डीएनए हिंदी: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार को विकलांग यात्रियों (Persons with Disability) की बोर्डिंग को लेकर अफने नियमों में संशोधन दिया है. नई गाइडलाइन के मुताबिक दिव्यांग लोगों को विमान में सवार होने से विमानन कंपनियां (Airlines Companies) इनकार नहीं कर सकती हैं. पहले उड़ान भरने के लिए डॉक्टरों के परामर्श को अनिवार्य कर दिया गया था. एविएशन रेगुलेटर DGCA ने शुक्रवार को कहा कि अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि उड़ान के दौरान किसी विकलांग यात्री की तबीयत खराब होने की संभावना है, तो उसे हवाईअड्डे पर मौजूद डॉक्टर से इस बारे परामर्श लेना चाहिए. इसके बाद ही इस बात का निर्णय लिया जाएगा कि यात्री को बोर्डिंग से रोका जाना चाहिए या नहीं.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक बयान में कहा कि अगर एयरलाइन किसी दिव्यांग यात्री को बोर्डिंग से इनकार का फैसला करती है तो उसे तुरंत लिखित में पैसेंजर को सूचित करना होगा और उस नोट में कारणों का उल्लेख करना होगा.
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क्या कहते हैं नए नियम?
DGCA के नए नियमों के मुताबिक दिव्यांग लोगों के लिए बोर्डिंग और फ्लाइट में जाने के लिए नियमों में संशोधन किया है. संशोधित नियमों में कहा गया है कि एयरलाइन को विकलांगता या कम गतिशीलता के आधार पर किसी भी यात्री को बोर्डिंग से मना नहीं करना चाहिए.
क्यों बदले गए हैं नियम?
नियमों में 3 जून को ही बदलाव होने वाले थे. रांची एयरपोर्ट पर मई में इंडिगो ने अपनी फ्लाइट में एक दिव्यांग बच्चे को प्लेन में चढ़ने से मना कर दिया था क्योंकि विमानन अधिकारियों ने फ्लाइट में खतरे की आशंका जताई थी. इंडिगो के इस फैसले से सीख लेते हुए एविएशन सेफ्टी रेग्युलेटर डीजीसीए ने जांच बिठाई थी. डीजीसीए ने 5 लाख का फाइन भी लगाया था. इंडिगो पर फाइन भी लगाया गया था. डीजीसीए ने कहा था कि इंडिगो के अधिकारी और सद्भावनापूर्ण तरीके से स्थिति का निपटारा कर सकते थे. उन्होंने स्थितियों को और जटिल कर दिया.
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क्या होने वाले हैं अहम बदलाव?
कर्मचारियों के फैसले के समर्थन में इंडिगो भी आधिकारिक तौर से उतर आया था. विमानन कंपनी ने कहा था कि फ्लाइट में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों ने यह फैसला किया था. अब दिव्यांग यात्रियों की बेहतर सेवा के लिए केस स्टडी पर ध्यान दिया जाएगा. उनकी परेशानियों को हल करने की कोशिश की जाएगी.
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DGCA ने दिव्यांग यात्रियों के लिए अपने नियमों में क्यों किया बदलाव?