महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच कथित खींचतान के बीच, उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों के साथ 3 घंटे लंबी अहम रणनीतिक बैठक की. इस बैठक ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि उद्धव आखिर कौन-सा नया दांव चलने वाले हैं.
फडणवीस-शिंदे के बीच तकरार?
हाल के दिनों में महाराष्ट्र की सरकार में अंदरूनी कलह की खबरें लगातार आ रही हैं. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच कई अहम मुद्दों पर असहमति की चर्चा हो रही है. खासकर, सरकार में शक्ति संतुलन को लेकर दोनों के बीच दरार बढ़ती दिख रही है. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच सियासी तकरार बढ़ने के आसार दिख रहे हैं. शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग के 3,200 करोड़ रुपये के काम को देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को स्थगित कर दिया. तानाजी सावंत पर बिना किसी कार्य अनुभव के कंपनी को मैकेनिकल सफाई का ठेका देने का आरोप लगा है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे सरकार के दौरान की कथित अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. शिंदे सरकार के कई फैसले स्थगित कर दिए गए, वहीं कुछ को रद्द भी कर दिया गया. तानाजी सावंत शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री थे. उनके कार्यकाल के दौरान अधिकारियों के तबादलों और एम्बुलेंस खरीद सहित हजारों करोड़ रुपये के घोटाले होने की बात सामने आ रही है.
उद्धव की बैठक का मुख्य एजेंडा
बता दें, हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाले महाविकास अघाड़ी को करारी हार मिली थी. इस चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीटें, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार गुट) को 10 सीटें मिली थीं. वहीं, बीजेपी के नेतृत्व में महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जोरदार जीत हासिल की थी. इसमें बीजेपी ने 132 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं. राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच तकरार की खबरें आ रही हैं.
ऐसे में उद्धव ठाकरे का सांसदों के साथ 3 घंटे बैठक करना कई बातों की वजह से अहम हो जाता है. इस बैठक में पार्टी के 9 में से 8 सांसद शामिल हुए. केरल के होने के कारण सांसद अरविंद सावंत इस बैठक में शामिल नहीं हो सके. शिवसेना विधायकों के एकनाथ शिंदे के संपर्क में होने की बात के बीच पार्टी ने साफ किया है कि उनका किसी के साथ कोई संपर्क नहीं है. वहीं, विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी (Shiv Sena UBT) ने बीएमसी चुनाव (BMC Election) में अपने दम पर अकेले लड़ने का ऐलान किया है. उद्धव ठाकरे की बैठक के जरूरी मुद्दों को पॉइंटर्स में समझें:
- सांसदों की नाराजगी की अटकलें : बीते कुछ समय से चर्चा थी कि शिवसेना-यूबीटी के कुछ सांसद पार्टी छोड़ सकते हैं, लेकिन मातोश्री में हुई बैठक में सभी सांसद मौजूद रहे. बैठक की अगुवाई शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने की, जिसमें पार्टी के सभी सांसद शामिल हुए.
- दलबदल की अफवाहें खारिज : सांसद संजय दीना पाटिल ने कहा कि उनके सांसद किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहे और यह सिर्फ अफवाहें हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से शिवसेना-यूबीटी अपनी स्थिति सुधारने के लिए लगातार बैठकों में जुटी है.
- नगर पालिका चुनाव की रणनीति: इस साल महाराष्ट्र में नगर पालिका चुनाव होने हैं, जिनकी तैयारियों को लेकर अलग-अलग स्तरों के नेताओं के साथ बैठकें हो रही हैं. बैठक से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे ने विधायकों के साथ लगातार पांच घंटे तक तीन चरणों में चर्चा की थी.
- आदित्य ठाकरे की सफाई : आदित्य ठाकरे ने भी दिल्ली जाकर सांसदों से मुलाकात की और दलबदल की अटकलों को गलत बताया. वहीं, संजय दीना पाटिल ने कहा कि पार्टी अधिवेशन को लेकर चर्चा हुई और उनके किसी भी सांसद को किसी अन्य दल ने अप्रोच नहीं किया.
- शिंदे गुट से संपर्क की खबरें झूठी: संजय पाटिल ने कहा कि शिंदे गुट के नेताओं से सिर्फ एक घरेलू कार्यक्रम में मुलाकात हुई थी, लेकिन इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है.
- शिंदे गुट से फोन आने पर मिलने की बात: संजय पाटिल ने कहा कि अगर शिंदे गुट से किसी नेता का फोन आता है तो वे मिलने जरूर जाएंगे, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है.
क्या उद्धव करेंगे बड़ा 'खेल'?
महाराष्ट्र विधानसभा में करारी हार मिलने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे इस बार कुछ बड़ा करने की तैयारी में हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उद्धव शिंदे गुट के बागी विधायकों को फिर से अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकते हैं. राज्य में शिवसेना (यूबीटी) को मजबूत करने के लिए आक्रामक प्रचार अभियान, बीजेपी और फडणवीस पर सीधा हमला कर सरकार की कमजोरियों को उजागर करना, शरद पवार और कांग्रेस के साथ मिलकर एमवीए को अधिक मजबूत बनाना और संभावित बड़े जनआंदोलन की तैयारी कर सकते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से ही पार्टी दोबारा अपनी ताकत जुटाने में लगी हुई है. चूंकि इसी साल महाराष्ट्र में नगर पालिका के चुनाव होने वाले हैं तो अलग-अलग स्तर के नेताओं के साथ उद्धव की बैठक जारी है.
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महाराष्ट्र की राजनीति बेहद दिलचस्प मोड़ पर है. शिंदे और फडणवीस के बीच मतभेद और उद्धव ठाकरे की सक्रियता यह संकेत दे रही है कि आने वाले महीनों में बड़े सियासी बदलाव हो सकते हैं. उद्धव का अगला कदम क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा. क्या उद्धव अपने 'खेला' में कामयाब होंगे या शिंदे-फडणवीस की सरकार मजबूती से टिकी रहेगी? आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिलचस्प मोड़ देखने को मिल सकते हैं.
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शिंदे-फडणवीस से तकरार के बीच उद्धव ने की अपने सांसदों के साथ 3 घंटे मीटिंग, क्या करने वाले हैं खेला