डीएनए हिंदी: बैंक अकाउंट्स को लेकर एक बड़ी ख़बर सामने आई है जिसमें Multiple Bank Accounts वाले ग्राहकों को दिक्कत हो सकती है. ऐसे में लोगों को आर्थिक नुकसान के साथ कई अन्य दिक्कतें हो सकती हैं. इस मामले में टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स भी सिंगल एकाउंट रखने की सलाह देते हैं उनका कहना है कि सिंगल बैंक अकाउंट रहने पर रिटर्न फाइल करना आसान है

क्या हैं ज्यादा बैंक अकाउंट्स के नुकसान 

दरअसल अगर आपके कई बैंकों में अकाउंट हैं तो सबसे पहला नुकसान मेंटेनेंस को लेकर है. हर बैंक का अपना अलग-अलग मेंटिनेंस चार्ज, डेबिट कार्ड चार्ज, SMS चार्ज, सर्विस चार्ज, मिनिमम बैलेंस चार्ज होता है. ऐसे में जितने बैंकों में अकाउंट होंगे, आपको उसके अलग-अलग चार्जेज देने होंगे. साथ ही अगर मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं तो इसके बदले बैंक तगड़ा चार्ज वसूलते हैं.

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एक अकाउंट के फायदे 

वहीं एक अकाउंट रखने वाले लोग फायदे होते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर सिंगल बैंक अकाउंट है तो रिटर्न फाइल करना आसान होता है क्योंकि आपकी कमाई की पूरी जानकारी सिंगल अकाउंट में रहती है. ज्यादा अकाउंट होने पर आपको नोटिस भी आ सकता है लेकिन एक के साथ ऐसा कोई झंझट नहीं है. 

मिनिमम बैलेंस का बुरा गणित

अगर आपका मल्टीपल बैंक अकाउंट है तो हर महीने हजारों रुपये केवल मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने में लग जाएंगे. इससे आपके इन्वेस्टमेंट पर असर होता है. जिस पैसे पर आपको कम से कम 7-8 फीसदी का रिटर्न मिलना चाहिए, वह पैसा आपका मिनिमम बैलेंस के रूप में रखा रहेगा. इसी पैसे को सही जगह निवेश करने पर 7-8 फीसदी तक का रिटर्न आसानी से पाया जा सकता है.

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अलग-अलग बैंक लेते हैं विभिन्न दरों के तहत चार्जेस
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