डीएनए हिंदी: भारत में डीमैट खातों की संख्या में बहुत तेजी के साथ वृद्धि हुई है. सितंबर 2023 में, CDSL ने 10 करोड़ डीमैट खातों का आंकड़ा पार कर लिया है. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि भारत में निवेशकों में बढ़ती रुचि है. CDSL और NSDL, भारत की दो डिपॉजिटरी कंपनियां हैं. CDSL के पास कुल डीमैट खातों का 60% से अधिक हिस्सा है.
डीमैट अकाउंट
डीमैट अकाउंट एक ऐसा खाता है जिसमें शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है. डीमैट का अर्थ है "डिजिटल मेमोरेटिव". डीमैट खाते शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए आवश्यक होते हैं. डीमैट खाता खोलने के लिए, आपको एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ आवेदन करना होगा. DP एक ऐसी कंपनी है जो डीमैट खातों को खोलने और संचालित करने के लिए अधिकृत है.
भारत में डीमैट खातों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। सितंबर 2023 में, CDSL ने 10 करोड़ डीमैट खातों का आंकड़ा पार कर लिया. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि भारत में निवेशकों में बढ़ती रुचि है.
CDSL और NSDL, भारत की दो डिपॉजिटरी कंपनियां हैं. CDSL के पास कुल डीमैट खातों का 60% से अधिक हिस्सा है.
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डीमैट खातों में वृद्धि के कई कारण हैं. इसमें शामिल हैं:
- कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम करने की बढ़ती प्रवृत्ति
- सरकार द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास
- शेयर बाजारों में बढ़ती गतिविधियां
- डीमैट खाते शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए आवश्यक होते हैं. ये खाते निवेशकों को शेयरों को आसानी से खरीदने, बेचने और ट्रैक करने की अनुमति देते हैं.
डीमैट खातों में वृद्धि से भारत के शेयर बाजारों को मजबूती मिलेगी. यह निवेशकों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध कराएगा और बाजारों में अधिक तरलता लाएगा.
यहां डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि के कुछ विशिष्ट कारण दिए गए हैं:
- कोविड-19 महामारी के दौरान, कई लोगों ने घर से काम करना शुरू कर दिया. इससे उनके पास निवेश करने के लिए अधिक समय और पैसा मिला.
- सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें पूंजीगत लाभ कर में कटौती और डिपॉजिटरी में रखे गए शेयरों पर ब्याज दरें बढ़ाना शामिल है.
- शेयर बाजारों में पिछले कुछ वर्षों में अच्छी वृद्धि हुई है. इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और वे शेयरों में निवेश करने के लिए अधिक इच्छुक हैं.
- डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है. यह दर्शाता है कि भारत में निवेशकों में बढ़ती रुचि है. इससे भारत के शेयर बाजारों को मजबूती मिलेगी और यह निवेशकों के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा.
डीमैट खातों में वृद्धि के कई कारण हैं. इसमें शामिल हैं:
- कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम करने की बढ़ती प्रवृत्ति
- सरकार द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास
- शेयर बाजारों में बढ़ती गतिविधियां
- डीमैट खाते शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए आवश्यक होते हैं. ये खाते निवेशकों को शेयरों को आसानी से खरीदने, बेचने और ट्रैक करने की अनुमति देते हैं.
डीमैट खातों में वृद्धि से भारत के शेयर बाजारों को मजबूती मिलेगी. यह निवेशकों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध कराएगा और बाजारों में अधिक तरलता लाएगा.
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