डीएनए हिंदी: भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया. मधुलिका रावत के विमान में होने पर कई सवाल उठ रहे हैं. मधुलिका रावत विमान में किस हैसियत से थीं? उनकी उपस्थिति आधिकारिक थी या नहीं थी, डीएनए लेकर आया है पूरी पड़ताल...
शादी होने के साथ ही पत्नी बन जाती है सेना का हिस्सा :
भारतीय सेना की सबसे छोटी इकाई पलटन होती है. लगभग सात सौ से हज़ार सैनिकों से बना यह पलटन एक बड़ा परिवार होता है. वह परिवार जिसका हर सदस्य एक दूसरे से जुड़ा होता है. जिस वक़्त सैनिक की शादी होती है, उसकी पत्नी भी इस परिवार का आधिकारिक तौर पर हिस्सा हो जाती है. शादी होने के साथ ही यह हर सैनिक की ज़िम्मेदारी होती है कि वह अपने पति/पत्नी का ब्यौरा अपनी सर्विस फ़ाइल में दर्ज करवाए. इसे आर्मी के पार्ट 2 ऑर्डर के नाम से जाना जाता है. यह पार्ट 2 ऑर्डर बच्चे के जन्म के समय भी निकाला जाता है. पार्ट 2 ऑर्डर दरअसल सैनिक और उसके परिवार से जुड़ी हुई सारी जानकारियों का लेखा-जोखा होता है.
AWWA - सैनिकों की पत्नियों की आधिकारिक इकाई
Army Wives Welfare Association – यह सैनिकों के पत्नियों की देखभाल के लिए बनायी गयी नॉन प्रॉफिट संस्था है जिसका गठन 1966 में हुआ था. इसका मुख्य उद्देश्य फौजियों की पत्नियों की सुख-सुविधा और उनकी बेहतरी का ख़याल रखना है. AWWA संस्था भी पलटन स्तर तक की इकाई में बंटी हुई होती है. पलटन में इसकी प्रमुख कमांडिंग ऑफिसर की पत्नी होती है और उत्तरोत्तर यह सिलसिला यूं ही चलता जाता है. चूंकि जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ थे, उनकी पत्नी मधुलिका रावत स्वतः ही डिफेन्स वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (DWWA) की अध्यक्ष थीं. मधुलिका रावत अपने पति जनरल रावत के साथ हेलिकॉप्टर में बतौर DWWA प्रेजिडेंट थीं.
क्यों ज़रूरत हुई इस इकाई की
सैनिक युद्ध और विराम की अवस्था में अपनी बेहतरीन मानसिक स्थिति में रहें इसके लिए आवश्यक है कि उनके सामजिक और निजी दायित्वों की रक्षा हो. साथ ही यह भी ज़रूरी है कि सैनिकों के साथ विवाह कर वृहत सैन्य परिवार का हिस्सा बनीं महिलाओं के अधिकारों की रक्षा हो सके, उन्हें समुचित देखभाल मिल सके. AWWA सैन्य प्रशासन के समानांतर काम करते हुए इन सैनिकों से विवाहित स्त्रियों और उनके बच्चों के हितों की रक्षा करता है. वरिष्ठता के क्रम में यह अधिक ज़िम्मेदारियों के साथ आता है यानि अगर जनरल रावत पूरी भारतीय सैन्य प्रणाली की बेहतरी के लिए ज़िम्मेदार थे तो मिसेज रावत उस प्रणाली में आने वाली समस्त विवाहित महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए समानांतर रूप से ज़िम्मेदार थीं.जनरल रावत और मिसेज रावत दोनों का दौरा आधिकारिक था. सुलूर से वेलिंग्टन तक की हेलिकॉप्टर फ्लाइट में भी वे आधिकारिक उपस्थिति के साथ ही थीं.
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