राजनीति वो भी भारतीय राजनीति, भले ही अवसरवादिता और आरोप-प्रत्यारोपों का खेल हो. मगर ऐसे कुछ एक मौके आ चुके हैं जब दो विपरीत ध्रुवों पर खड़े नेताओं ने एक दूसरे की तारीफ की है और मत से सहमत हुए हैं. हालांकि ऐसे मामले कम ही होते हैं. लेकिन जब ऐसा कुछ हमारे सामने आता है तो न केवल सुखद अनुभूति होती है. बल्कि स्वतः इसकी पुष्टि जाती है कि भारत एक प्रभावी लोकतंत्र है जो सिर्फ और सिर्फ संविधान से चलता है.
ऐसा ही कुछ एक बार फिर देखने को मिला है. कांग्रेस की तेज तर्रार नेता अलका लांबा ने पार्टी राजनीति को साइड कर एक फोटो पोस्ट कीऔर कुछ पुरानी यादों को ताजा किया है. तस्वीर 1995 की है जिसमें दोनों एक साथ शपथ लेती हुई नजर आ रही हैं.
आगे कुछ और कहने से पहले बताते चलें कि अलका लंबा के इस अंदाज को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है. फोटो पर प्रतिक्रियाओं की बरसात हो रही है. लोग अलका के बड़े दिल की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.
जिक्र अलका की इस वायरल तस्वीर का हुआ है. तो बता दें कि 1995 की यह पुरानी तस्वीर तब की है जब उन्होंने (अलका ने) नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष पद की शपथ ली थी और रेखा गुप्ता ने ABVP से महासचिव पद की शपथ ली थी.
तस्वीर पोस्ट करते हुए अलका ने लिखा कि, '1995 की यह यादगार तस्वीर - जब रेखा गुप्ता और मैंने एक साथ शपथ ली थी - मैंने NSUI से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) का अध्यक्ष पद जीता और रेखा ने ABVP महासचिव का पद जीता. रेखा गुप्ता को बधाई और शुभकामनाएं.
अपने पोस्ट में अलका ने यह भी कहा कि दिल्ली को चौथी महिला मुख्यमंत्री मिलने पर बधाई और हम उम्मीद करते हैं कि मां यमुना स्वच्छ होगी और बेटियां सुरक्षित रहेंगी.'
ध्यान रहे कि दिल्ली का किला फ़तेह करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली के शीर्ष पद के लिए चुना. जिसके तहत उनका शपथ समारोह रामलीला मैदान में हुआ. गुप्ता के साथ भाजपा के छह नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली.
गौरतलब है कि 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने आप की बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया था. 27 साल के लंबे इंतजार के बाद भाजपा के सत्ता में लौटने पर वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं.
बहरहाल बात अलका की हुई है. तो भले ही दिल्ली की कालका जी सीट पर अलका लांबा ने हार का मुंह देखा हो. मगर जिस तरह रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने ख़ुशी जाहिर की. ये तब एक मुश्किल कृत्य है जब अलका की पार्टी और उस पार्टी के मुखिया राहुल गांधी उस पार्टी को कोसते और भला बुरा कहते हैं जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.
खैर अलका ने रेखा की तस्वीर पोस्ट कर एक अच्छी मिसाल जनता के सामने पेश की है. भले ही दुनिया अलका के इस अंदाज की तारीफ कर रही हो, लेकिन देखना दिलचस्प रहेगा कि इसपर पार्टी, आलाकमान और राहुल गांधी का क्या रुख रहता है?
ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि लाख जतन के बावजूद दिल्ली में कांग्रेस जीरो पर सिमट कर रह गई है. ऐसे में अलका का अपने प्रतिद्वंदी पार्टी के नेता को यूं सरेआम बधाई देना पार्टी और राहुल गांधी को बेचैन तो करेगा ही.
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अलका की रेखा को खास बधाई, कहीं बन न जाए राहुल गांधी-कांग्रेस की आंख की किरकिरी!