डीएनए हिंदी: तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के कारण पूरे देश की राजनीति गर्मा गई है. ED ने तमिलनाडु की द्रमुक सरकार के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी (Tamil Nadu Electricity Minister Senthil Balaji) को करीब 18 घंटे पूछताछ के बाद बुधवार सुबह गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी राज्य के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में हुए जॉब फॉर कैश घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है. आरोप है कि यह घोटाला बालाजी के अन्नाद्रमुक की सरकार में साल 2011 से 2016 के दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री रहने के दौरान हुआ है. हालांकि गिरफ्तारी के तत्काल बाद बालाजी के सीने में दर्द की शिकायत करने पर उन्हें चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्विटर पर आरोप लगाया है कि ED ने बालाजी को टॉर्चर किया है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की इन धमकियों से DMK (द्रमुक) नहीं घबराएगी और इसका जवाब लोग 2024 में सबक सिखाकर देंगे. उन्होंने आरोप लगाया है कि बालाजी का स्वास्थ्य जानने गए तमिलनाडु सरकार के मंत्रियों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई है.
#WATCH | Tamil Nadu Electricity Minister V Senthil Balaji breaks down as ED officials took him into custody in connection with a money laundering case and brought him to Omandurar Government in Chennai for medical examination pic.twitter.com/aATSM9DQpu
— ANI (@ANI) June 13, 2023
गरीब किसान से प्रदेश के प्रभावी मंत्री बने हैं बालाजी
47 साल के सेंथिल बालाजी तमिलनाडु की करुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. गरीब किसान परिवार से संबंध रखने वाले बालाजी को पश्चिमी तमिलनाडु के प्रभावी नेताओं में से एक माना जाता है. वे OBC गोउंदार समुदाय से आते हैं, जिसे तमिलनाडु की राजनीति में चुनाव परिणामों के लिहाज से अहम वोटबैंक माना जाता है.
விசாரணைக்கு முழு ஒத்துழைப்பு தருகிறேன் என்று சொன்ன பிறகும் அமைச்சர் செந்தில் பாலாஜிக்கு நெஞ்சு வலி ஏற்படும் வகையில் சித்ரவதை கொடுத்த அமலாக்கத்துறையின் நோக்கம் என்ன?
— M.K.Stalin (@mkstalin) June 14, 2023
வழக்கிற்குத் தேவையான சட்ட நடைமுறைகளை மீறி மனிதநேயமற்ற முறையில் அமலாக்கத்துறை அதிகாரிகள் நடந்து கொண்டிருப்பது… pic.twitter.com/D2EIs5vvWN
जयललिता के संरक्षण में शुरू की थी राजनीति
बालाजी ने अपनी राजनीति की शुरुआत पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के संरक्षण में शुरू की थी. वे अन्नाद्रमुक में रहने के दौरान जयललिता के खास लोगों में गिने जाते थे. पहली बार साल 2006 में बालाजी अन्नाद्रमुक के टिकट पर ही जीत हासिल कर विधानसभा में पहुंचे थे. जयललिता की सरकार में 2011 से 2015 तक वे मंत्री भी रहे. चार बार विधायक बन चुके बालाजी ने जयललिता के 2016 में निधन के बाद अन्नाद्रमुक में चली वर्चस्व की लड़ाई के बीच साल 2018 में पार्टी छोड़कर द्रमुक का दामन थाम लिया था. एमके स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक की सरकार बनने पर उन्हें बिजली और एक्साइज जैसे अहम मंत्रालय सौंपे गए हैं. उन्हें द्रमुक सरकार का अहम चेहरा माना जाता है.
VIDEO | "The DMK government in Tamil Nadu is being harassed in all possible manners. But they have decided to fight and not let the opposition unity break," says Congress leader Pramod Tiwari on the ED arrest of Tamil Nadu Electricity Minister V Senthil Balaji. pic.twitter.com/lt4Yq2PW5o
— Press Trust of India (@PTI_News) June 14, 2023
अजब कारनामों के लिए रहे हैं मशहूर
अन्नाद्रमुक (AIADMK) में रहने के दौरान बालाजी अपने अजब कारनामों के लिए ज्यादा खबरों में रहे. वे कभी स्पेशल पूजा कराने, कभी लाखों दीये जलाने, पार्टी चुनाव चिह्न वाला हेडगियर पहनकर घूमने और पार्टी नेताओं के सम्मान में नारियल फोड़ने जैसे कारनामे करके चर्चा में बने रहते थे.
#WATCH तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी से मिलकर अस्पताल से रवाना हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2023
ED के अधिकारियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में हिरासत में लिया था जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। pic.twitter.com/bpPNE8hY7V
अम्मा वाटर प्लान के थे मास्टरमाइंड
बालाजी को ही साल 2013 में जयललिता की चर्चित अम्मा वाटर योजना (Amma Water Initiative) का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें गरीबों को सस्ते दामों पर पीने का पानी उपलब्ध कराया गया था. बालाजी तब भी चर्चा में रहे थे, जब जयललिता को आय से ज्यादा संपत्ति मामले में अदालत से बरी किए जाने पर उन्होंने अपना सिर मुंडवाकर जश्न मनाया था. हालांकि बाद में किसी बात पर उनके संबंध बिगड़ गए थे और बालाजी को द्रमुक सरकार में कैबिनेट मंत्री पद के साथ ही पार्टी के करुर जिला सचिव पद से भी साल 2015 में हटा दिया गया. साल 2016 में जयललिता की मौत के बाद उन्होंने वीके शशिकला-टीटीवी दिनाकरन गुट का साथ दिया. इसके बाद साल 2018 में वे द्रमुक में शामिल हो गए.
ED द्वारा विरोधी दलों को डराने का काम किया जा रहा है। अगर ED नहीं होती तो महाराष्ट्र की सरकार नहीं बन पाती। आज के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ED का प्रोडक्शन हैं: सांसद संजय राउत, मुंबई pic.twitter.com/tTFOWxtOPp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2023
करुर में है स्टार जैसी हैसियत
बालाजी को जानने वाले लोग कहते हैं कि करुर में उनकी हैसियत किसी स्टार जैसी है. स्थानीय नेताओं के मुताबिक, बालाजी द्वारा जॉब फेयर और ब्लड डोनेशन कैंप जैसे कार्यक्रम चलाने से उनकी लोकप्रियता बेहद तेजी से बढ़ी है. आम लोगों की उन तक सीधे पहुंच ने भी उन्हें बेहद लोकप्रिय बनाया है. बहुत सारे युवा उनकी फोटो अपने मोबाइल फोन स्क्रीन, फोन केस और टीशर्टों पर लगाकर घूमते दिख जाएंगे. बालाजी को करुर में ई-सेवा केंद्र स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है, जिन पर पब्लिस मुफ्त में सभी सरकारी सेवाओं को सीधे एक्सेस कर सकती है.
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