डीएनए हिंदी: चीनी की कीमतों (Sugar Price) के बढ़ने की आशंका और घटते भंडारण के चलते मोदी सरकार (Modi Government) एक बड़ा एक्शन ले सकती है. ऐसे में रॉयटर्स की एक खबर बताती है कि केंद्र सरकार घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों पर नियत्रंण के लिए 6 साल में पहली बार चीनी के निर्यात पर नियत्रंण लगा सकती है. इसे एक बड़ा झटका माना जाता है.
चीनी कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट
खबरों के मुताबिक अगले महीने की शुरुआत में घोषणा हो सकती है. वहीं इस खबर के सामने आने के बाद शुक्रवार के कारोबारी सत्र में शेयर मार्केट में चीनी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है. धामपुर चीनी मिल्स और बलरामपुर चीनी मिल्स 5 फीसदी टूट गए. वहीं द्वारिकेश शुगर 6 फीसदी तक गिर गया है.
जानकारी के मुताबिक देश में चीनी का उत्पादन अपने रिकॉर्ड हाई पर है लेकिन लगातार हो रहे निर्यात चलते इसका भंडार लगातार कम हो रहा है. अनियंत्रित निर्यात के चलते देश में चीनी की कमी हो सकती है जिसके चलते इसकी कीमतें आसमान छु सकती है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर चीनी निर्यात पर कैप लगाने की तैयारी में है.
सबसे बड़ा निर्यातक है भारत
जानकारी के मुताबिक सरकार की योजना इस पेराई सीजन में एक्सपोर्ट की लिमिट 80 लाख टन तय करने की है. वहीं सरकार एक्सपोर्ट्स को हतोत्साहित करने के लिए लेवी लगाने पर भी विचार कर रही है. आपको बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक है.
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ऐसे में अगर यह निर्यात पर किसी तरह का नियत्रंण लगाता है तो ग्लोबल शुगर प्राइस में तेजी देखने को मिल सकती है लेकिन भारत सरकार घरेलू बाजार की महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित है और ऐसे में सरकार चीनी की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए तैयारी कर रही है.
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