Who is Keir Starmer: ब्रिटेन के आम चुनावों (UK election Results 2024) में अब पूरा परिणाम तकरीबन सामने आ चुका है. ब्रिटिश जनता ने 14 साल से सत्ता में काबिज कंजरवेटिव पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है और लेबर पार्टी को भारी बहुमत के साथ कुर्सी सौंप दी है. इसके साथ ही लेबर पार्टी प्रमुख कीर स्टार्मर का अगला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनना भी तय हो गया है. इसे बेहद खास बात माना जा रहा है, क्योंकि स्टार्मर को आम वर्ग के तरक्की का चेहरा माना जाता है. बेहद गरीब परिवार से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाले स्टार्मर को एक वक्त ऐसा भी देखना पड़ा था, जब उन्हें वेश्यालय की छत पर बैठकर अपनी पढ़ाई करनी पड़ती थी. स्टार्मर ने अपने पहले भाषण में यह दिखा भी दिया है कि वे बदलाव के लिए काम करने वाले हैं. उन्होंने कहा,'परिवर्तन यहीं से शुरू होता है, क्योंकि यह आपका लोकतंत्र, आपका समुदाय और आपका भविष्य है. आपने वोट दिया है. अब यह वक्त है कि हम कुछ करें.' 

आइए आपको 8 पॉइंट्स में बताते हैं कि स्टार्मर कौन हैं और उनका प्रधानमंत्री बनना क्यों खास माना जा रहा है.

1. मजदूर के घर हुआ जन्म

कीर स्टार्मर का जन्म 2 सितंबर, 1962 को लंदन के बाहरी इलाके में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता टूलमेकर थे और मां नर्स का काम करती थी. स्टार्मर के पिता रोडने स्टार्मर कट्टर वामपंथी थे. इसके चलते उन्होंने अपने बेटे का नाम लेबर पार्टी के संस्थापक कीर हार्डी के नाम पर कीर स्टार्मर रखा. आज वही कीर स्टार्मर उसी लेबर पार्टी का मुखिया है और उसकी तरफ से प्रधानमंत्री बनने जा रहा है. उनके दो बच्चे हैं.

2. गरीबी में बीता पूरा बचपन

कीर स्टार्मर का बचपन बेहद गरीबी में बीता. इसी कारण वे खुद को 'वर्किंग क्लास बैकग्राउंड' से बताते हैं. उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई रिगेट ग्रामर स्कूल से की. पढ़ाई में तेज होने के कारण उनकी फीस स्थानीय काउंसलर भरता था. ग्रामर स्कूल में पढ़ाई से लेकर खेलकूद और म्यूजिक तक में बेहतरीन होने के कारण कीर स्टार्मर को सुपर बॉय कहा जाता था.

3. मां से था लगाव, उनकी अजीब बीमारी देखी

स्टार्मर ने कई बार कहा है कि उनकी पिता से नहीं बनती थी. बस मां जोसेफिन से भावनात्मक लगाव था, लेकिन वो भी एक दुर्लभ बीमारी की शिकार हो गईं. उनकी मां स्टिल्स नाम की ऑटोइम्यून बीमारी की शिकार थीं. ऑर्थराइटिस जैसी इस बीमारी के कारण मां के लिए खड़ा होना भी मुश्किल हो गया. इस कारण स्टार्मर का बचपन बेहद मुश्किल में बीता. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मां 50 साल तक इस बीमारी से जूझी. आखिरी दिनों में उनकी हड्डियां हल्का सा दबाव पड़ते ही टूट जाती थी. दर्द से परेशानी के कारण उनके पैर काटने पड़े, लेकिन फिर आखिरी सांस तक दर्द नहीं गया. ऐसे भावनात्मक दबाव से जूझने कारण कीर स्टार्मर और ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति वाले बन गए.

4. वकील के तौर पर शुरू किया करियर, फिर राजनीति में पहुंचे

कीर स्टार्मर ने अपना करियर वकील के तौर पर शुरू किया था. खासतौर पर वह मानवाधिकारों से जुड़े मामले लड़ा करते थे. सरकारी अभियोजक बनने पर उन्होंने फोन-हैकिंग के घोटालों जैसे हाई प्रोफाइल मामले भी संभाले. इसके बाद वे राजनीति में आए और साल 2015 में 52 साल की उम्र में होलबोर्न और सेंट पैनक्रॉस से संसद सदस्य चुने गए. शुरू में उन्हें करिश्माई व्यक्तित्व वाला नहीं होने के लिए नकारा गया, लेकिन लोगों को उनकी स्थिर अप्रोच और मैनेजमेंट संबंधी दृष्टिकोण पसंद आया.

5. लेबर पार्टी चीफ बनने पर आया असली बदलाव

स्टार्मर को सांसद बनने के दो साल बाद ही लेबर पार्टी ने ब्रेक्जिट स्पोक्सपर्सन का काम संभाल लिया. फिर उन्होंने लेबर पार्टी के चीफ जेरेमी कार्बिन के अंडर में ब्रेग्जिट सचिव के तौर पर भी काम किया. ब्रेग्जिट यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को अलग करने की प्रक्रिया थी. साल 2019 में लेबर पार्टी को मिली चुनावी हार के बाद स्टार्मर ने पार्टी नेता के तौर पर जेरेमी कार्बिन को चुनौती दी और 2020 में लेबर पार्टी के चीफ चुने गए. 

6. पार्टी को 205 सीट से 400+ तक पहुंचाया

कीर स्टार्मर ने 2020 में लेबर पार्टी के चीफ के तौर पर कामकाज संभालते हुए ही दोबारा सत्ता में आने का टारगेट तय किया था. इसके लिए उन्होंने लगातार काम किया. कंजरवेटिव पार्टी के खिलाफ बन रहे सत्ता विरोधी रूझान ने भी उनकी मदद की. साल 2019 में 205 सीट जीत सकीं लेबर पार्टी ने इस बार बहुमत के लिए जरूरी 326 सीट से कहीं ज्यादा 400+ सीट हासिल की हैं. खबर लिखने तक सामने आए रिजल्ट में लेबर पार्टी को 411 और कंजरवेटिव पार्टी को 119 सीट मिल चुकी थीं.

7. ब्रिटिश क्वीन से मिली सर की उपाधि नहीं करते इस्तेमाल, राजनीति को बताते हैं सेवा

कीर स्टार्मर को बेहद प्रैक्टिकल अप्रोच वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होने के कारण वे राजनीति को सेवा मानते हैं. उन्होंने अपने इलेक्शन कैंपेन में भी बार-बार यह बात कही कि राजनीति में सेवाभाव को वापस लाना जरूरी है. स्टार्मर को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने नाइट की उपाधि दी थी, लेकिन अपने लिए 'सर' शब्द का इस्तेमाल बेहद कम ही करते हैं. 

8. खास हैं स्टार्मर के चुनावी वादे

स्टार्मर ने ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा NHS में मरीजों के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट को कम करने का टारगेट रखा है, जिसके लिए हर सप्ताह NHS में 40,000 नियुक्तियां करेंगे. इसकी फंडिंग टैक्स चोरी रोककर की जाएगी. छोटी नावों के जरिये ब्रिटेन में घुसने की चाह में जान गंवाने वाले अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी कमांड लॉन्च करेंगे. देश में 15 लाख नए घर बनाएंगे, जिनमें पहला अधिकार पहली बार घर खरीदने वालों को मिलेगा. देश मे 6,500 टीचर्स की भर्ती करेंगे और इसकी फंडिंग के लिए निजी स्कूलों को दी जा रही टैक्स छूट को बंद करेंगे.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
Meet keir starmer new britain prime minister who defeated rishi sunak in uk election results 2024 updates
Short Title
वेश्यालय की छत पर बैठकर पढ़ते थे, अब बनेंगे ब्रिटेन के पीएम, 8 पॉइंट्स में जानें
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Keir Starmer
Date updated
Date published
Home Title

वेश्यालय की छत पर बैठकर पढ़ते थे, अब बनेंगे ब्रिटेन के पीएम, 8 पॉइंट्स में जानें कौन हैं Keir Starmer

Word Count
991
Author Type
Author