भारत के टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने अचानक लाल गेंद की प्रारुप से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. आइए जानें उनके टेस्ट करियर के 5 यादगार पल जिसे खुद रोहित शर्मा नहीं भुला पाएंगे.
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रोहित 2010 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले थे. लेकिन नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच की सुबह उनका टखना मुड़ गया. जिसकी वजह से रोहित अपना टेस्ट डेब्यू नहीं कर पाए.
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रोहित शर्मा को अपना टेस्ट डेब्यू करने के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ा था. उनको 2010 में डेब्यू करने का मौका मिलने वाला था. लेकिन वो चोटिल हो गए. जिसके बाद उन्हें 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिल., जो तेंदुलकर की अंतिम सीरीज थी. इस सीरीज में उन्होंने नंबर 6 से अपने पहले दो टेस्ट मैचों में लगातार शतक लगाए.
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रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में मिडिल ऑर्डर में प्रदर्शन ठीक-ठीक ही था. जिसकी वजह से वो मध्य क्रम में अपनी जगह पक्की करने में विफल रहे. फिर रोहित को टीम प्रबंधन ने उन्हें टेस्ट में भी ओपनिंग करने के लिए कहा थी. जिसके बाद उनकी किस्मत लाल गेंद क्रिकेट में बदल गई. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में 177, 127 और 212 रन बनाए.
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रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कोई शतक नहीं लगाया. मगर अपने रक्षात्मक खेल की वजह से इंग्लैंड दौरे में मुख्य आकर्षण का कारण बन गए. भारत ये सीरीज ड्रॉ पर खत्म की थी.
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टेस्ट कप्तान के तौर पर रोहित ने शानदार शुरुआत की और अपने पहले 15 टेस्ट में 12 जीत दर्ज की थी. हालांकि, अंत उतना सुखद नहीं रहा. उन्होंने अपने आखिरी सात टेस्ट में से छह हारे - पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर और फिर ऑस्ट्रेलिया में भारत को शर्मनाक हार झेलनी पड़ी.