अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को बीते हुए ठीक ठाक वक़्त गुजर गया है. बावजूद इसके,चाहे वो वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हों. या फिर पूर्व राष्ट्रपति जोइ बाइडेन दोनों ही नेताओं की तरफ से ऐसे तमाम दावे हो रहे हैं जो न केवल चौंकाने वाले हैं. बल्कि तमाम तरह के सवालों को भी खड़ा करते हैं. ऐसी ही एक रिपोर्ट फिर वायरल हो रही हैं जिसमें कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति जोइ बाइडेन का मानना है कि अगर वे राष्ट्रपति पद की दौड़ में बने रहते तो पिछले महीने हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हरा सकते थे.
ध्यान रहे कि व्हाइट हाउस के मौजूदा राष्ट्रपति, जो अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता की चाबी सौंपने वाले हैं, ने कम मतदान संख्या और अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ एक टेलीविज़न बहस में खराब प्रदर्शन के दबाव के बीच जुलाई में दौड़ से नाम वापस ले लिया था.
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उनकी जगह कमला हैरिस को लाया गया, जो बाद में नवंबर के चुनाव में ट्रंप से हार गईं. अब वाशिंगटन पोस्ट द्वारा रिपोर्ट की जा रही है कि बाइडेन और उनके कुछ सहयोगियों का मानना है कि 82 वर्षीय बाइडेन को दौड़ में बने रहना चाहिए था.
बाइडेन और उनके सहयोगियों ने हाल के दिनों में कथित तौर पर लोगों से कहा है कि वे ट्रंप को हरा सकते थे.
बता दें कि बाइडेन ने 2020 के चुनाव में ट्रंप को करारी शिकस्त देकर व्हाइट हाउस में कब्ज़ा किया और अपने प्रतिद्वंद्वी यानी ट्रंप को दूसरा कार्यकाल देने से रोका था. लेकिन व्हाइट हाउस में अपने कार्यकाल के दौरान, इस बात को लेकर अटकलें लगाई जाती रहीं कि क्या वह (बाइडेन) 2024 में फिर से चुनाव लड़ेंगे, या क्या वह एक-कार्यकाल के राष्ट्रपति पद का विकल्प चुनेंगे.
पिछले साल अप्रैल में, उन्होंने घोषणा की कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगे और 2024 के डेमोक्रेटिक पार्टी के नामांकन की दौड़ में शामिल होंगे. बाइडेन ने तर्क दिया कि उन्होंने एक बार ट्रंप को हराया था और अपनी उम्र के बारे में सवालों के बावजूद, वह फिर से ऐसा कर सकते हैं.
लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन हासिल करने के बावजूद, कई शर्मनाक सार्वजनिक ग़लतियों के बाद दबाव बढ़ गया, जिसमें जुलाई में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के रूप में पेश करना भी शामिल है.
फ़रवरी में, उन्होंने गलती से 2021 में G7 शिखर सम्मेलन में फ्रेंकोइस मिटरैंड से मिलने का दावा भी किया, जिनकी 1996 में मृत्यु हो गई थी.
हालांकि, ट्रंप के खिलाफ एक टेलीविज़न बहस में यह एक अव्यवस्थित प्रदर्शन था, जिसकी कीमत अंततःबाइडेन को चुकानी पड़ी, डेमोक्रेट्स ने बाइडेन की इस हरकत पर तमाम तरह की बातें की थीं.
माना जाता है कि डेमोक्रेट्स की इन बातों ने बाइडेन को भी प्रभावित किया था और इस प्रकरण के दस दिन बाद, उन्होंने घोषणा की कि वह अपनी उम्मीदवारी वापस ले रहे हैं, और उपराष्ट्रपति हैरिस को पीछे से अपना समर्थन दे रहे हैं.
लेकिन हैरिस नवंबर के चुनाव में ट्रंप से हार गईं, जिसमें रिपब्लिकन ने सभी प्रमुख युद्धक्षेत्र राज्यों में जीत हासिल करके, साथ ही लोकप्रिय वोट जीतकर दूसरे कार्यकाल का दावा किया. बताया जा रहा है कि ट्रंप अब 20 जनवरी को पदभार ग्रहण कर दोबारा इतिहास रचने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
बहरहाल अब जबकि बाइडेन ने अमेरिकी चुनावों के लिहाज से ये बेतुका दावा कर ही दिया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि ट्रंप या उनके समर्थकों की ओर से इस दावे पर क्या प्रतिक्रिया आती है. बाकी जैसा अमेरिका का माहौल है जनता ये देखने को आतुर हैं कि अपने इस दूसरे कार्यकाल में ट्रंप ऐसा क्या करते हैं जिसका फायदा अमेरिका की आम जनता को मिलता है.
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