डीएनए हिंदी: पिछले कुछ वर्षों में अनेकों घोटालेबाजों ने धोखाधड़ी से देश को आर्थिक चपत लगाई है. नीरव मोदी (Nirav Modi) से लेकर मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) और विजय माल्या (Vijay Mallya) तो बस कुछ चर्चित नाम हैं लेकिन देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान जानकारी दी है कि इस वक्त प्रवर्तन निदेशालय (ED) 4,700 मामलों की जांच कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अब तक माल्या, चोकसी और नीरव मोदी से सरकार ने कितनी वसूली की है.
किन मामलों की जांच कर रहा है ईडी
दरअसल, देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने घोटालेबाजों और उन पर हो रही कार्रवाई समेत वसूली के मुद्दे पर जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले पांच वर्षों में 2016 से 2021 के दौरान ईडी ने जांच के लिए पीएमएलए के सिर्फ 2,086 मामले स्वीकार किए थे जबकि ऐसे मामलों के लिए 33 लाख FIR दर्ज की गईं थीं.
अब तक कितनी हुई वसूली
इसके साथ ही तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि देश के सबसे बड़े घोटालेबाजों में चर्चित नाम यानी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से फ्रॉड केस में बैंकों का 18000 करोड़ रुपया वसूल गया है. तुषार मेहता ने बताया है कि इन भगोड़ों को भारत लाने के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा कोशिशें की जा रही हैं.
67,000 करोड़ रुपये के आर्थिक अपराध
गौरतलब है कि तुषार मेहता ने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में धनशोधन निवारण कानून (Prevention of Money Laundering Act, 2002) से जुड़े कुल मामलों में 67000 करोड़ रुपये मूल्य के आर्थिक अपराध शामिल हैं.
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आपकों बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की यह बेंच पीएमएलए के तहत अपराध की आय की तलाशी, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. जस्टिस एएम खानविलकर के अलावा इस बेंच में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार शामिल हैं.
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