डीएनए हिंदी: एयरलाइंस कोड एक दो-अक्षर का कोड है जिसका उपयोग दुनिया भर की विमानन कंपनियों को पहचानने के लिए किया जाता है. यह कोड आमतौर पर विमान के पूंछ के निचले हिस्से में लिखा जाता है और यह सभी उड़ान दस्तावेजों और विमानन प्रणाली में भी उपयोग किया जाता है.
एयरलाइंस कोड आमतौर पर विमानन कंपनी के नाम के पहले दो अक्षरों से बनते हैं, लेकिन कुछ मामलों में वे अन्य कारकों पर आधारित होते हैं, जैसे कि विमानन कंपनी के इतिहास या उसके संचालन क्षेत्र. उदाहरण के लिए, अमेरिकन एयरलाइंस का कोड "AA" है, क्योंकि इसका नाम "अमेरिकन एयरलाइंस" है. दूसरी ओर, एयर इंडिया का कोड "AI" है, क्योंकि इसका नाम "इंडियन एयरलाइंस" है.
एयरलाइंस कोड आईएटीए (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) द्वारा आवंटित किए जाते हैं, जो एक वैश्विक विमानन संगठन है. आईएटीए एयरलाइंस कोड आवंटित करने के लिए एक प्रक्रिया का पालन करता है जो सुनिश्चित करता है कि सभी एयरलाइंस के पास अद्वितीय कोड हों जो आसानी से पहचाने जा सकते हैं.
एयरलाइंस कोड का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें ये चीजें शामिल हैं:
उड़ानों को बुक करना और ट्रैक करना
विमाननों की पहचान करना
विमानन सुरक्षा और संचालन को सुविधाजनक बनाना
एयरलाइंस कोड विमानन उद्योग में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और वे यात्रियों और विमानन कर्मियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं.
2023 में, भारतीय विमानन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने दो विमानन कंपनियों, गो फर्स्ट (Go First) और जेट एयरवेज (Jet Airways) से उनके एयरलाइंस कोड छीन लिए हैं. इन दोनों कंपनियों को कई उल्लंघनों के लिए दंडित किया गया था, जिनमें उड़ानों को रद्द करना, यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना और विमानन सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करना शामिल है.
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गो फर्स्ट से उसका कोड "G8" छीन लिया गया है और जेट एयरवेज से उसका कोड "SG" छीन लिया गया और उसे "SG2" दिया गया था. इन दोनों कंपनियों को अपने एयरलाइंस कोड बदलने के लिए 90 दिन का समय दिया गया था.
DGCA ने इन दोनों कंपनियों को कई चेतावनियां दी थीं, लेकिन उन्होंने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया. DGCA ने कहा कि यह कदम भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था.
गो फर्स्ट और जेट एयरवेज से एयरलाइंस कोड क्यों छीने गए?
गो फर्स्ट और जेट एयरवेज से एयरलाइंस कोड इसलिए छीने गए क्योंकि ये दोनों विमानन कंपनियां लंबे समय से परिचालन से बाहर हैं और उनके विमान उड़ान नहीं भर रहे हैं. आईएटीए (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) ने एक नियम बनाया है कि किसी विमानन कंपनी को ऑपरेटिंग होना चाहिए ताकि उसे एयरलाइंस कोड मिल सके.
गो फर्स्ट ने मई 2023 की शुरुआत से कमर्शियल फ्लाइट्स बंद कर दी हैं, जबकि जेट एयरवेज कई सालों से बंद पड़ी है.
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