डीएनए हिंदी: Israel Hamas War Updates- इजरायल और हमास के बीच की लड़ाई अब पूरे चरम पर है. गाजा के अस्पताल पर भयावह हमले का दोषी कौन है या कौन नहीं है? इसका फैसला शायद कभी नहीं हो पाएगा, लेकिन ऐसे दौर में जब सारी उंगलियां इजरायल की तरफ उठी हुई हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेल अबीब पहुंचकर सभी को चौंका दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति का यह इजरायल दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब इजरायल अपने इतिहास के सबसे बड़े हमले से जूझ रहा है. हमास के 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए हमले में एक ही दिन में 1,400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. बदले में इजरायल ने भी गाजा पट्टी को पूरी तरह खंडहर करके छोड़ा हुआ है.

गाजा पट्टी में हजारों आम लोगों की मौत की भी खबर है. इसे लेकर मिडिल ईस्ट के सभी देश इस समय इजरायल के खिलाफ खड़े हैं. इसी कारण जो बाइडेन के दौरे का विरोध किया जा रहा था. हालांकि मिडिल ईस्ट के देशों को यह भी उम्मीद थी कि इस दौरे से फिलिस्तीनी, हमास और उनके विचारों को ताकत मिलेगी. उन्हें लग रहा था कि बाइडेन, इजरायल के हमलों पर लगाम लगाएंगे, लेकिन मिडिल ईस्ट के देशों को बहुत निराशा हुई है. जो बाइडेन ने साफतौर पर कहा है कि अमेरिका हमास के खिलाफ इजरायल के साथ खड़ा है. बाइडेन के इस बयान के बहुत बड़े मायने होने जा रहे हैं.

एयरपोर्ट पर हाथ मिलाने की जगह गले लगाने से ही मिल गया संदेश

भारतीय समय के मुताबिक, करीब 12.30 बजे, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का AirForce One विमान तेल अवीव के Ben-Gurion International Airport पर पहुंचा. यहां ज्यादा समय ना बिताते हुए, जो बाइडेन को सीधे तेल अवीव के Kempinski Hotel ले जाया गया. यहीं पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुलाकात होनी थी. जो बाइडेन जब एयरपोर्ट पर उतरे तो उनको रिसीव करने के लिए बेन्जमिन नेतन्याहू खुद वहां मौजूद थे. इन दोनों के बीच दोस्ती कितनी गहरी है. ये हम दो बातों से आपको समझा सकते हैं.

  • पहली बात- जो बाइडेन जैसे ही अपने जहाज से नीचे उतरते हैं, तो पश्चिमी सभ्यता के हिसाब से पहले हाथ नहीं मिलाते, सीधे गले लगा लेते हैं. दोनों नेताओं के एक-दूसरे को गले लगाने वाली इस तस्वीर ने, दुनिया को ये बताया है कि इजरायल पर हुए हमले की दुख की घड़ी में अमेरिका की सांत्वना, उसके साथ है.
  • दूसरी बात- एक तस्वीर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, एक-दूसरे का हाथ कसकर पकड़े दिखे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के मिले हुए हाथ, एक बंद मुट्ठी की तरह हों, जो दुश्मनों पर एक साथ हमला कर सकती है. इससे ये संदेश मिलता है कि जंग की इस घड़ी में अमेरिकी इजरायल के साथ खड़ा है.

इसके बाद जब बाइडेन और बेंजामिन की औपचारिक मुलाकात हुई, तो बाइडेन ने इजरायल-हमास युद्ध पर अपने देश का रुख साफ कर दिया. 

अमेरिका में भी है हमास के आतंकी हमले का गुस्सा

आपको यहां जानना जरूरी है कि हमास के आतंकी हमले में अब तक 31 अमेरिकी नागरिक भी मारे जा चुके हैं. ऐसे में अमेरिका भी अपने नागरिकों की हत्या को लेकर गुस्से में है. इसीलिए बाइडेन ने वही कहा, जो हमेशा से अमेरिका का, इजरायल को लेकर स्टैंड रहा है. वो हर हाल में इजरायल के साथ खड़ा है. पूरी दुनिया ये बात जानती है कि हमास ने अक्टूबर को इजरायल कितने बर्बर हमला किया था. इस हमले में एक दिन के अंदर ही 1400 इजरायली नागरिक मारे गए. इतने बड़े पैमाने पर हुई हत्याओं के लिए हमास को गलत ना ठहराने वाले देश, आज इजरायल के हमलों पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इजरायल के प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि हमास को ISIS से कम नहीं समझना चाहिए. 

मिडिल ईस्ट देशों को लग रहा है अब ये डर

जो बाइडेन, इजरायल पहुंचे तो जिस तरह से उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की, और जो बयान दिए, उससे एक बात साफ है, कि फिलहाल ये युद्ध नहीं रुकने वाला है बल्कि बहुत हद तक मुमकिन है कि कल से इजरायल, गाजापट्टी पर जमीन हमले शुरू कर दे. यही बात मिडिल ईस्ट के देशों को परेशान कर रही है. जो बाइडेन ने इजरायल पहुंचकर, हमास का समर्थन करने वाले देशों को शांत बैठे रहने का संकेत दिया है. उन्होंने, हर परिस्थिति में इजरायल के साथ खड़े रहने का संदेश दिया है. माना जा रहा है कि बाइडेन ने इजरायल को जमीनी हमले किए जाने की छूट दे दी है. जो बाइडेन ने इजरायल के यूनाइडेट वॉर कैबिनेट से भी मुलाकात की है. इस बैठक में भी, उन्होंने हर तरीके से इजरायल की मदद करने का भरोसा दिलाया

क्या अमेरिका से दूरी बनाएंगे अरब देश?

इजरायल को बाइडेन के इस तरह खुले समर्थन से हो सकता है कि अरब देश अमेरिका से दूरी बनाते दिखाई दें. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का जॉर्डन दौरा, अचानक ही रद्द कर दिया गया. जो बाइडेन इजरायल के बाद जॉर्डन जाने वाले थे. इस फैसले से ऐसा लग रहा था कि वो जंग को रुकवाने के लिए मध्यस्थता करने जा रहे हैं, लेकिन जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन प्रधिकरण के नेताओं ने बाइडेन के साथ होने वाली ये बैठक, ऐन मौके पर रद्द कर दी. इस बैठक में शामिल होने वाले देशों का मानना है कि अब अमेरिका पर भरोसा करना गलत साबित हो सकता है.

कई देशों को खटक रहा है बाइडेन का दौरा

इजरायल और हमास की जंग के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति का इजरायल जाना, कई देशों खटक रहा है. ये वो देश हैं जो हमास और फिलिस्तीनी के समर्थन में खड़े हैं. फिलहाल अरब देश, फिलिस्तीनी के पक्ष में नजर आ रहे हैं. खासतौर से ईरान और टर्की हमास का समर्थन करने में पीछे नहीं है. यही नहीं, कतर जैसे देश तो हमास के नेताओं को अपने यहां आरामदायक जिंदगी भी दे रहे हैं. अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन ने इजरायल जाकर, मिडिल ईस्ट के कई देशों को नाराज कर दिया है. यही नहीं बाइडेन ने इजरायल में जो बयान दिए हैं, उसको लेकर भी मिडिल ईस्ट के देश गुस्से में आ सकते हैं. बाइडेन ने इजरायल के गाजा पट्टी पर किए जा रहे हमलों को सही माना है. यही वजह है कि मिडिल ईस्ट के देश, बाइडेन के इस दौरे का विरोध कर रहे हैं.

  • जो बाइडेन की इजरायल यात्रा के विरोध में इजरायल के पड़ोसी देश जॉर्डन में खूब हंगामा हुआ.
  • यात्रा के विरोध में जॉर्डन के लोगों ने अम्मान की किंग अब्दुल्ला मस्जिद के सामने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किया.
  • जॉर्डन ही नहीं, फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में भी बाइडेन के इजरायल के विरोध में प्रदर्शन किया गया.


इजरायल को हुए हैं इस दौरे से ये लाभ

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे से इजरायल को कई तरह के लाभ होने वाले हैं. इजरायल ने मुख्यतौर पर अमेरिका से 10 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद मांगी है. गाजा में जमीनी हमले करने की कार्रवाई का समर्थन मांगा है. मिडिल ईस्ट के देश, इजरायल पर आत्मरक्षा के नाम पर गाजा पर बड़ी कार्रवाई करने का आरोप लगा रहे हैं. इजरायल, अमेरिका के जरिए, इन देशों का मुंह बंद करवाना चाहता है.

पहले भी गए हैं वॉरजोन में अमेरिकी राष्ट्रपति

  • वर्ष 2022 में दो बाइडेन यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच गए थे. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच ये दौरा, दुनिया को हैरान कर रहा था.
  • वर्ष 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश क्रिसमस वीक पर ईराक पहुंच गए थे. उस दौरान वहां भी जंग चल रही थी.
  • वर्ष 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल गए थे. वहां भी जंग चल रही थी.

तो ऐसे में जो बाइडेन का जंग के बीच इजरायल जाना, कई संदेश दे रहा है. इस दौरे के साथ ही दुनिया के सभी देशों को पता चल गया है कि इजरायल के साथ अमेरिका है यानी अगर किसी देश ने इस युद्ध में कूदने की कोशिश की, तो उसे अमेरिका से भी जूझना पड़ेगा.

क्या हमास अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे से डरेगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति के इजरायल दौरे पर जाने का, कोई भी असर हमास के आतंकियों और हिजबुल्लाह के हमलों पर नहीं पड़ा है. गाजा पट्टी से इजरायल पर रॉकेट हमले तो हो ही रहे हैं, लेबनान सीमा पर आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी इजरायल पर हमला कर रहा है. हिजबुल्लाह ने इजरायल के उत्तरी इलाके में गाड़ियों को निशाना बनाते हुए हमले किए. हमास पर इजरायल के हमलों के साथ ही, हिजबुल्लाह ने लेबनान सीमा पर से इजरायल पर हमले शुरू कर दिए थे. इजरायल ने इन हमलों का भी मुंहतोड़ जवाब दिया. अमेरिका की एक चिंता ये भी है कि इजरायल-हमास युद्ध में हिजबुल्लाह और मिडिल ईस्ट के अन्य आतंकी संगठन भी शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ,हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं. हालांकि Israel Defence Force ने हिजबुल्लाह के हमलों को लेकर लेबनान को भी चेतावनी दी है.

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DNA TV Show US president Jow Biden in tel aviv amid israel hamas war what it means for arab countries
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DNA TV Show: युद्ध और विरोध के बीच बाइडेन पहुंचे इजरायल, यूएस को बताया साथ, क्या
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DNA TV Show: युद्ध और विरोध के बीच बाइडेन पहुंचे इजरायल, यूएस को बताया साथ, क्या हैं इसके मायने

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