डीएनए हिंदी: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया एक बार फिर अपने प्लान्स की कीमत में बढ़ोतरी कर सकती है. कंपनी के एक टॉप-लेवल अधिकारी ने कहा कि इस साल टैरिफ को दोबारा महंगा किया जा सकता है लेकिन यह पिछले साल नवंबर में किए गए टैरिफ हाइक और मार्केट रिएक्शन पर निर्भर करेगा. कंपनी के एमडी (MD) और सीईओ रविंदर टक्कर ने कहा है कि करीब एक महीने की सर्विस के लिए 99 रुपये की न्यूनतम कीमत तय की गई है जो 4जी सर्विस का इस्तेमाल करने वालों के लिए महंगा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस साल एक बार फिर से प्लान्स को महंगा किया जा सकता है. पिछले साल नवंबर में कंपनी ने अपनी टैरिफ दरों को बढ़ाया था.

कंपनी ने टैरिफ दरों में की बढ़ोतरी 

कंपनी ने प्रीपेड प्लान्स की टैरिफ दरों में 20-25% तक इजाफा किया था. कंपनी का 79 रुपये का बेस प्लान 99 रुपये का हो गया इसके अलावा 149 रुपये का प्लान अब 179 रुपये का हो गया है. कंपनी का 219 रुपये का प्लान 269 रुपये का हो गया. 249 रुपये वाला प्रीपेड प्लान अब 299 रुपये में मिल रहा है तो वहीं 399 रुपये वाले प्रीपेड प्लान की कीमत बढ़ाकर 479 रुपये कर दी गई. प्लान्स महंगा करने से कंपनी को वित्तीय संकट से उबरने में भले ही मदद मिली हो लेकिन उसका सब्सक्राइबर बेस कम हो गया है. सब्सक्राइबर बेस के मामले में वोडाफोन-आइडिया एयरटेल और जियो से काफी पीछे है. वोडाफोन-आइडिया का सब्सक्राइबर बेस एक साल में 26.98 करोड़ के घटकर 24.72 करोड़ पर आ गया है. टैरिफ महंगे होने के बावजूद भी कंपनी के ARPU यानी प्रति यूजर औसत रेवेन्यू में 5% की कमी आई है
और यह 115 रुपये हो गया है जो साल 2020-21 की इसी तिमाही में 121 रुपए पर था. अगर कंपनी और ज्यादा टैरिफ बढ़ाती है तो वोडाफोन आइडिया यूजर्स का फोन बिल महंगा हो जाएगा जिससे वो ग्राहक उन कंपनियों में अपना नंबर पोर्ट करा सकते है जहां उनको सस्ती सर्विस मिल रही है. वोडाफोन आइडिया पर भारी भरकम कर्ज है. कंपनी को 1 साल में 28 हजार करोड़ रुपये की देनदारी चुकानी है. वोडाफोन को नॉन कनर्विटेबल डिबेंचर्स का 6 हजार करोड़ का प्रिंसिपल अमाउंट चुकाना है. बता दें कि मार्च 2022 तक AGR के 8 हजार करोड़ चुकाने है. स्पेक्ट्रम फीस अप्रैल 2022 तक 8 हजार 200 करोड़ की चुकानी है, वहीं अक्टूबर 2022 में फिर से 2 हजार 900 करोड़ की स्पेक्ट्रम फीस चुकानी है और चालू कारोबारी साल में 2000 करोड़ के दूसरे कर्ज चुकाने हैं.

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कितने साल में चुकाना है कर्ज 

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को एजीआर के तौर पर अगले 10 साल में 60 हजार करोड़ रुपये चुकाने हैं. इसके अलावा वोडाफोन आइडिया पर 8 बैंकों का 30 हजार करोड़ रुपये बकाया है. हालांकि घाटे से जूझ रहे वोडाफोन आइडिया के लिए ये कर्ज चुकाना आसान नहीं होगा. अगर वोडाफोन आइडिया पैसा जुटाने में फेल होती है तो आगे इसके लिए और दिक्कत बढ़ सकती है. इस बीच वोडाफोन आइडिया के शेयर में पैसा लगाने वाले निवेशकों को भी नुकसान हो रहा है. 5 ट्रेडिंग सेशन में वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) का शेयर 5 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. महीने से शुरुआत में वोडाफोन आइडिया का शेयर प्राइस 15 रुपये 55 पैसे था जो आज 11 रुपये 20 पैसे पर आ गया है. कंपनी पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का भारी भरकम कर्ज है साथ ही साथ कंपनी को मार्च तिमाही में 7 हजार करोड़ का घाटा हुआ है. ऐसे में वोडाफोन आइडिया को कारोबार चलाने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. अगर इसका इंतजाम नहीं हुआ तो कंपनी का भविष्य खतरे में आ सकता है.

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Vodafone Idea: There was an increase in tariff rates in November last year, there may be changes in plans agai
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Vodafone Idea: पिछले साल नवंबर में टैरिफ दरों में हुई थी बढ़ोतरी
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Vodafone Idea: पिछले साल नवंबर में टैरिफ दरों में हुई थी बढ़ोतरी, फिर से हो सकते हैं प्लान्स में बदलाव