील दायर कर दी है. इसके साथ ही 3 मई से गो फर्स्ट की सभी उड़ानें 3 दिन के लिए रोक दी गई हैं. यानी 3, 4 और 5 मई को गो फर्स्ट की एक भी फ्लाइट नहीं उड़ेंगी. 2 मई की रात से ही यात्रियों को समस्याएं शुरू हो गईं. कई यात्री ऐसे भी थे जिन्हें एयरपोर्ट से लौटना पड़ा या अपने पैसे खर्च करके दूसरी फ्लाइट का टिकट लेना पड़ गया.
इस मामले पर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सरकार गो फर्स्ट की पूरी मदद कर रही है और पूरी घटना पर नजर भी रख रही है. दरअसल, गो फर्स्ट लंबे समय से आर्थिक समस्याओं से जूझ रही है. अब उसके पास पैसों की इतनी कमी है कि वह ईंधन कंपनियों का बकाया नहीं चुका पा रही है. दूसरी तरफ, गो फर्स्ट को इंजन देने वाली कंपनी Pratt & Whitney ने भी सप्लाई बंद कर दी है. पैसों की कमी के चलते तेल कंपनियां गो फर्स्ट को तेल देने को तैयार नहीं हैं. इसके चलते गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें रोक दी हैं.
यह भी पढ़ें- POCSO ऐक्ट क्या है? इस कानून से बड़े-बड़े पहुंचे सलाखों के पीछे, जानिए क्यों है खास
टिकट बुक की थी? जानिए पैसा वापस लेने का तरीका
अचानक उड़ानें रोक दिए जाने से सबसे ज्यादा समस्या उन यात्रियों को हो रही है जिन्होंने इन तारीखों के लिए पहले से टिकट बुक कर रखे थे. उनके पैसे भी फंस गए हैं. हालांकि, गो फर्स्ट ने साफ किया है कि टिकट बुक करने वाले यात्री अपने रिफंड ले सकते हैं. Go First ने बताया है कि अगर आपने कंपनी की वेबसाइट से सीधे टिकट बुक की है तो आपके पैसे उसी अकाउंट में भेज दिए जाएंगे जिससे आपने पेमेंट किया था.
यह भी पढ़ें- क्या है राजद्रोह का कानून जिस पर हो रहा है विवाद? समझिए पूरा मामला
किसी दूसरे जरिए से अगर आपने टिकट बुक किया हो तो आपके संबंधित बैंक खाते, ई-वॉलेट या पेमेंट के अन्य सोर्स को पैसे लौटा दिए जाएंगे. फिलहाल, फ्लाइट रीशेड्यूल करने का विकल्प नहीं दिया जा रहा है क्योंकि कंपनी का भविष्य अधर में है.
दिवालिया क्यों होने वाली है GO First?
गो फर्स्ट ने अपने बयान में कहा है कि वह नेशनल कंपनी ला ट्राइब्यूनल के सामने इंडियन बैंकरप्सी एंड इनसॉल्वेंसी कोड की धारा 10 के तहत संरक्षण की अपील दायर करने को मजबूर है. उसका कहना है कि Pratt एंड Whitney के इंजन लगातार फेल हो रहे हैं, जिसके चलते उसे अपने आधे विमान यानी 25 फ्लाइटों की उड़ान रोकनी पड़ी है.
यह भी पढ़ें- पंजाब में बार-बार हो रही गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, इसके बारे में सबकुछ जानें
एयरलाइन के मुताबिक, दिसंबर 2019 में ग्राउंड किए गए विमानों की संख्या सिर्फ 7 पर्सेंट थी जो कि दिसंबर 2020 में 31 प्रतिशत और दिसंबर 2022 में 50 प्रतिशत पहुंच गई. Pratt एंड Whitney ने बीते सालों में कई वादे किए हैं लेकिन वह निभा नहीं पाई है. इस पर Pratt एंड Whitney ने कहा है कि वह डिलीवरी के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अब मामला कानूनी है इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती.
दिवालिया कब माना जाता है और फिर क्या होता है?
कानून के मुताबिक, किसी व्यक्ति या कंपनी को दिवालिया तब घोषित किया जा सकता है जब उस पर कर्ज बढ़ता जा रहा हो और आर्थिक स्थिति ऐसी हो कि वह कर्ज चुकाने में सक्षम न हो. ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति कोर्ट में और कंपनियां NCLT के सामने खुद को दिवालिया घोषित करने की अपील दायर कर सकती हैं. सबसे पहले NCLT की ओर से उस कंपनी को बचाने की कोशिश की जाती है. इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल नियुक्त किए जाते हैं और उनको 180 दिन का समय दिया जाता है. अगर 180 दिन में कंपनी की हालत सुधर गई तो वह फिर से पहले की तरह काम करने लगती है. अगर हालत नहीं सुधरती तो कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है.
यह भी पढ़ें- E-Shram Portal क्या है और कैसे इसपर उठाया जा सकता है लाभ?
दिवालिया घोषित कर दिए जाने के बाद कंपनी की सारी संपत्तियों की बिक्री की जाती है. इस बिक्री से मिलने वाले पैसों को देनदारों में बांटा जाता है. हालांकि, अगर संपत्ति लिए गए कर्ज से कम हो तो देनदारों को काफी घाटा भी होता है. उदाहरण के लिए दिवालिया होने वाली कंपनी ने पांच लोगों के 100-100 रुपये करके कुल 500 रुपये का कर्ज लिया था. अब दिवालिया होने के समय उसकी संपत्ति सिर्फ 50 रुपये की ही बची है. इस स्थिति में पांचों देनदारों को सिर्फ 10-10 रुपये ही मिल पाएंगे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Go First एयरलाइन होने वाली है कंगाल? जानिए कंपनियों के दिवालिया होने के बारे में सबकुछ