डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डिजिटल एजुकेशन कंपनी BYJU'S के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ED ने BYJU'S के खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी का आरोप लगाया है. ED की जांच में पाया गया है कि BYJU'S ने अपने विदेशों में स्थित सहायक कंपनियों को अवैध रूप से पैसे भेजे हैं. इन पैसों का इस्तेमाल BYJU'S ने अपने वित्तीय प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया है.
ED का आरोप है कि BYJU'S ने अपने विदेशी सहायक कंपनियों को अपने भारतीय कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने के लिए पैसे भेजे हैं. हालांकि, वास्तव में, इन पैसों का इस्तेमाल BYJU'S ने अपने वित्तीय प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया है. ED की इस कार्रवाई से BYJU'S की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कंपनी पर अब मनी लॉन्ड्रिंग और हेरा-फेरी के आरोपों का मुकाबला करना होगा.
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ED की इस कार्रवाई का स्वागत किया गया है. लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई डिजिटल एजुकेशन कंपनियों के खिलाफ की जा रही एक महत्वपूर्ण कार्रवाई है. इससे भविष्य में ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक मिसाल कायम होगी.
BYJU'S के खिलाफ लगे आरोपों का कंपनी ने खंडन किया है. कंपनी ने कहा है कि वह ED की जांच में पूरा सहयोग कर रही है. कंपनी ने कहा है कि वह किसी भी तरह की गलत काम नहीं कर रही है.
BYJU'S भारत की सबसे बड़ी डिजिटल एजुकेशन कंपनी है. कंपनी को 2021 में अमेरिका की कंपनी टाइगर ग्लोबल ने 15.5 अरब डॉलर में खरीदा था.
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Byju's पर 9,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप, जाने क्या कह रही ED की जांच