डीएनए हिंदी: Assembly Elections 2023- देश के पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. नवंबर की शुरुआत में शुरू हुए मतदान का दौर 30 नवंबर को तेलंगाना में पोलिंग के साथ पूरा हो गया है. इन राज्यों में जनता ने किस पर भरोसा जताया है. इसका अनुमान भी एग्जिट पोल्स (Exit Polls Result 2023) के तौर पर सामने आ चुका है. इन एग्जिट पोल्स में जहां कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन की संभावना जताई गई है, वहीं भाजपा के लिए चिंता की लहर सामने दिखाई दी है. हालांकि दोनों ही दलों के नेताओं ने एग्जिट पोल्स को उन राज्यों में खारिज किया है, जहां उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन की संभावना जताई गई है. दोनों दलों के नेता जोरशोर से ये कहने में जुटे हुए हैं कि 3 दिसंबर को मतगणना के बाद असली रिजल्ट में नजारा कुछ और ही दिखाई देगा. हम अनुमानों पर कुछ नहीं कहना चाहते. लेकिन कोई भी राजनीतिक दल रिजल्ट से पहले जीत का जश्न मनाता दिखाई नहीं देगा. हालांकि भारतीय राजनीतिक इतिहास में ऐसे उदाहरण देखने को मिल चुके हैं, जब राजनीतिक दल जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने रिजल्ट आने से पहले ही मिठाई बांटकर जश्न मनाना शुरू कर दिया था. हम आपको भारतीय राजनीति के कुछ ऐसे ही मौकों के बारे में बताने जा रहे हैं.
2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दे दिए थे मिठाई के ऑर्डर
साल 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में उतरी थी. सभी राजनीतिक विश्लेषक 10 साल से राज कर रही कांग्रेस के खिलाफ आम जनता के मन में विरोध की लहर होने के दावे कर रहे थे. भाजपा के रणनीतिकार भी इस सत्ता विरोधी लहर को लेकर पूरे आश्वस्त थे और उन्होंने अपनी पार्टी की जीत का दावा कर दिया था. मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल भी भाजपा की ही जीत की बात कर रहे थे. भाजपा नेताओं ने बड़े पैमाने पर मिठाई के ऑर्डर भी कर दिए थे, लेकिन रिजल्ट घोषित होने के बाद नजारा कुछ और ही था. शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने जीत हासिल की और भाजपा की उम्मीदें ध्वस्त हो गईं. इसके बाद हलवाई मिठाई का ऑर्डर देने वाले विपक्षी नेताओं को तलाशते घूम रहे थे.
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी मना था वक्त से पहले जश्न
साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल्स के बाद वक्त से पहले भाजपा का जश्न सामने आया था. एग्जिट पोल्स में भाजपा को भारी जीत मिलने की संभावना दिखाई गई थी. इसके बाद भाजपा नेताओं ने जीत का जश्न मनाने की तैयारी रिजल्ट घोषित होने से पहले ही शुरू कर दी थी. भाजपा के खेमे में मिठाइयां बंटने लगी थीं. हालांकि जब असल रिजल्ट सामने आया तो ये सारा जश्न बेकार साबित हुआ था. भाजपा के खिलाफ खड़ा जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठजोड़ सारी संभावनाओं पर भारी पड़ा था.
2022 में भी बिहार में ही दिखा था ऐसा ही नजारा
साल 2022 में बिहार की कुरहानी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani Assembly By-election) के दौरान भी वक्त से पहले जश्न का नजारा सामने आया था. VIP पार्टी के चीफ मुकेश साहनी को यकीन था कि उनकी पार्टी भाजपा और जदयू-राजद गठबंधन, दोनों पर भारी पड़ेगी. उन्होंने शुद्ध घी से बनी मिठाइयों का भारी ऑर्डर दिया था, लेकिन जब मतगणना शुरू हुई तो उनकी सारी उम्मीदें ध्वस्त हो गईं.
कहीं इस बार भी ऐसा ही नहीं हो जाए खेल
पांच राज्यों के एग्जिट पोल्स में तेलंगाना में 9 साल से सत्ता चला रही BRS पर कांग्रेस को भारी दिखाया गया है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अलग-अलग एग्जिट पोल्स में भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही विजेता दिखाई गई हैं. ऐसे में इन खासतौर पर कांग्रेस के खेमे में जश्न जैसा माहौल है, जो मिजोरम को छोड़कर बाकी चार राज्यों में खुद को भारी मान रही है और अपनी जीत का दावा कर रही है. ऐसा ही दावा भाजपा नेताओं ने भी किया है. हालांकि इतना तय है कि शायद कोई भी दल 3 दिसंबर की मतगणना के बाद रिजल्ट घोषित होने से पहले मिठाई का ऑर्डर देने का साहस नहीं दिखाएगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Exit Polls 2023: क्या राजनीतिक दल रिजल्ट से पहले मनाएंगे जश्न? जानिए कब-कब दिखाई जा चुकी है ऐसी हिम्मत