डीएनए हिंदी: मई में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से ऑफ-साइकिल दर में वृद्धि के बाद कई लेंडर्स ने अपने लेंडिंग रेट्स में इजाफा किया है. केंद्रीय बैंक ने रेपो दर (Repo Rate) जिस पर वह बैंकों को शॉर्ट टर्म में धन उधार देता है में 40 आधार अंकों का इजाफा किया, जिसके बाद रेपो दर 4.40 फीसदी हो गई. जिसके बाद एचडीएफसी (HDFC) ने अपनी बेंचमार्क उधार दर में 5 आधार अंकों का इजाफा किया. इस कदम से एचडीएफसी के नए और पुराने बोरोअर्स की ईएमआई में इजाफा करेगा. एक बेसिस पॉइंट एक फीसदी का सौवां हिस्सा है.
बैंकों ने किया है इजाफा
यह तीसरी बार है जब एचडीएफसी ने पिछले एक महीने में अपने आरपीएलआर में बढ़ोतरी की है. मई में इसने कुल 35 बीपीएस बढ़ोतरी के लिए दो बार दरों में बदलाव किया. आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपनी सीमांत लागत आधारित उधार दरों यानी एमसीएलआर में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इन दरों में बढ़ोतरी का रियल एस्टेट बाजार और घर खरीदारों के सेंटीमेंट्स में काफी बुरा असर देखने को मिल सकता है.
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करंट इनकम ग्रोथ और रेट हाइक
नाइट फ्रैंक इंडिया के डायरेक्टर विवेक राठी के अनुसार होम लोन की ब्याज दर में 1 फीसदी की वृद्धि से घर खरीदने की क्षमता 7.4 फीसदी कम हो जाती है. हम बढ़ती ब्याज दर और संपत्ति की बढ़ती कीमतों के माहौल में हैं, अगर यह इनकम से ज्यादा होता है तो यह अफॉर्डिबिलिटी प्रेशर क्रिएट करेगा. मौजूदा समय में, मजबूत इमकम ग्रोथ होमबॉयर की अफॉर्डिबिलिटी के लिए सपोर्टिव है. इसलिए, घर का मालिक बनने के लिए कंफर्टेबल अफॉर्डिबिलिटी लेवल निकट अवधि में स्ट्रांग हाउसिंग सेल्स की गति को को बनाए रखने में मदद कर सकता है.
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प्रॉपर्टी की कीमत में होगा इजाफा
संपत्ति विश्लेषकों के एक रायटर सर्वे के अनुसार, भारत में संपत्ति की कीमतों में इस वर्ष पैन इंडिया बेसिस पर 7.5 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है. 13 संपत्ति विश्लेषकों का मतदान 11-27 मई के दौरान हुआ था. मार्च के एक सर्वे में, विश्लेषकों ने इस वर्ष के लिए 5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद की थी. रॉयटर्स पोल के अनुसार, इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित मुंबई और दिल्ली में कीमतें इस साल और अगले साल 4 फीसदी से 5 फीसदी के बीच बढ़ने की उम्मीद है. अगले दो वर्षों के दौरान बेंगलुरु और चेन्नई में कीमतें 5.5 फीसदी से 6.5 फीसदी बढ़ने का अनुमान है.
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