इजरायल हमास युद्ध को भले ही एक साल से ऊपर हो गया हो. लेकिन इस युद्ध में बंधक बनाए गए लोग अभी भी चर्चा का विषय हैं. शायद ही कोई दिन बीतता हो, जब मानवाधिकारों के पुरोधा इस विषय पर बात न करते हों. ऐसे लोगों को अब गफलत छोड़ देनी चाहिए. क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि खुद इजराइल ने कहा है कि वह गाजा में बंधकों के मामले में समझौते पर पहुंचने की संभावना के बारे में 'पहले से अधिक आशावादी' है.
जी हां बिलकुल सही सुन रहे हैं आप. इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि लगभग 100 बंधकों की वापसी के लिए अप्रत्यक्ष बातचीत चल रही है. ध्यान रहे कि यह खबर ऐसे समय में आई है. जब हमास ने गाजा में आतंकवादियों द्वारा अभी भी बंधक बनाए गए लोगों की सूची तैयार करने के लिए कहा है.
बंधकों पर अपना पक्ष रखते हुए सार ने कहा है कि, हम पहले से अधिक आशावादी हो सकते हैं, लेकिन हम अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं. मुझे उम्मीद है कि हम वहां पहुंचेंगे. गाजा में स्थिति कैसी है? इसे उस बात से भी समझा जा सकता है जिसमें कहा गया है कि,बंधक समझौते के बिना गाजा में युद्ध विराम नहीं होगा.
रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार, एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने कहा है कि हमास ने गाजा में अन्य गुटों से कहा है कि वे अपने कब्जे में मौजूद इजरायली और विदेशी बंधकों के नाम सूचीबद्ध करना शुरू करें, चाहे वे जीवित हों या मृत.
अधिकारी ने कोई और ब्यौरा नहीं दिया, लेकिन कहा कि अमेरिका द्वारा समर्थित मध्यस्थों ने इजरायल और हमास के साथ संपर्क बढ़ा दिया है. वहीं हमास के अधिकारियों ने नवीनतम रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला करने के बाद बंदूकधारी 250 से अधिक बंधकों को वापस गाजा में ले गए. वहीं अभी बीते दिन ही इजरायल की सेना की तरफ से कहा गया है कि दक्षिणी लेबनान में उसके चार सैनिक मारे गए हैं.
सेना ने इस बात की पुष्टि तो की कि सैनिक 'लड़ाई के दौरान मारे गए', लेकिन इसके बाद फिर उसकी तरफ से और कोई जानकारी साझा नहीं की गई.
मामले पर इजरायलकी आर्मी रेडियो ने बताया कि अभी बीते दिन हथियारों से लदी हिज़्बुल्लाह सुरंग को ध्वस्त करते समय विस्फोटकों के आकस्मिक विस्फोट में सैनिकों की मौत हुई है.
प्रारंभिक समीक्षा में पाया गया कि मौके पर लगातार विस्फोट हुए, जिससे सुरंग ढह गई. वहीं लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार दो दक्षिणी गांवों पर इजरायली हमलों में छह लोग मारे गए.
बहरहाल एक ऐसे वक़्त में जब बंधकों की स्थिति इजरायल और हमास के बीच चर्चा का विषय बन गई हो देखना दिलचस्प रहेगा कि उनकी रिहाई इस युद्ध में सीजफायर की वजह बनती है या नहीं.
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क्यों गाजा बंधक समझौते की संभावना पर नेतन्याहू 'पहले से अधिक आशावादी' हैं?