डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले श्रावस्ती के रहने वाले किसान आसिफ अजीज सिद्दीकी फूलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. आसिफ ना सिर्फ आत्मनिर्भर हुए बल्कि वह कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. दरअसल जमुनहा क्षेत्र के नदईडीह गांव के रहने वाले आसिफ अजीज सिद्दीकी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद नौकरी शुरू की. वह बाराबंकी के रहने वाले अपने एक दोस्त के यहां घूमने गए थे जहां उन्होंने फूलों की खेती देखी. इसके बाद आसिफ के मन में भी आत्मनिर्भर होने की लालसा जाग उठी. उन्होंने नौकरी छोड़ हरियाणा के करनाल से इंडो इजराइल प्रोजेक्ट के तहत पॉली हाउस में खेती करने का गुर सीखा.
कृषि विभाग से मिला 29 लाख का अनुदान
आसिफ ट्रेनिंग लेने के बाद वापस अपने गांव आ गए और सरकार की तरफ से दिए जा रहे अनुदान का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग से सम्पर्क किया. आसिफ को विभाग से करीब 29 लाख का अनुदान मिला. उन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन में 58 लाख की लागत से एक पॉली हाउस बनवाया. यहां हालैंड के फूल जरबेरा की खेती शुरू की और एक शानदार मिसाल कायम की.
फूलों की खेती से सालाना 15 लाख रुपये कमाते हैं
आसिफ बताते हैं कि उनके खेतों से प्रतिदिन चार से पांच हजार फूल तोड़े जाते हैं जिन्हें वह पैक करवाकर लखनऊ की फूल मंडी भेज देते हैं. उन्हें फूल बेचकर अच्छी कीमत मिल जाती है. वे बताते हैं कि शादी-विवाह के सीजन में इन फूलों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. इस खेती से आसिफ हर साल औसतन 14 से 15 लाख रुपये कमाते हैं. आसिफ ने अपने साथ-साथ कई अन्य लोगो को इस खेती के माध्यम से रोजगार भी दिया है.
नेपाल में हो चुके हैं पुरस्कृत
आसिफ अजीज सिद्दीकी को पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित अंतराष्ट्रीय पुष्प मेले में फूलों की उन्नत खेती के लिए प्रथम पुरस्कार भी मिल चुका है. आसिफ ने आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश के किसानों और युवाओं के लिए एक मिशाल पेश की है.
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