Wayanad Landslide Updates: केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में हुए भूस्खलन में मरने वाले लोगों की संख्या 150 हो गई है. मलबे में अब भी बहुत सारे लोग दबे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करने के लिए भारतीय सेना, NDRF, SDRF, भारतीय नौसेना और वायु सेना की टीमें और स्थानीय लोग जुटे हुए हैं. भारतीय सेना ने अस्थायी पुल बनाकर प्रभावित इलाके से 1,000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है. मलबे में से लगातार शव मिल रहे हैं, जिससे माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या अभी और ज्यादा बढ़ सकती है. चिंता की बात लगातार खराब हो रहा मौसम भी बन रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने प्रभावित इलाके में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे हालात और ज्यादा बदतर होने का डर पैदा हो गया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी प्रभावित इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंचे हैं. उधर, वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी का दौरा खराब मौसम के कारण टाल दिया गया है. इसे भारत के इतिहास में भूस्खलन की सबसे भयानक घटनाओं में से एक माना जा रहा है.
आइए 8 पॉइंट्स में आपको बताते हैं कि हादसे का ताजा अपडेट क्या है और भूस्खलन क्यों होता है-
1. मलबे में लोगों की तलाश के लिए दिल्ली से मंगाए गए हैं उपकरण
भूस्खलन के बाद मलबे में दब गए लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें हर संभव कोशिश कर रही हैं. पीड़ित लोगों के परिवार भी मलबे में अपनों की तलाश कर रहे हैं. मंगलवार रात को रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ा, जिसे बुधवार सुबह सूरज निकलते ही शुरू कर दिया गया है. भारतीय सेना के डीएससी सेंटर के कमांडेंट कर्नल परमवीर सिंह नागरा ने बताया कि रेस्क्यू के लिए खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है. साथ ही ड्रोन के जरिये भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि लोगों को रेस्क्यू करने के लिए दिल्ली से खास उपकरण मंगाए गए हैं, जो आज पहुंच जाएंगे. रेस्क्यू ऑपरेशन में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है.
#WATCH | Kerala: Relief and rescue operation underway in Wayanad's Chooralmala after a landslide broke out yesterday early morning claiming the lives of 143 people
— ANI (@ANI) July 31, 2024
(latest visuals) pic.twitter.com/Cin8rzwAzJ
2. अस्थायी पुल बनाकर किया गया है 1,000 लोगों को रेस्क्यू
कर्नल नागरा ने बताया है कि इलाके में बड़ी घटना की आशंका में सेना पिछले 15 दिन से अलर्ट पर थी. मंगलवार सुबह केरल सरकार के संपर्क करते ही भारतीय सेना के जवान रेस्क्यू में जुट गए, जिसमें NDRF, SDRF और नौसेना-वायुसेना भी समान मदद कर रही है. भारी बारिश के कारण इलाके में पुल बह गए हैं, जो रेस्क्यू में बेहद अहम होते हैं. सेना के इंजीनियरों ने एक अस्थायी पुल बनाया है, जिससे 1,000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित इलाकों में भेजा गया है. कुछ शव भी निकाले गए हैं. अब भी 18 से 25 लोग फंसे हुए हैं.
#WATCH | Kerala: Soldiers of the 122 Infantry Battalion of the Territorial Army preparing for the second day of rescue operations move out from their temporary shelter at local school to calamity-hit areas in Meppadi, Wayanad.
— ANI (@ANI) July 31, 2024
Source: PRO Defence Kochi pic.twitter.com/zf13Ejo1gI
3. राहुल-प्रियंका नहीं पहुंच पाएंगे वायनाड, बंगाल के राज्यपाल पहुंचे
वायनाड सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन व रायबरेली सांसद प्रियंका गांधी का प्रभावित इलाके का दौरा टल गया है. दोनों नेताओं का दौरा खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण टाला गया है. राहुल गांधी ने मंगलवार रात ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'प्रियंका और मैं भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मिलने और स्थिति का जायजा लेने के लिए कल वायनाड जाने वाले थे. लेकिन, लगातार बारिश और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण हमें अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है कि विमान उतर नहीं सकेगा. मैं वायनाड के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम जल्द से जल्द दौरा करेंगे. इस बीच, हम स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे. इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं वायनाड के लोगों के साथ हैं.' उधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस केरल के कालीकट पहुंच गए हैं, जहां से वे मेप्पाडी जाने की कोशिश कर रहे हैं. राजभवन ने मंगलवार रात को एक्स पर पोस्ट में बताया कि केरल निवासी 73 वर्षीय बोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायनाड में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बात की है. साथ ही वे केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन के भी संपर्क में हैं. वह अस्पतालों व राहत शिविरों का दौरा करेंगे और बचाव व राहत कार्यों में भी मदद करेंगे.
4. IMD के रेड अलर्ट के बाद मुख्यमंत्री ने की इमरजेंसी मीटिंग
वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच IMD ने डराने वाली चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने वायनाड में भारी बारिश का रेड अलर्ट और उसके पड़ोसी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आएगी. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हाई लेवल इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की है.
Rajasthan CM Bhajanlal Sharma tweets, "The news of the death of candidates preparing for Union Public Service Commission (UPSC) in an unfortunate accident in the basement of a coaching institute in Delhi is extremely distressing. In order to prevent recurrence of such incidents,… pic.twitter.com/YhRge4Uwyi
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 31, 2024
5. भूस्खलन किस कारण होता है?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूस्खलन प्राकृतिक और मानवीय, दोनों कारणों से हो सकता है. आमतौर पर यह पर्वतीय इलाकों में होता है, जिसमें चट्टानें गिरती हैं, जमीन खिसकती है, कीचड़ तेजी से बहता है या मलबा तेजी से पानी की तरह बहकर आता है. भूस्खलन के प्राकृतिक कारण भूकंप, बाढ़ या ज्वालामुखी विस्फोट होता है, लेकिन इसके मानवीय कारणों में वनों की अंधाधुंध कटाई, फसल पैटर्न में बदलाव से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ना माना जाता है. पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ने से बादल फटने की घटनाएं होती हैं, जिससे भारी मात्रा में पानी अचानक गिरने से जमीन पर मिट्टी और चट्टानों की पकड़ छूट जाती है और वे मलबे की 'सुनामी' की तरह तबाही मचाते हुए दौड़ पड़ती हैं. ऐसी बहुत सारी घटनाएं पिछले कुछ सालों में खासतौर पर उत्तराखंड राज्य में देखी गई हैं, जहां बड़े पैमाने पर वनों की कटाई या उनमें आग लगने के कारण हरियाली असंतुलित हुई है.
6. किन भारतीय इलाकों में भूस्खलन का कितना खतरा
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRF) के मुताबिक, भारतीय उपमहाद्वीप हर साल 5 सेंटीमीटर की गति से उत्तर की तरफ खिसक रहा है. इसके चलते जमीन में तनाव बढ़ रहा है और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने हाल ही में भारत का भूस्खलन नक्शा (Landslide Atlas) जारी किया था, जिसमें देश के संवेदनशील हिस्सों के हिसाब से बर्फ से ढके सभी पहाड़ों को सबसे ऊपर रखा गया है. इसके अलावा देश का 12.6% हिस्सा भूस्खलन के लिए बेहद संवेदनशील माना गया है. 12.6% हिस्से में से 66.5% इलाका उत्तर-पश्चिमी हिमालय में, 18.8% उत्तर-पूर्वी हिमालय में और लगभग 14.7% इलाका देश के पश्चिमी घाट में है.
7. कैसे रोक सकते हैं भूस्खलन से होने वाली हानि?
NDRF ने भूस्खलन से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए कुछ टिप्स जारी किए हैं. ये टिप्स खासतौर पर ऐसे इलाकों के लिए जारी की गई हैं, जहां भूस्खलन बार-बार आते हैं. ये टिप्स निम्न हैं-
- ढलान वाली सतहों से दूर निर्माण करें. रिहाइशी इलाकों में नालों को साफ रखें.
- नालों में पत्ते, कूड़ा, प्लास्टिक की थैलियों या अन्य किसी तरह के मलबे से आई बाधा की जांच करते रहें.
- रिहाइशी इलाकों के करीब ज्यादा से ज्यादा पेड़ उगाएं ताकि उनकी जड़ें मिट्टी के कटाव को रोक सकें.
- संवेदनशील इलाकों में धंसी हुईं या झुकी हुई या जर्जर बिल्डिंगों की पहचान करके उन्हें हटा दिया जाए.
- यदि रिहायशी इलाके के करीब नदी में मटमैला या कीचड़ वाला पानी दिखे तो ये ऊपरी इलाके में भूस्खलन की शुरुआत का संकेत है.
- इन संकेतों को देखकर तत्काल प्रशासन को सूचना दें और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अलर्ट करें.
8. भारत में आज तक हुए 5 सबसे बड़े भूस्खलन हादसे
- केदारनाथ आपदा- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मौजूद केदारनाथ धाम में 16 जून, 2013 में भयानक बारिश व बाढ़ से हुए भूस्खलन में 5,700 से ज्यादा लोगों मारे गए थे और 4,200 से ज्यादा गांव पानी में बह गए थे.
- दार्जिलिंग भूस्खलन- पश्चिमी बंगाल के दार्जिलिंग शहर में 4 अक्टूबर. 1968 को विनाशकारी भूस्खलन और बाढ़ से 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
- गुवाहाटी- असम के गुवाहाटी शहर में सितंबर, 1948 को भारी बारिश कारण हुए भूस्खलन में एक पूरा गांव मलबे के नीचे दफन हो गया था, जिससे 500 से ज्यादा लोग जिंदा ही मौत का शिकार हो गए थे.
- मापला- उत्तर प्रदेश के मापला में अगस्त, 1998 को सात दिन तक लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में एक पूरा गांव मलबे में दफन हो गया था. इस हादसे में 380 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
- मालिन- महाराष्ट्र के मालिन गांव में 30 जुलाई 2014 को लगातार भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था. इस आपदा में 151 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे.
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वायनाड हादसे में 150 की मौत, 1,000 लोग बचाए, जानिए क्यों होता है भूस्खलन