डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को लेकर बड़ा झटका दिया है.सरकार ने मंगलवार को कोरोना काल (Covid-19) में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (DR) पर लगे रोक को लेकर कहा कि 18 महीने का बकाया जारी करना कहीं से भी तर्क संगत नहीं है. बता दें कि महामारी की वजह से राजकोषीय प्रभाव पड़ा था जिसकी वजह से केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई थी.
राज्यसभा में 7वें वेतन पर जवाब
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में अपने एक प्रश्न के जवाब में उत्तर दिया कि कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बकाया रकम को जारी करना व्यावहारिक नहीं है. चौधरी ने इस दौरान यह भी बताया कि लगातार पेंशनभोगियों और कर्मचारियों से 18 महीने के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को जारी करने के लिए आवेदन मिल रहे हैं. सरकार ने महामारी की वजह से आर्थिक प्रभाव को देखते हुए जनवरी 2020 से लेकर जनवरी 2021 के DA और DR की तीन इंस्टालमेंट पर रोक लगा दी थी.
केन्द्रीय कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी
सरकार ने इसी साल मार्च 2022 में DA में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. वहीं दिवाली के ठीक पहले DA में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके केन्द्रीय कर्मचारियों को भारी मुनाफा दिया था. अब कयास लगाया जा रहा कि सरकार फिर से कर्मचारियों के DA में 3 से 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है.
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7th Pay Commission: केन्द्रीय कर्मचारियों को लगा झटका, DA और DR पर लगी रोक