Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारी जीत हासिल की है. पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा अपने दम पर पार कर लिया है. भाजपा के 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता हासिल करने के पीछे उसके थिंकटैंक कहलाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की अहम भूमिका मानी जा रही है. RSS ने दिल्ली में भाजपा के पक्ष में और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के विरोध में माहौल बनाने के लिए खास 'ड्राइंगरूम प्लान' बनाया था, जिसने चुनाव की हवा ही बदल दी. संघ ने यह प्लान दिल्ली में चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही अमल में लाना शुरू कर दिया था, जिसके तहत राजधानी के 50,000 घरों में 'ड्राइंगरूम मीटिंग्स' आयोजित की गई और मोहल्लावार लोगों को भाजपा की जीत के फायदे समझाए गए.
दिल्ली को 8 जोन में बांटकर लागू किया था प्लान
RSS सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली चुनाव की घोषणा से पहले ही पूरी राजधानी को 8 विभाग (जोन) में बांटकर हर तबके तक पहुंचने का प्लान तैयार किया गया था. इन 8 विभाग के तहत दिल्ली के 30 जिले और 173 नगर (छोटे शहरी निकाय) को कवर करने की तैयारी की गई. संघ कार्यकर्ताओं ने मोहल्लों, ऑफिसों, संस्थानों, शॉपिंग सेंटरों, स्कूलों और कॉलेजों में 'ड्राइंग रूम मीटिंग्स' का आयोजन किया गया.
संघ के अन्य संगठनों को भी जोड़ा साथ
RSS सूत्रों के मुताबिक, इन ड्राइंग रूम मीटिंग्स को आयोजित करने में संघ कार्यकर्ताओं के साथ ही उसे जुड़े अन्य आनुशांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को भी साथ लिया गया. इनमें सेवा भारती, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ, भारतीय मजदूर संघ और हिंदू जागरण मंच जैसे संगठन शामिल हैं.
ड्राइंग रूम मीटिंग में '5 परिवर्तन' पर किया फोकस
RSS की रणनीति के तहत इन 50,000 ड्राइंग रूम मीटिंग्स को 4 लाख से ज्यादा लोगों ने अटैंड किया था. इनमें संघ ने लोगों को '5 परिवर्तन' के तहत समझाने पर फोकस किया. इन सभी से राष्ट्रहित में भाजपा कैंडिडेट्स के पक्ष में वोट डालने के लिए तैयार किया गया. इन मीटिंगों में पर्यावरणीय प्रदूषण, फैमिली वैल्यूज, भ्रष्टाचार, सामाजिक सौहार्द और स्वदेशी के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.
भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाता रहा है संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भले ही पर्दे के पीछे से चुपचाप काम करता है, लेकिन भाजपा के विपक्ष से केंद्र की सत्ता में आने से लेकर लगातार वहां टिके रहने तक में संघ की ही अहम भूमिका मानी जाती रही है. साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा नेतृत्व वाले NDA का रिजल्ट खराब रहने के पीछे भी संघ कार्यकर्ताओं की चुनाव से दूरी बना लेने को ही कारण माना गया था. इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने पर्दे के पीछे से संघ नेतृत्व की मानमनौव्वल की थी, जिसका नतीजा हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की 90 में से 48 सीट पर जीत और महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को 288 में से 237 सीट पर जीत के तौर पर सामने आया था. साथ ही उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव में भी पार्टी की भारी जीत के पीछे संघ की सक्रियता को ही जिम्मेदार माना गया था. अब दिल्ली में भाजपा की जीत ने एक बार फिर उसके चुनाव अभियान में संघ की अहमियत को साबित कर दिया है.
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क्या था RSS का 'ड्राइंग रूम प्लान', जिसने रखा दिल्ली में BJP की जीत का आधार