Shaktikanta Das in PMO: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में मशहूर है कि वे जिस अफसर को पसंद करते हैं, उसे अपने साथ किसी न किसी तरीके से जोड़े रखते हैं. उनके दौर में अहम जिम्मेदारियां निभाने वाले एस. जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी जैसे कई अफसर आज की तारीख में राजनीतिक पारी में मंत्री पद संभालते दिख रहे हैं तो कई अन्य अफसर दूसरी बड़ी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. इन अफसरों की सूची में शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का भी नाम है, जो पिछले साल दिसंबर में ही भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर के तौर पर 6 साल तक काम करने के बाद रिटायर हुए हैं. महज दो महीने के अंदर ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस पसंदीदा अफसर को एक और बड़ी जिम्मेदारी देना का फैसला कर लिया है. पूर्व RBI गवर्नर दास अब प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात होंगे, जहां वे पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2 के तौर पर बेहद अहम जिम्मेदारी संभालेंगे.
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने दी तैनाती को हरी झंडी
शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव-2 बनाए जाने के फैसले को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने शनिवार को हरी झंडी दिखा दी. समिति ने कहा,'प्रधानमंत्री के कार्यकाल या अगल आदेश, जो भी पहले हो, दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव-2 के तौर पर रहेगी. वह प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-1 डॉ. पीके मिश्रा के साथ काम करेंगे.
Former RBI Governor Shaktikanta Das, appointed as Principal Secretary-2 to Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/uUWt7SfLjj
— ANI (@ANI) February 22, 2025
1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS अफसर हैं शक्तिकांत
शक्तिकांत दास तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के IAS अफसर हैं, जो अब रिटायर हो चुके हैं. शक्तिकांत दास दिसंबर, 2018 से दिसंबर, 2024 तक आरबीआई गवर्नर रहे. इस दौरान उन्हें दो बार इस पद पर एक्सटेंशन दिया गया. करीब 40 साल तक केंद्र और राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में काम करने का गहन अनुभव शक्तिकांत दास को है.
पीएम मोदी को क्यों पसंद हैं शक्तिकांत दास
- वित्त, टैक्सेशन, उद्योग, बुनियादी ढांचा जैसे पीएम मोदी के पसंदीदा सेक्टर्स में कामकाज का लंबा अनुभव
- कोविड-19 महामारी और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के दुनियभर में असर के बावजूद भारतीय इकोनॉमी को सुस्त नहीं होने दिया.
- 2024 से 2024 के बीच देश की GDP ग्रोथ की दर को 7 फीसदी से ज्यादा बनाए रखने में शक्तिकांत दास की अहम भूमिका.
- इनक कार्यकाल में RBI के मुनाफे से हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपये मोदी सरकार को मिले, जिससे योजनाएं लागू करने में मदद मिली.
- गवर्नर के तौर पर बैंकों में एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ECL) फ्रेमवर्क लागू किया, जिससे उनका NPA का आंकड़ा कम हुआ.
नोटबंदी के फैसले के पीछे का 'दिमाग' रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए नवंबर, 2016 में अचानक देश में 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे. इस नोटबंदी के पीछे का 'दिमाग' शक्तिकांत दास को ही माना जाता है, जो उस समय आर्थिक मामलों के केंद्रीय सचिव थे. इस पद पर वे 2017 तक रहे और फिर RBI गवर्नर नियुक्त कर दिए गए.
दो बार मिला दुनिया के बेस्ट सेंट्रल बैंकर का अवॉर्ड
शक्तिकांत दास को ब्याज दरों पर कंट्रोल, महंगाई से निपटने के फैसलों के लिए लगातार दो साल दुनिया का बेस्ट सेंट्रल बैंकर भी चुना गया. Global Finance Central Banker Report Cards को 1994 के बाद से हर साल जारी किया जाता है. इसमें करीब 100 देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को काम के आधार पर ग्रेड दी जाती है. आरबीआई गवर्नर पद से हटने के बाद शक्तिकांत दास 15वें फाइनेंस कमीशन के मेंबर बनाए गए. साथ ही उन्हें भारत का जी20 शेरपा भी बनाया गया. इसके अलावा उन्होंने BRICS, IMF, SARK में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया.
इतिहास के छात्र से UPSC क्रैक करने तक
शक्तिकांत दास को भले ही आज की तारीख में फाइनेंशियल एक्सपर्ट के तौर पर सभी जानते हैं, लेकिन उनका एजुकेशनल बैकग्राउंड इतिहास का था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में बीए और फिर एमए करने के बाद शक्तिकांत दास ने UPSC Exam की तैयारी की थी. यूपीएससी के सिविल सर्विसेज एग्जाम (Civil Services Exam) को क्रैक कर वे 1980 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी बने थे.
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RBI से हटे तो अब PMO में बनेंगे प्रधान सचिव, PM Modi को क्यों इतना भाते हैं पूर्व RBI Governor Shaktikanta Das