फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी UNRWA पर कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम और इजरायल में काम करने पर रोक लगाने वाला प्रतिबंध लागू हो गया है. बताया जा रहा है कि यह बेहद विवादास्पद कदम तीन महीने पहले इजरायली संसद द्वारा इसके पक्ष में मतदान करने के बाद लागू हुआ.ध्यान रहे कि प्रतिबंध को रोकने के लिए एक लीगल चैलेंज को बीते दिन इजरायली सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया.
इजरायल ने UNRWA पर गाजा में हमास के साथ घनिष्ठ संबंध होने का आरोप लगाया है, जिसे संगठन ने नकार दिया है. वहीं खबर ये भी है कि 7 अक्टूबर के हमलों में भाग लेने के लिए नौ UNRWA कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया.
बता दें कि पूर्व में कई दानकर्ता देशों ने इसकी फंडिंग रोक दी थी, लेकिन ब्रिटेन समेत अधिकांश ने इसे फिर से बहाल कर दिया है.UNRWA और उसकी कार्यप्रणाली पर इजरायल किस हद तक नाराज है इसका अंदाजा इजरायली सरकार के प्रवक्ता के उस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें कहा गया है कि,' यूएनआरडब्ल्यूए हमास के बराबर है.'
वहीं उन्होंने ये खुलासा भी किया है कि पहले ही इजरायल कई ऐसे सबूत सार्वजनिक कर चुका है जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि यूएनआरडब्ल्यूए हमास के गुर्गों से भरा हुआ है.
ज्ञात हो कि इजरायल की तरफ से यरुशलम या वेस्ट बैंक में ऐसे लिंक मौजूद होने का कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. आपको शायद ये सुनकर हैरत हो कि इस प्रतिबंध के असर की शुरुआत हो गई है. यरुशलम के नज़दीक तमाम कैंप ऐसे हैं जहां लोगों को दवा समेत अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.
हालांकि यह प्रतिबंध केवल पूर्वी यरुशलम में संचालन से संबंधित है, लेकिन इज़राइल ने एजेंसी के साथ संचार भी तोड़ दिया है और अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों के वीज़ा रद्द कर दिए हैं, जिससे गाजा और पश्चिमी तट में सेवाएं जारी रखना बेहद मुश्किल हो गया है.
गौरतलब है कि गाजा के लगभग दो मिलियन निवासी किसी न किसी रूप में UNRWA पर निर्भर हैं. UNRWA के पास ज़मीनी स्तर पर ऐसे संपर्क हैं जो किसी अन्य एजेंसी के पास नहीं हैं. इसलिए माना यही जा रहा है कि UNRWA पर प्रतिबंध उन लोगों की कमर तोड़ देगा जो आंशिक या पूर्ण रूप से इस पर निर्भर हैं.
बहरहाल अब जबकि UNRWA पर प्रतिबंध लगाकर इजरायल ने एक बहुत बड़ा कदम उठा ही लिया है. तो गाजा इजरायल गतिरोध पर पैनी नजर रखने वाले तमाम जानकार ऐसे हैं, जिनका मानना है कि इजरायल के इस रवैये से हालात और बदतर होंगे और हम ऐसा बहुत कुछ देखेंगे जो सोच और कल्पना से परे होगा.
खैर, इजरायल के इस फैसले पर मिडिल ईस्ट समेत अन्य मुस्लिम देशों की क्या प्रतिक्रिया होती है ? इसका फैसला तो वक्त करेगा. लेकिन देखना दिलचस्प रहेगा कि अमेरिका, ब्रिटेन जैसे मुल्क इजरायल के इस फैसले को कैसे और किस तरह देखते हैं.
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Israel ने लगाया UNRWA पर प्रतिबंध, भविष्य में क्या होगा Gaza पर इसका असर?