डीएनए हिंदी: Pm Modi Birthday Celebration- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 73वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. पीएम मोदी पिछले 23 साल से पहले राज्य और फिर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बरकरार हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ना कभी विधायक बने और ना कभी संसद का मुंह देखे, फिर भी 23 साल पहले पहली बार मोदी को अचानक सीधे गुजरात का मुख्यमंत्री कैसे बना दिया गया था? वो भी एक ऐसे राज्य में जहां भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों में राजनीति की टॉप सीट के लिए पटेलों के अलावा किसी के बारे में सोचा ही नहीं जाता था. वहां मोदी न केवल मुख्यमंत्री बने बल्कि अपना जलवा ऐसा बिखेरा कि गुजरात दंगों जैसे विवादों के बावजूद वे पहले राज्य में और अब देश में भाजपा की 'वन मैन आर्मी' बने हुए हैं. चलिए ये पूरा किस्सा हम आप लोगों को बताते हैं. 

केशुभाई पटेल की बीमारी और भुज भूकंप ने हिला दिया था भगवा दल

साल 2001 में केशुभाई पटेल गुजरात में भाजपा की सरकार के मुख्यमंत्री थे. केशुभाई पटेल को साल 1998 में नरेंद्र मोदी के समर्थन से ही पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर स्वीकार किया था. मोदी उस समय भाजपा की विधानसभा चुनाव सलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष थे. पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के कांग्रेस में शामिल होने से कमजोर भाजपा के लिए केशुभाई पटेल को खड़ा करने की मोदी की रणनीति सक्सेसफुल साबित हुई और पार्टी की सरकार बन गई. लेकिन केशुभाई पटेल के लगातार बीमार रहने के कारण प्रशासन पर उनकी कमजोर पकड़ से भाजपा को बेहद नुकसान हुआ. साल 2001 में भुज में आए सदी के सबसे बड़े भूकंप में हजारों लोग मारे गए और राहत अभियान में केशुभाई पटेल फेल साबित हुए. नतीजतन दो उपचुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा हार गई. इसके बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात में बदलाव की तैयारी शुरू की.

दिल्ली में ही थे मोदी, श्मशान में खड़े हुए थे

नरेंद्र मोदी साल 2001 में भाजपा के महासचिव (संगठन) बनाए जा चुके थे. संगठन के काम से दिल्ली आए हुए मोदी एक कार्यकर्ता के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए श्मशान में गए हुए थे. इसी दौरान उनके पास तत्कालीन पीएम Atal Bihari Vajpayee का फोन आया. उन्हें तत्काल मिलने के लिए बुलाया गया.

पटेल का डिप्टी सीएम बनने का ऑफर ठुकराया

मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पहले केशुभाई पटेल का उप मुख्यमंत्री बनकर शासन चलाने का प्रस्ताव दिया, जिससे उन्होंने इंकार कर दिया. मोदी ने साफतौर पर पूर्ण जिम्मेदारी या फिर कुछ नहीं की बात रखी, जिसे थोड़े नानुकुर के बाद मान लिया गया. नतीजतन 4 अक्टूबर 2001 को पहली बार नरेंद्र मोदी को गुजरात भाजपा के विधायक दल का नया नेता घोषित किया गया और उन्हें  नए मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार बनाने का आमंत्रण तत्कालीन राज्यपाल की तरफ से मिला. इसके बाद 7 अक्टूबर, 2001 को मोदी ने 51 साल की उम्र में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर शपथ ग्रहण की. आगे सबकुछ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है.

मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार बने विधायक

मुख्यमंत्री बनने के समय मोदी किसी भी सीट से विधायक या सांसद नहीं थे. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के चार महीने बाद पहली बार राजकोट वेस्ट सीट से उपचुनाव लड़ा. यह सीट उनके लिए वजूभाई वाला ने खाली की थी. पहले कार्यकाल में महज 18 महीने तक सरकार चलाने का मौका मोदी को मिला था, लेकिन इतने समय में ही उन्होंने प्रशासन के पेंच ऐसे कसे कि जनता ने 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 127 सीट पर जीत दिलाकर मोदी को सफल नेता साबित कर दिया.

आज ही नहीं शुरुआत से ही टेकसेवी थे मोदी

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल को 'टेकयुग' के तौर पर याद किया जाता है. इस दौर में जहां खातों में सरकारी योजनाओं के सीधे पैसे पहुंचने से लेकर क्यूआर कोड से पेमेंट तक, तमाम तरह की टेक्नोलॉजी आम जनता के रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मोदी शुरुआत से ही टेकसेवी थे. मोदी के पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके शपथग्रहण समारोह का इंटरनेट पर वेब टेलीकास्ट हुआ था, जबकि उस दौर में इंटरनेट तक बेहद कम भारतीयों की पहुंच थी. पहले ही दिन मोदी ने 10 कलेक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मीटिंग कर नौकरशाही से मिलने का नया तरीका पेश किया था. इसके बाद से वह लगातार टेकसेवी के तौर पर आगे ही बढ़ते गए हैं.

12 साल 227 दिन CM और अब 9 साल से ज्यादा PM

पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद मोदी 12 साल 227 दिन तक इस पद पर रहे. इस दौरान उन्होंने तीन बार सरकार का नेतृत्व किया. इसके बाद वे अब 9 साल से ज्यादा दिन तक पीएम रह चुके हैं. देश में सबसे लंबे वक्त पीएम रहने वाले नेताओं में उनका चौथा नंबर है. जवाहरलाल नेहरू 16 साल 208 दिन, इंदिरा गांधी 15 साल 350 और मनमोहन सिंह 10 साल 4 दिन तक पीएम रहे थे. 

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Pm Modi Birthday Special know how narendra modi became gujarat chief minister in 2001 read all explained
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PM Modi Birthday: श्मशान में खड़े थे मोदी, तभी आया फोन, जानिए कैसे पहली बार CM ब
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PM Modi Birthday: श्मशान में खड़े थे मोदी, तभी CM बनने के लिए आया फोन

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