डीएनए हिंदी: Pirates Attacks in Arab Sea- पिछले कुछ वक्त में समंदर में व्यापारिक जहाजों पर हमले, जहाज अगवा कर फिरौती वसूलने और जहाज से सामान लूटने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. ताजा घटना अरब सागर में सोमालिया तट के पास की है. यहां से लाइबेरिया का झंडा लगे एक व्यवसायिक जहाज को अगवा किया गया था. इस घटना की जानकारी शुक्रवार की सुबह सामने आई. समंदर में जहाजों की सुरक्षा को लेकर निगरानी करने वाले संगठन UKMTO यानी United Kingdom Maritime Trade Operations के मुताबिक, भारतीय समय के हिसाब से 4 जनवरी की शाम जहाज के Crew Member ने उन्हें सूचना दी, कि जहाज पर 5 से 6 हथियारबंद लोग उतरे हैं. MV Lilly Norfolk नाम के जहाज के अगवा होने की सूचना को UKMTO ने भारतीय नौसेना के साथ साझा की थी. जहाज पर 15 भारतीय Crew Member सवार होने के चलते Indian Navy ने भी अपना INS चेन्नई अरब सागर में घटना वाली जगह की तरफ रवाना किया था, जो आज (5 जनवरी) को सोमालिया तट पर पहुंचा था. इंडियन नेवी ने मौके पर पहुंचते ही ऑपरेशन शुरू किया और अच्छी बात ये है कि इंडियन नेवी ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचा दिया है. 

5 घंटे में ही रेस्क्यू किए भारतीय नेवी ने सब लोग

INS चेन्नई से अगवा करने वालों को चेतावनी दी गई है. साथ ही Indian Navy ने जहाज को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया. मरीन कमांडो उस जहाज पर उतरे, जिसे लुटेरों ने अगवा किया हुआ था. दोपहर करीब साढ़े 3 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन रात 8 बजे खत्म हो गया. इंडियन नेवी ने जहाज पर मौजूद सभी 15 भारतीयों को सुरक्षित बचा लिया है. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने कुल 21 लोगों को बचाया है, जिसमें 15 भारतीय है. 

सोमालियाई लुटेरों का हो सकता है काम

जिस तरह से जहाज को सोमालिया तट के करीब अगवा किया गया है, उससे ऐसी आशंकाए हैं कि इसके पीछे सोमालिया के समुद्री लुटेरे हो सकते हैं. जहाज को ब्राजील से बहरीन तक 9,500 Nautical Miles यानी करीब 17,500 किलोमीटर का सफर तय करना था. जहाज को ब्राजील के Porto du acu Port से बहरीन के खलीफा बिन सलमान Port पर 11 जनवरी को पहुंचना था. इससे पहले 4 जनवरी की शाम जब जहाज सोमालिया तट के पास पहुंचा, तब जहाज के अगवा किये जाने की सूचना UKMTO को मिली.

समुद्र में इंडियन नेवी सिर्फ चुनौतियों का डटकर सामना ही नहीं कर रही है बल्कि अपने देश समेत दूसरे देशों के नागरिकों को भी बचा रही है. इस ऑपरेशन का सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचना, इंडियन नेवी की ब़ड़ी जीत है, जिसने 21 लोगों को नई जिंदगी दी है. हालाकि जिस तरह से समंदर में जहाज अगवा किए जा रहे हैं, वो दुनिया के लिए टेंशन का बड़ा कारण है.

दो महीने में हर दिन हो रही कोई न कोई घटना

अरब सागर और लाल सागर में जहाजों पर हमले और उन्हें अगवा करने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं. पिछले करीब दो महीने में औसतन हर दिन कोई ना कोई घटना हुई है. इन आंकड़ों को UKMTO यानी United Kingdom Maritime Trade Operations ने साझा किया है. 

क्या है UKMTO

  • UKMTO ऐसा संगठन है, जो समुद्री सुरक्षा की निगरानी के लिए काम करता है.
  • यह संगठन ब्रिटिश रॉयल नेवी की तरफ से खड़ा किया गया है, जो समुद्र पर नजर रखता है.
  • संगठन को किसी पोर्ट या समंदर में होने वाली घटना की जानकारी Source से मिलती है.
  • UKMTO सूचनाओं को घटना से संबंधित देश और वहां की Navy के साथ साझा करता है.

भारतीय नेवी आ रही लगातार काम

  • पिछले वर्ष 14 दिसंबर को माल्टा के एक जहाज को अगवा कर लिया था, साथ ही 6 Crew Member को बंधक बना लिया गया था.
  • सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने इस जहाज को उस समय अगवा किया था, जब जहाज South Korea से Turkiye के लिए जा रहा था.
  • Malta के इस जहाज को छुड़ाने के लिए Indian Navy ने Operation चलाया और इसमें कामयाबी भी मिली. एक बंधक Crew Member को भारतीय नौसेना ने Rescue भी किया था.
  • पिछले वर्ष 19 नवंबर को Turkiye से भारत आ रहे Cargo Ship Galaxy Leader को Hijack कर लिया था. हूती विद्रोहियों को शक था, कि Cargo Ship इजरायल का है. जहाज अगवा करने का वीडियो भी शेयर किया था. 
  • यह जहाज Galaxy Leader अब भी हूती विद्रोहियों के कब्जे में है. इजरायल के प्रधानमंत्री Benjamin Netanyahu ने आरोप लगाया था, कि जहाज को ईरान ने अगवा कराया है.
  • शुरूआत में हूती विद्रोहियों ने उन जहाजों पर हमले किये, जो इजरायल जा रहे थे. लेकिन बाद में लाल सागर से होकर जाने वाले सभी जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया.
  • सोमालिया के समुद्री लुटेरे पहले से जहाजों पर हमले करते रहे हैं, जब हूती विद्रोहियों के हमले बढ़े तो समंदर में खतरा बड़ा हो गया. 

UKMTO की रिपोर्ट क्या कहती है

  • 14 नवंबर 2023 से 4 जनवरी 2024 के बीच यानी कुल 52 दिनों के अंदर अरब और लाल सागर में जहाजों पर हमले और अगवा करने की 25 से ज्यादा घटनाएं हुई.
  • मतलब औसतन हर दो दिन में एक जहाज पर हमला हुआ या फिर जहाज अगवा किया गया. इन्हीं 52 दिनों के अंदर जहाजों से सामान लूटने की 9 घटनाएं हुई.
  • UKMTO की रिपोर्ट के मुताबिक सूचना मिलने पर संगठन ने 10 बार एडवाइजरी जारी है.

लाल सागर में हो रहे हैं ज्यादा हमले

लाल सागर में जहाजों पर ज्यादा हमले किये गये, इसकी बड़ी वजह इस समुद्री क्षेत्र का व्यापार के लिहाज से विशेष महत्व होना है. दरअसल, इस Route से व्यापार सस्ता और सुगम है.

  • दुनिया में होने वाले कुल समुद्री व्यापार का 15 फीसदी व्यापार लाल सागर के रास्ते होता है.
  • यूरोपीय देशों को कच्चे तेल की 80 फीसदी तक सप्लाई लाल सागर के समुद्री Route से होती है
  • लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमले बढ़ने की वजह से, जहाजों के इंश्योरेंस प्रीमियम 250 फीसदी तक बढ़ गए हैं.
  • कुछ देशों के जहाजों ने बढ़ते हमलों की वजह से सुरक्षा के लिए Route बदला है, लेकिन वो भी ज्यादा फायदेमंद नहीं है.
  • रूट बदलने से जहाजों की Travel Cost में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. साथ ही 10 दिन का समय भी ज्यादा लग रहा है.
  • Travel Cost बढ़ने से आशंका है, कि समंदर के रास्ते आने वाले सामानों की कीमत में इजाफा होगा, जिससे महंगाई बढ़ेगी.

अमेरिका ने भी जताई थी लाल सागर के हमलों पर चिंता

लाल सागर में जहाजों पर बढ़ते हमलों को लेकर दुनिया की फिक्र बढ़ी हुई है, इसे लेकर पिछले वर्ष 28 दिसंबर को अमेरिका ने कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ Meeting की थी. इस Meeting का उद्देश्य लाल सागर और अरब सागर में जहाजों पर बढ़ते हमलों से निपटने के लिए एक Joint Force बनाना था, लेकिन इसके लिए Italy, France और Spain जैसे कई देश तैयार नहीं हुए. हालांकि, 3 जनवरी को लाल सागर में जहाजों पर बढ़ते हमलों को लेकर UN सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में चर्चा हुई और हमलों को लेकर चिंता जाहिर की गई. 

भारत-अमेरिका ही सुरक्षा पर ज्यादा एक्टिव

Joint Force बनाने को लेकर अभी कोई सहमति नहीं बनी है, लेकिन भारत और अमेरिका की नौसेनाएं लाल सागर में Shipping Route की सुरक्षा कर रही हैं. Indian Navy ने अरब सागर और लाल सागर में पांच Warship तैनात कर दिए हैं. बीते बुधवार को ही अमेरिका की नौसेना ने हूती विद्रोहियों की Boat को निशाना बनाया था, जिसमें 10 हूती विद्रोही मारे गए जबकि 3 बोट तबाह हो गई थी. समुद्री सुरक्षा के खतरे से निपटने के लिए अब भले ही Joint Force बनाने पर बात ना बनी हो. लेकिन जिस तरह हूती विद्रोहियों का खतरा बढ़ता जा रहा है. उससे भविष्य में Joint Force बनने की पूरी-पूरी संभावना है. ऐसा पहले भी हो चुका है.

  • वर्ष 2015 में हूती विद्रोहियों ने यमन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था, जिससे पूरे मिडिल ईस्ट में सुरक्षा संकट पैदा हो गया था.
  • इसके बाद सऊदी अरब, UAE और इजिप्ट के नेतृत्व में 9 इस्लामिक देशों ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ Joint Force बनाई थी,
  • इस Joint Force ने हूती विद्रोहियों पर कई वर्षों तक हवाई हमले किए. साथ ही Ground Operation और लाल सागर में समुद्री हमले किए.
  • ये Task Force यमन से हूतियों को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाई. फिर कोरोना महामारी के संकट के साथ ही ये जॉइंट ऑपरेशन बंद हो गए.

ग्लोबल समस्या है समुद्री जहाजों की सुरक्षा

अब एकबार फिर से हूती विद्रोही सिर उठे रहे हैं और लाल सागर में व्यवयासिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं. समुद्री जहाजों की सुरक्षा किसी एक देश का मुद्दा नहीं है, बल्कि ये एक Global समस्या है, जिससे निपटने के लिए दुनिया को साथ आना होगा. वरना जिस तरह से हमलों में इजाफा हुआ है, उससे दुनिया का समुद्री व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित होगा.

हूती ही नहीं सोमालियाई लुटेरों की भी चिंता

समुद्री जहाजों को अगवा करने और सामान लूटने की ज्यादातर घटनाओं में हूती विद्रोही ही शामिल रहे हैं. हालांकि, सोमालिया के समुद्री लुटेरों का इतिहास भी पुराना रहा है. वर्ष 1991 के बाद से सोमालिया में गृह युद्ध चल रहा है, जिसके बाद से समुद्री लुटेरों की तादाद में इजाफा हुआ है. लेकिन इस समय समंदर में जहाजों की सुरक्षा के लिए हूती विद्रोही बड़ी चुनौती बने हुए हैं, जिनके खिलाफ बड़े ऑपरेशन की जरूरत है.

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DNA TV Show: अरब सागर से लाल सागर तक रोज लूटे जा रहे जहाज, क्या फिर आ गया समुद्र
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DNA TV Show: अरब सागर से लाल सागर तक रोज लूटे जा रहे जहाज, क्या फिर आ गया समुद्री डाकुओं के खौफ का दौर

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