डीएनए हिंदी: कोरोना महामारी के समय में बहुत से लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़े हो गए. इस दौरान लोगों ने या तो अपनी जमा पूंजी तुड़वाई अथवा बैंकों के दरवाजे खटखटाए. इसे देखते हुए कुछ बैंकों ने अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी. ओवरड्राफ्ट के बारे में बातें अमूमन कम होती हैं. यहां हम आपको इस सुविधा के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं -
क्या होता है ओवरड्राफ्ट
ओवरड्राफ्ट सुविधा के जरिये आप अपने बैंक खाते में पैसे न होने पर भी खाते से पैसे निकाल सकते हैं. यह एक तरह का लोन होता है जो कस्टमर्स को अपने बैंक अकाउंट में मौजूद बैलेंस से ज्यादा पैसे निकालने की सुविधा देता है. हालांकि निकाले गए अमाउंट को ब्याज सहित निश्चित समयावधि के अंदर चुकाना होता है. ब्याज डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है. इस दौरान आपको मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की लिमिट क्या रहेगी, यह बैंक या NBFC's तय करते हैं. यानी अलग-अलग बैंकों और NBFC's में यह लिमिट अलग-अलग हो सकती है.
ओवरड्राफ्ट के लिए कैसे अप्लाई करें?
ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको ऑनलाइन या बैंक जाकर अप्लाई करना होगा. अधिकांश बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा (Overdraft Facility) के लिए ली जाने वाली कुल राशि का एक प्रतिशत प्रोसेसिंग फी के रूप में लेते हैं. कुछ खास लोगों को बैंक यह सुविधा ऑटोमैटिक उपलब्ध करवाती है, वहीं कुछ ग्राहकों को इसके लिए आवेदन करना होता है.
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ओवरड्राफ्ट पर कितने प्रकार के विकल्प मौजूद हैं
ओवरड्राफ्ट पर चार तरह के विकल्प मौजूद हैं. इनमें वेतन पर ओवरड्राफ्ट, होम लोन पर ओवरड्राफ्ट, बीमा पॉलिसी पर ओवरड्राफ्ट और FD पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा शामिल है.
ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दरें
प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों द्वारा दी जाने वाली ओवरड्राफ्ट सुविधा पर ब्याज दर आवेदकों के लिए अलग-अलग होती है. यह ब्याज दर वांछित लोन राशि, भुगतान अवधि और संबंधित बैंक या फाइनेंशियल संस्थान के साथ संबंधों पर निर्भर करती है.
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क्या है Overdraft Facility, कैसे करें बैंक में अप्लाई?