ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर रविवार (19 मई) को दुर्घटना का शिकार हो गया. इस हादसे ने इब्राहिम रईसी के साथ विदेश मंत्री और कई अन्य लोगों की मौत हो गई. यह हादसा ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 600 किलोमीटर (375 मील) दूर उत्तर पश्चिम में जोल्फा शहर के पास हुआ. यह हादसा ऐसे समय हुआ है, जब ईरान का इजरायल के साथ टकराव चल रहा है. बीते 14 अप्रैल को ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइले दागीं थी और धमकी दी कि अगर इजरायल या अमेरिका ने इसका जवाब दिया तो अंजाम बुरा होगा.
घटना के बाद से ही 40 अलग-अलग रेस्क्यू टीम को जंगलों और पहाड़ी इलाकों में भेजा गया था. लेकिन बेहद खराब मौसम के कारण इस क्षेत्र में पहुंचना बहुत मुश्किल था. अलजजीरा के मुताबिक, हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद पूरी तरह से जल गया था. ईरानी अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कई शव भी जलकर खाक हो गए, जिसकी वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है. यह हादसा ऐसे समय हुआ है, जब ईरान का इजरायल के साथ टकराव चल रहा है. बीते 14 अप्रैल को ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइले दागीं थी और धमकी दी कि अगर इजरायल या अमेरिका ने इसका जवाब दिया तो अंजाम बुरा होगा. आइए जानते हैं कि इब्राहिम रईसी धार्मिक स्कॉलर से वकील और फिर कैसे ईरान के राष्ट्रपति बने.
इब्राहिम रईसी ने जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली थी. उस समय ईरान घरेलू स्तर की कई बड़ी चुनौतियों से जूझ रहा था. एक तरफ आर्थिक संकट तो दूसरी तरफ हिजाब की आजादी को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शन. वहीं परमाणु कार्यक्रमों को लेकर अमेरिका ने भी प्रतिबंध लगा रखे थे. अमेरिका हर जगह से ईरान को दबाने कोशिश कर रहा था. उस दौरान रईशी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर मैं राष्ट्रपति बना तो हर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
इब्राहिम रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद हुआ भी कुछ ऐसा ही. रईसी के नेतृत्व में ईरान यूरेनियम भंडारण में बड़े कदम उठाए. अमेरिका के लाख कोशिश के बावजूद कई परमाणु परीक्षण किए. इतना ही नहीं यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को हथियार भेजे. साथ ही यमन के हैती विद्रोहियों और लेबनान के हिजबुल्लाह जैसे गुटों को हथियार देना जारी रखा.
रईसी ने इजरायल के प्रति सख्त रवैया अपनाकर ये स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि ईरान अब मुस्लिम दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है.
मशहद शहर में हुआ जन्म
इब्राहिम रईसी का जन्म साल 1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के मशहद शहर में हुआ था. इस शहर को सबसे पवित्र माना जाता है, यहां सबसे बड़ी मस्जिद भी है. रईसी के पिता मौलवी थे. जब वे पांच साल के थे तो उनके पिता का इंतेकाल (निधन) हो गया था. उन्होंने अपने वालिद साहब (पिता) के पदचिन्हों पर चलते है कोम शहर में स्थित एक मदरसा में पढ़ाई शुरू कर दी.
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छात्र के रूप में रईसी ने पश्चिम समर्थित मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में किया था. इस प्रदर्शन के बाद 1979 में अयोतोल्ला रुहोल्ला खामेनई ने इस्लामिक क्रांति के जरिए शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया. 20 साल की उम्र में उन्होंने वकालत शुरू की और 1994 वो तेहरान के महा-अभियोजक बने. 2004 में रईसी को न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ बनाया गया.
काली पगड़ी पहनते हैं रईसी
रईसी को ईरान के कट्टरपंथी नेता और देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई का करीबी माना जाता है. रईसी काली पगड़ी पहनते हैं. शिया परंपरा में उन्हें पैगंबर मुहम्मद के वंशज के रूप में पहचानते हैं. इब्राहिम रईसी को जून 2021 में हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान का राष्ट्रपति चुना गया था.
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धार्मिक स्कॉलर से वकील और फिर राष्ट्रपति... अमेरिका को चुनौती देकर कैसे ईरान के नंबर वन नेता बने रईसी