डीएनए हिंदीः नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक को दिवालिया घोषित कर दिया है. इसका असर 25 हजार घर खरीदारों पड़ सकता है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) द्वारा बकाया भुगतान नहीं भरने के लिए दायर याचिका के जवाब में यह निर्णय लिया है.
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने यूबीआई वित्तीय लेनदार द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर यह निर्णय लिया गया है. वहीं इसके जवाब में सुपरटेक डेवलपर की तरफ से एनसीएलटी के इस कदम के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील दायर करने की बात सामने आ रही है.
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रियल एस्टेट फर्म ने कहा कि "चूंकि कंपनी की सभी परियोजनाएं वित्तीय रूप से व्यवहार्य हैं इसलिए किसी भी पार्टी या वित्तीय लेनदार को नुकसान होने की कोई संभावना नहीं है. यह आदेश किसी अन्य सुपरटेक ग्रुप कंपनी के संचालन को प्रभावित नहीं करेगा."
सुपरटेक डेवलपर ने कहा कि एनसीएलटी के इस आदेश से चल रही परियोजनाओं या निर्माण कार्य प्रभावित नहीं होगा और हम आवंटियों को इकाइयों के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारे पास पिछले 7 वर्षों के दौरान 40,000 से अधिक फ्लैट देने का एक मजबूत रिकॉर्ड है और हम इसे जारी रखेंगे.
सुपरटेक डेवलपर ने 'मिशन कंप्लीशन - 2022' के तहत कहा, हमने दिसंबर 2022 तक 7,000 यूनिट्स देने का लक्ष्य रखा है. उनका कहना है कि इस फैसले का सुपरनोवा, ओआरबी, गोल्फ कंट्री, एचयूईएस, अजैला, एस्क्वायर, वैली, बसेरा, मेट्रोपोलिस मॉल, पेंटागन मॉल और होटलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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इस महीने की शुरुआत में अधिकारियों ने घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 22 मई को नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक के एपेक्स और सियान को गिराने का आदेश दिया था क्योंकि इन इमारतों का निर्माण गाइडलाइन का उल्लंघन करके किया गया था.
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