डीएनए हिंदी: गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए मामला 50-50 का रहा है. साल 2022 के इन आखिरी चुनावों में गुजरात को जहां भाजपा फिर से फतेह करने में सफल रही है, वहीं हिमाचल प्रदेश में उसे सत्ता गंवानी पड़ी है. इसके साथ ही साल 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) की भी चर्चा शुरू हो गई है. इससे पहले पॉलीटिक्ल एक्सपर्ट्स की नजर 2023 पर टिकी हुई है, जिसमें 10 राज्यों को विधानसभा चुनाव की परीक्षा से गुजरना है. माना जा रहा है कि इन 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों से साल 2024 के आम चुनाव (General Elections 2024) का ट्रेंड पता लग जाएगा. इसे ऐसे भी माना जा सकता है कि इन चुनावों का ट्रेंड बताएगा कि साल 2024 में जनता मोदी सरकार की वापसी चाह रही है या नहीं.

पढ़ें- Acid Attack In India: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से घटे मामले, बना कानून, फिर भी हर साल 150 लड़कियों पर 'छपाक'

इन राज्यों में हैं साल 2023 में चुनाव

साल 2023 के दौरान राजस्थान (Rajasthan), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), कर्नाटक (Karnataka), तेलंगाना (Telangana), त्रिपुरा (Tripura), मेघालय (Meghalaya), नागालैंड (Nagaland) और मिजोरम (Mizoram) में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनके अलावा माना जा रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भी फिर से सरकार गठन के लिए विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं.

पढ़ें- LoC और LAC में क्या फर्क होता है? आखिर चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर क्यों नहीं चलाई जाती गोलियां

भाजपा और कांग्रेस, दोनों के लिए अहम

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस, दोनों के लिए बेहद अहम हैं. इनमें से ज्यादातर राज्यों में भाजपा या कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में भाजपा को जहां सत्ता बचाकर हिमाचल प्रदेश की हार को महज संयोग साबित करना है, वहीं कांग्रेस को राजस्थान व छत्तीसगढ़ में किला बचाकर खुद को लोकसभा चुनाव में विपक्षी मोर्चे की अगुआई का दावेदार बनाए रखना है.

पढ़ें- IAF Strength: कितनी मजबूत है भारतीय वायुसेना, किन घातक हथियारों की ताकत से कांपते हैं चीन-पाकिस्तान? 5 पॉइंट्स में जानिए

आइए डालते हैं 10 में से 5 अहम राज्यों पर एक नजर...

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly Election): यदि जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए तो ये 5 अगस्त, 2019 को उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदलकर दो हिस्सों में बाटंने और अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने के बाद वहां पहले चुनाव होंगे. ऐसे में आम जनता का रुख क्या होगा, इस पर सभी की नजर रहेगी. भाजपा अब तक इस निर्णय को जम्मू-कश्मीर की आम जनता की सहमति मिलने का दावा करती रही है, जबकि विपक्षी दल इसे राज्य की जनता की इच्छा के खिलाफ लिया फैसला बताते रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन हो चुका है. विपक्षी दलों का आरोप है कि यह परिसीमन भाजपा ने अपने फायदे के हिसाब से कराया है.

पढ़ें- मुख्तार अंसारी: कोर्ट में रो पड़ा वो माफिया जिसका कभी यूपी पर था राज, पढ़ें 26 साल पुराने केस की कहानी

राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election): राजस्थान में दिसंबर, 2018 में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व में सत्ता में वापसी की थी. कांग्रेस ने 200 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत से महज एक सीट कम यानी 100 सीट हासिल की थी, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के नेतृत्व में लड़ी भाजपा 73 सिट पर ही सिमट गई थी. इससे पहले साल 2013 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 163 सीट हासिल की थी. 

साल 2023 में भी इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच सीधी टक्कर है, लेकिन हालात बदले हुए हैं. कांग्रेस अपनी अंदरूनी दरार नहीं भर पा रही है. पार्टी संगठन मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच दो खेमों में बंटा हुआ है. यह दरार भर पाने में कांग्रेस आलाकमान कितना सफल रहता है, यही फैक्टर परिणाम तय करेगा.

पढ़ें- ट्रक के पीछे लटकी रस्सी में अचानक फंस गया बाइक सवार, बाल-बाल बची जान, देखें VIDEO

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election): छत्तीसगढ़ में भी राजस्थान जैसी ही कहानी है. भाजपा के साल 2003 से चले आ रहे विनिंग मूमेंट को कांग्रेस ने भारीभरकम जीत से साल 2018 विधानसभा चुनाव में रोका था. कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा के हाथ 15 सीट ही लगी थी. तीन बार से लगातार मुख्यमंत्री बन रहे भाजपा नेता रमन सिंह (BJP Leader Raman Singh) को गद्दी छोड़नी पड़ी थी. हाल ही में हुए उपचुनाव में भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhpesh Bhagel) के नेतृत्व में जीत हासिल की है. ऐसे में भाजपा के लिए साल 2023 की लड़ाई कुछ आसान नजर नहीं आ रही है. कांग्रेस इस किले को बचाने में सफल रही तो 2024 के लिए उसका दावा मजबूत हो जाएगा.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election): मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने साल 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की लगातार चली आ रही सत्ता को झटका दिया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के लगातार तीसरी बार गद्दीनशीं होने का सपना भी टूट गया था. कांग्रेस ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीट जीती थी. इसके बाद आलाकमान ने केंद्र से कमल नाथ (Congress Leader Kamal Nath) को मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य में भेजा था. कमल नाथ ने 17 दिसंबर, 2018 को समाजवादी पार्टी के 1 विधायक, बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायक और 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी.

पढ़ें- अनूठी शादी: 21 साल का दूल्हा, 52 साल की दुल्हन, जोड़ी सच में खुदा ही बनाता है, देखें VIDEO

हालांकि उन्हें 'पैराशूट सीएम' के तौर पर उतारना स्थानीय स्तर पर सक्रिय ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को रास नहीं आया, जिसके चलते उन्होंने अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ भाजपा जॉइन कर ली थी. साल 2020 में मध्य प्रदेश के इस राजनीतिक संकट (Madhya Pradesh political crisis 2020) के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च, 2020 को फिर मुख्यमंत्री बने थे. कांग्रेस के राज्य संगठन में अब भी आपसी दरारें भरती दिखाई नहीं दे रही हैं, जिसके चलते साल 2023 में भी भाजपा का ही पलड़ा भारी रहने की संभावना जताई जा रही है.

पढ़ें- अब अचानक थाईलैंड की राजकुमारी को पड़ा Heart Attack, पढ़ें क्यों हो रहे युवाओं के हार्ट फेल

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election): कर्नाटक में साल 2018 के दौरान भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ी थी. 224 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 107 सीट मिली. किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर चले 'पॉलीटिक्ल ड्रामा' में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरुप्पा (BS Yediyurappa) ने जोड़तोड़ की सरकार के लिए शपथ ग्रहण कर ली थी. हालांकि उन्हें बहुमत नहीं जुटा पाने पर इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस ने JD(S) के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई, जिसमें JD(S) के एचडी कुमारासामी (HD Kumarasamy) मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि यह सरकार महज 14 महीने ही चल सकी. गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे व 2 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से यह सरकार गिर गई. 

पढ़ें- Amazing Marriage: प्रभु श्रीराम की दुल्हन बन गई जयपुर की ये युवती, रस्म-रिवाज के साथ हुई भगवान संग शादी

करीब 3 सप्ताह तक चले पॉलीटिक्ल क्राइसिस के बाद कुमारासामी ने 23 जुलाई, 2019 को विश्वास मत गंवाने पर इस्तीफा दे दिया. इसके बाद 26 जुलाई, 2019 को येदियुरुप्पा फिर से मुख्यमंत्री बने. हालांकि भाजपा ने साल 2023 को ध्यान में रखते हुए 27 जुलाई, 2021 को येदियुरुप्पा का इस्तीफा लेकर बासवराज बोम्मई (Basavraj Bommai) को नए मुख्यमंत्री के तौर पर मौका दिया. यह दांव कितना सफल साबित होता है, इसका फैसला 2023 के चुनाव में होगा. कर्नाटक को भाजपा के लिए 'दक्षिण का द्वार (Gateway Of South)' कहा जाता है. ऐसे में वह यहां अपनी सत्ता बरकरार रखना चाहेगी ताकि दक्षिण भारतीय राज्यों में पैठ जमाने की कोशिश का उसका दावा मजबूत बना रहे.

तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Election): तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर (KCR) की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samithi) ने साल 2018 में बड़ी जीत हासिल की थी. के. चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) की पार्टी की इस जीत को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से अलग तेलंगाना राज्य हासिल करने की उनकी लड़ाई के लिए जनता का इनाम माना गया था. हालांकि अब हालात बदले हुए हैं. 

एकतरफ केसीआर विधानसभा चुनाव में अपनी जीत तय मानते हुए केंद्र की राजनीति पर नजर गड़ा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने TRS का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (Bharatha Rashtra Samithi या BRS) कर दिया है. दूसरा, वे लोकसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के खिलाफ विपक्षी मोर्चा तैयार करने की भी अगुआई कर रहे हैं. इसके उलट भाजपा ने भी पिछले कुछ साल में तेलंगाना के अंदर अपनी पैठ बढ़ाई हैं. यहां की जनता का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने तेलंगाना के भाजपा नेताओं को केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाया है. साथ ही राज्य में खासतौर पर हैदराबाद में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के लिए तमाम तरह के मुद्दे भी स्थानीय भाजपा नेता उठाते रहे हैं. दोनों पक्षों की खींचातान में कौन भारी पड़ेगा, इसका फैसला अगले साल चुनाव में ही होगा. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Assembly election 2023 decide trend of Lok Sabha election know strategy challenges in these state congress Bjp
Short Title
ॉ10 विधानसभा चुनाव 2023 में तय करेंगे लोकसभा चुनाव का ट्रेंड, इन राज्यों पर नजर
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Loksabha Eletions 2024
Caption

Representational Image

Date updated
Date published
Home Title

Assembly Elections 2023: 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव जो करेंगे 2024 लोकसभा चुनाव का फैसला