डीएनए हिंदी: नरेंद्र मोदी ने जब से प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है तब से कई पुरानी परंपराओं को खत्म कर दिया गया है. इसी तरह बजट में भी कई सारे बदलाव किए गए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन फैसलों में से कई फायदे भी हुए हैं. पहले बजट महीने के आखिरी दिन यानी कि 28 या 29 फरवरी को पेश किया जाता था. लेकिन सरकार ने साल 2017 से इसे 1 फरवरी से पेश करना शुरू किया. हालांकि सरकार पर इस दौरान कई आरोप भी लगाए गए लेकिन सरकार ने बजट को जल्द से पेश करने, संसद से पास कराने और नए वित्त वर्ष में किसी भी मंत्रालय को पैसों की कमी न हो इसलिए जल्दी पेश किया जाने लगा. आइए जानते हैं मोदी सरकार ने क्या-क्या बदलाव किया:
ब्रीफकेस की जगह लाल कपड़े में बहीखाते की शुरुआत
पहले दिवाली पूजन में जहां नए लाल रंग के बहीखातों को सरकार चमड़े के ब्रीफकेस में लाती थी. वहीं सरकार इसे लाल कपड़े में बही-खाता रूपी बजट लेकर संसद पहुंची. बता दें कि निर्मला सीतारमण पहली वित्त मंत्री बन गई थीं.
बजट पेश करने का तारीख
अंग्रेजों के जमाने से ही बजट को 28 फरवरी को पेश किया जाता था. हालांकि इस परंपरा को साल 2017 में तोड़ दिया गया. साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने एक फरवरी को बजट पेश किया था. इसकी वजह से मंत्रालयों को समय पर बजट आवंटन हो जाता है. इससे अप्रैल माह से मंत्रालय अपनी योजनाओं को आसानी से लागू कर पाते हैं.
रेल बजट में परिवर्तन
अंग्रेजो के जमाने से रेल का बजट (Union Budget 2023) अलग से पेश होता था. लेकिन 1924 से चली आ रही इस परंपरा को 2017 में मोदी सरकार ने बदल दिया. 2017-18 से आम बजट में ही रेल बजट का विलय कर दिया गया.
डिजिटल बजट किया पेश
साल 2021 में सरकार ने डिजिटल बजट पेश किया. इससे पहले बजट की छपाई की जाती थी. आज के समय में यूनियन बजट मोबाइल ऐप पर आने लगा है. सांसदों को भी बजट की डिजिटल कॉपी दी जाने लगी है.
यह भी पढ़ें:
Budget Rule Change: आज से लागू हो जाएंगे ये 5 बड़े नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा क्या असर?
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Budget 2023: 1924 से लेकर अब तक कितना बदल चुका है बजट, जानिए यहां