डीएनए हिंदी: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत निवेश की सीमा को जल्द ही हटाया जा सकता है. इस संबंध में अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बताया जा रहा है कि इस पर जल्द फैसला लिया जा सकता है. लेकिन इस सुनवाई और इस मामले का आपसे क्या लेना-देना है और यह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करेगा हम आपको समझाते हैं.
क्या है ईपीएस लिमिट हटाने का मामला
इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले आइए समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या है. वर्तमान में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये प्रति माह तक सीमित है. मतलब आपकी सैलरी चाहे कुछ भी हो, लेकिन पेंशन की गणना सिर्फ 15,000 रुपये पर ही होगी. इस सीमा को हटाने के लिए कोर्ट में मामला चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 अगस्त को भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की पेंशन 15,000 रुपये तक सीमित नहीं हो सकती है. कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई चल रही है.
ईपीएस के संबंध में अब क्या नियम हैं?
जब हम काम करना शुरू करते हैं और ईपीएफ के सदस्य बन जाते हैं तो साथ ही हम ईपीएस के सदस्य भी बन जाते हैं. कर्मचारी अपने वेतन का 12 प्रतिशत ईपीएफ में देता है उतनी ही राशि उसकी कंपनी भी देती है, लेकिन इसका 8.33 प्रतिशत हिस्सा ईपीएस में भी जाता है. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि वर्तमान में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन केवल 15 हजार रुपये है यानी हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15000 का 8.33%) 1250 रुपये है.
कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर भी पेंशन की गणना के लिए अधिकतम वेतन केवल 15 हजार रुपये माना जाता है इसके मुताबिक ईपीएस के तहत एक कर्मचारी को अधिकतम 7,500 रुपये पेंशन मिल सकती है.
ऐसे होती है पेंशन की गणना
एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपने 1 सितंबर 2014 से पहले ईपीएस में योगदान देना शुरू कर दिया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मासिक वेतन की अधिकतम सीमा 6500 रुपये होगी. अगर आपने 1 सितंबर 2014 के बाद ईपीएस ज्वाइन किया है तो अधिकतम वेतन सीमा 15,000 होगी. अब देखिए पेंशन की गणना कैसे होती है.
ईपीएस गणना फॉर्मूला
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन x ईपीएस अंशदान के वर्ष)/70
यहां मान लें कि कर्मचारी ने 1 सितंबर, 2014 के बाद ईपीएस में योगदान देना शुरू किया तो पेंशन योगदान 15,000 रुपये होगा. मान लीजिए उसने 30 साल काम किया है.
मासिक पेंशन = 15,000X30/70 = 6,428 रुपये
अधिकतम और न्यूनतम पेंशन
एक और बात याद रखनी होगी कि कर्मचारी की 6 माह या उससे अधिक की सेवा को 1 वर्ष माना जाएगा और यदि यह कम है तो उसकी गणना नहीं की जाएगी. मतलब अगर कर्मचारी ने 14 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 15 साल माना जाएगा. लेकिन अगर आपने 14 साल 5 महीने काम किया है तो सिर्फ 14 साल की सर्विस ही गिनी जाएगी. ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन राशि 1000 रुपये प्रति माह है जबकि अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये है.
8,571 को मिलेगी पेंशन
अगर 15 हजार की सीमा हटा दी जाए और आपका मूल वेतन 20 हजार रुपये हो तो आपको फॉर्मूला के मुताबिक (20,000 x 30)/70 = 8,571 रुपये पेंशन मिलेगी.
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EPFO Pension Scheme: दोगुनी होगी पेंशन, हटने जा रही है 15,000 की सीमा!