सरकार ने गेंहू और आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. जिसमें खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रखने की बात कहीं है. साथ ही महीने के अंत तक थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेंहू भी बेची जाएगी.
डीएनए हिंदी: खाद्य सामग्री जैसे गेंहू और आटे के बढ़ते कीमतों को देखते हुए, सरकार ने गेंहू पर स्टॉक लिमिट लगा दी है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया है कि गेंहू पर स्टॉक लिमिट मार्च 2024 तक लागू रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि स्टॉक लिमिट के कारण थोक विक्रेता और बड़े व्यापारी अपने पास अब 3 हजार टन से ज्यादा गेंहू का भंडारण (स्टॉक) नहीं कर सकते हैं. जबकि खुदरा विक्रेताओं के पास सिर्फ 10 टन तक गेंहू की स्टॉक रखने की अनुमति है.
केंद्र सरकार द्वारा पिछले 15 सालों में पहली बार गेंहू के बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए मार्च 2024 तक स्टॉक लिमिट लागू की है. खाद्य सचिव ने ये भी बताया कि बाजार बिक्री योजना (OMSS) के मुताबिक, केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेंहू बेचने को भी कहा है. इसके आलावा सरकार ने ये भी बताया है कि ओएमएसएस के तहत चावल के थोक खरीदारों को चावल की बिक्री की जाएगी. इसके साथ ही समय आने पर बिक्री की मात्रा और इसका मूल्य भी तय किया जाएगा.
सरकार ने अपने घोषणा में स्पष्ट रुप से कह दिया है कि वो गेंहू के आयात निति में कोई भी बदलाव नहीं करेगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि वर्तमान में सरकार के पास गेंहू के पर्याप्त स्टॉक पड़े है. ऐसे में गेंहू के निर्यात पर भी रोक जारी रहेगीं. गेंहू के कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार इस महीने के अंत में अपने पहले चरण के तहत थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए 15 लाख टन गेंहू खुले बाजार में बेचेगी. ऐसे में गेंहू की रिटेल कीमत में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल, गेंहू के बढ़ते कीमतों से सरकार परेशान है.
- Log in to post comments
Wheat Price: गेंहूं पर सरकार लगाएगी स्टॉक लिमिट,व्यापारियों को बेचे जाएंगे 15 लाख टन गेंहूं