डीएनए हिंदी: चीन में कोविड महामारी एक बार फिर तेजी से फैल रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि आने वाले कुछ महीनों में वहां कोविड से 10 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं. चीन कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़ों को छिपा रही है. कोविड टेस्टिंग की रिपोर्ट भी यह देश आधिकारिक तौर पर नहीं दे रहा है. जो आधिकारिक आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे जमीनी हालत से बेहद अलग हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में सोमवार को 5 और रविवार को 2 मौतें हुई हैं. अब वहां कुल मृतकों की संख्या आधिकारिक तौर पर 5,342 है. सोमवार को वहां 2,700 नए केस सामने आए थे. रिपोर्ट का कहना है कि ये वास्तविक आंकड़े नहीं हैं, स्थिति इससे बेहद अलग है.
चीन में क्यों बेकाबू हो रही है कोविड की रफ्तार?
चीन ने जब से अपनी जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दी है, कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ गए हैं. हर दिन कोविड के आंकड़े रिकार्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं. अस्पतालों में भीड़ है. फ्लू की दवाइयां कम पड़ रही हैं और स्कूल ऑनलाइन चलाए जा रहे हैं. चीन बीते तीन साल से जीरो कोविड नीति का पालन कर रहा था. प्रतिबंधों से संक्रमण रोकने की नीति, चीन में असफल रही. जगह-जगह लॉकडाउन लगाए गए, विदेश यात्रियों को 10 दिन तक आइसोलेट रखा जाने लगा लेकिन फिर भी चीन कोविड से कभी मुक्त नहीं हो पाया.
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प्रतिबंध हुए फेल, चीन में नहीं थम रही संक्रमण की रफ्तार
चीन में कोविड संक्रमण की रफ्तार थम नहीं रही है. लोगों में नेचुरल इम्युनिटी नहीं बन पाई. हर्ड इम्युनिटी भी लोगों में डेवलेप नहीं हो पाई थी. जब जीरो कोविड नीति में ढील मिली तो फिर कोरोना वायरस तेजी से फैलने लगा. मार्च-अप्रैल से शुरू हुई इस लहर ने लाखों को अपनी चपेट में ले लिया.
5 वजहें, जिनके चलते चीन में नहीं थम रहा कोरोना-
1. कोविड का यह वेरिंट तेजी से फैल रहा है. ओमिक्रोन वेरिएंट का BF.7 बीते एक साल से तेजी से फैल रहा है. अब ओमिक्रोन के करीब 500 सब वेरिएंट हो चुके हैं.
2. BF.7 का असली नाम BA.5.2.1.7 है, जो हर दिन इवॉल्व हो रहा है. यह बीए.5 सब वेरिएंट से मिलकर बना है. अमेरिका में भी यही वायरस फैला था. 5 फीसदी आबादी इसकी चपेट में आई थी. ब्रिटेन में 7 फीसदी केस इसकी वजह से बढ़े थे.
3. चीन की बड़ी आबादी कोविड से संक्रमित हो गई है. चीन की आबादी वैसे भी 1.44 अरब के आसपास है. वहां की सघन आबादी भी संक्रमण फैलने की एक वजह मानी जा रही है.
4. चीन के लोगों में हर्ड इम्युनिटी बाकी देशों के लोगों की तरह नहीं बन पाई. चीन ने लॉकडाउन को उपाय माना, जबकि दूसरे देशों में यह वायरस सबमें फैला. वायरस के खिलाफ लोगों की नेचुरल इम्युनिटी विकसित हो गई. वैक्सीन से मिली इम्युनिटी ने भी अपना असर दिखाया और संक्रमण एक सामान्य फ्लू की तरह आकर चला गया. चीन का मिशन वैक्सिनेशन भी सवालों के घेरे में है.
5. भारत के लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित हो गई है. पहले संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा फिर वैक्सीन के डबल डोज से मिली प्रतिरक्षा. भारतीयों में कोविड के खिलाफ जहां बेहतर इम्युनिटी बनी, वहीं चीन में यह नहीं बन पाई. चीन के लोग शारीरिक रूप से इस महामारी से लड़ने में सक्षम नहीं हो सके. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वहां वायरस के बेकाबू होने की एक वजह यह भी है.
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दुनिया के लिए क्या है चिंता?
चीन के साथ-साथ अब दुनिया पर भी कोविड का खतरा मंडरा रहा है. चीन के पड़ोसी देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया में भी एक बार फिर कोविड की जद में आ सकती है. कोरोना वायरस के म्युटेशन दुनिया की चिंता बढ़ा रहे हैं अगर सही समय पर सही उपाय दुनिया ने नहीं अपनाया तो हो सकता है कि चीन जैसी स्थिति में एक बार फिर पूरी दुनिया पहुंच जाए.
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