डीएनए हिंदी: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने 25 फरवरी को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन (Anand Subramanian) को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि वह NSE की पूर्व CEO और MD चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) कर चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर थे. कयास लगाया जा रहा है कि चित्रा ने हिमालय के जिस योगी से सलाह लेने की बात कही थी वह सुब्रमण्यन ही थे. बता दें कि चेन्नई में तीन दिन तक सुब्रमण्यन से पूछताछ होने के बाद उन्हे गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान उनसे यह भी पूछा गया कि उन्हे NSE के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर के पद पर नियुक्ति कैसे मिली. साथ ही चित्रा और उनके जुड़ाव के बारे में भी पूछताछ की गई.
सुब्रमण्यन ने कब संभाला था पद
सुब्रमण्यन ने 1 अप्रैल 2013 से NSE में चीफ स्ट्रेटेजिक एडवाइजर थे और बाद में उनका पद बदलकर ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और चित्रा रामकृष्ण का एडवाइजर कर दिया गया था. इस पद पर वह 1 अप्रैल 2015 से 21 अक्टूबर 2016 तक रहे.
इसमें जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात है वह यह कि सुब्रमण्यन और उनकी पत्नी ने NSE में साल 2013 में एक साथ कदम रखा था. उस दौरान उनकी पत्नी सुनीता आनंद को 60 लाख रुपए का पैकेज दिया गया था और वह चेन्नई के क्षेत्रीय कार्यालय एकिन बतौर सलाहकार नियुक्त की गईं थी. कुछ समय बाद पति-पत्नी के पैकेज में बहुत बड़ा अंतर आ गया. सुनीता आनंद की सैलरी सिर्फ तीन साल में बढ़कर लगभग 1.33 करोड़ रूपए हो गए.
कोलेकेशन फैसिलिटी में घोटाले का है मामला
CBI ने हाल में चित्रा रामकृष्ण, आनंद सुब्रमण्यन और रवि नारायण से पूछताछ की थी. बता दें कि साल 2018 में सामने आए मिलीभगत से जुड़े नए फैक्ट्स के साथ तीनों से दिल्ली और मुंबई में। पूछताछ की गई थी. इस पूछताछ में प्राइवेट इंडिविजुअल्स, एनएसई (NSE) और सेबी (SEBI) के अज्ञात अधिकारियों को एनएसई के सर्वर की पहुंच और कोलोकेशन फैसिलिटी (NSE Colocation Case) का गलत इस्तेमाल करने का आरोपी बनाया गया था. फिलहाल CBI ने पेपर जब्त कर लिए हैं.
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NSE Colocation Case: आनंद सुब्रमण्यन किए गये चेन्नई से गिरफ्तार, CBI ने जब्त किए पेपर