डीएनए हिंदी: देश में निवेश करने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. नई उम्र के युवा निवेश के पारंपरिक तरीकों को छोड़ अब शेयर मार्केट में निवेश करने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं. इसका असर ये हुआ है कि भारत में खुदरा निवेशकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. इसके चलते 2019 से अब तक करीब दोगुने Demat Account खुल चुके हैं.
SEBI के चेयरमैन ने जताई खुशी
निवेशकों के हितों और आर्थिक मामलों पर अपनी तीखी नजर रखने वाली संस्था SEBI के चेयरमैन चेयरमैन अजय त्यागी ने बताया, "बाजार और ब्रोकरेज कंपनियों ने पिछले दो दशकों में जो चीजें हासिल की थीं उसे अब महज दो सालों में ही हासिल कर लिया गया है. यह बात डीमैट अकाउंट्स (Demat Accounts) की संख्या से पता चलती है, जो नवंबर, 2021 की स्थिति के मुताबिक, 7.7 करोड़ पर पहुंच गई है. मार्च 2019 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या 3.6 करोड़ थी."
SEBI के चेयरमैन त्यागी ने कहा, "ग्लोबल ट्रेंड के मुताबिक हमने भी पूंजी बाजार में कदम रखने वाले व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है. वित्त वर्ष 2019-20 से हर महीने औसतन 4 लाख नए डीमैट अकाउंट्स खोले गए. यह 2021 में तीन गुना बढ़कर 20 लाख प्रति माह हो गया और नवंबर, 2021 में बढ़कर लगभग 29 लाख प्रति माह हो गया. यह वित्त वर्ष 2019-20 यानी प्री-कोविड लेवल के मुकाबले सात गुना से भी ज्यादा है."
युवाओं की बढ़ी दिलचस्पी
भारत में तेजी से बढ़े निवेशकों की संख्या को लेकर अजय त्यागी ने कहा, "वास्तव में क्यूम्यलेटिव डीमैट अकाउंट्स की संख्या नवंबर, 2021 में बढ़कर 7.7 करोड़ पहुंच गयी जो मार्च, 2019 में 3.6 करोड़ थी. वास्तव में जो चीजें दो दशक से अधिक समय में हासिल की गयी थीं, उसे करीब ढाई साल में ही प्राप्त कर लिया गया."
वहीं इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि कोरोना काल के दौरान युवाओं की रुचि तेजी से बढ़ी है. जानकारी के मुताबिक करीब 10 लाख डीमैट अकाउंट्स खोले गए हैं. इसमें 75 फीसदी निवेशक 30 साल से कम उम्र के हैं जो कि युवाओं की निवेश में बढ़ती हिस्सेदारी का संकेत दे रहा है.
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