डीएनए हिंदी: कभी आपने सोचा है कि शहरों में जमीन के रेट आसमान क्यों छूते हैं और गांव में वहीं जमीन क्यों इतने सस्ते दाम पर मिलते हैं. क्योंकि शहरों में जब आप कोई जमीन बेचते हैं तो उसपर कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. हालांकि यह शोर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों में से कोई भी हो सकता है. वहीं अगर आप गांव में अपनी किसी जमीन की बिक्री करते हैं तो आपको उसपर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है.दरअसल सरकार गांव की जमीन को कैपिटल एसेट नहीं मानती है इसलिए उससे होने वाले प्रॉफिट पर टैक्स नहीं लगता है.

वहीं इनकम एक्ट 10(37) के मुताबिक अगर किसी सरकारी प्रोजेक्ट में आपकी जमीन आ जाती है तो उसपर सरकार आपको टैक्स फ्री मुआवजा भी देती है.

शहरों की इन जमीनों पर नहीं देना पड़ता है टैक्स?

अगर शहर में आपका कोई एग्रीकल्चरल लैंड है यानी खेती के लिए इस्तेमाल होने वाला जमीन है तो इनकम टैक्स एक्ट 54B के तहत आपको उसकी बिक्री पर भी कैपिटल गेंस टैक्स देने की बिलकुल भी जरुरत नहीं है. हालांकि सरकार ने इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं.

  • जमीन बेचने के दो साल पहले तक उसपर खेती हुई हो.
  • जमीन को बेचने के 2 साल बाद ही दूसरी खेती योग्य जमीन खरीदनी होगी.
  • नई जमीन को तीन साल से पहले नहीं बेचें वरना उसपर कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा.

जमीन पर कब कटता है TDS?

अगर आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदते या बेचते हैं और उसपर आपको 50 लाख रुपये से ज्यादा का रकम मिलता है तो आपका 1 प्रतिशत का TDS कटता है. वहीं खेती योग्य जमीन को खरीदने या बेचने पर चाहे 50 लाख रुपये से ज्यादा रकम हो तो इनकम टैक्स एक्ट 1941A  के मुताबिक आपका TDS नहीं कटता है.

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Why is Capital Gains Tax payable on selling land in cities know the reason no tds on agricultural land know
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शहरों में जमीन बेचने पर क्यों देना पड़ता है Capital Gains Tax? जानिए वजह
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शहरों में जमीन बेचने पर क्यों देना पड़ता है Capital Gains Tax? जानिए वजह